क्या है हेपेटाइटिस/पीलिया (जॉन्डिस)?

Published by Aahar Chetna on

पीलिया (जॉन्डिस) रोग अधिकांशतः पानी की अशुद्धि के कारण होता है। इसका मुख्य कारण शरीर में सही ढंग से खून ना बनना है। इस कारण शरीर में पीलापन आ जाता है। सबसे पहले आँखों में पीलापन आता है उसके बाद शरीर और मूत्र पीला होता है।

भूख न लगना, भोजन को देखकर उल्टी आना, मुँह का स्वाद कड़वा होना, नाड़ी की गति धीरे चलना आदि लक्षण हैं। इसके साथ-साथ शरीर में खुजली, अनिद्रा और कमजोरी महसूस होती है।

पीलिया के घरेलू उपचार :-

  • पीलिया की बीमारी की सबसे अच्छी दवा है चूना। गन्ने के रस में या मौसम्बी, संतरा, अंगूर के रस में मिलाकर देने से लगातार 15 दिन से 30 दिन में ये बीमारी ठीक हो जाती है।

  • कड़वे नीम के कोमल पत्तों का रस निकालकर उसमें मिश्री मिलाकर गरम करें। ठंडा होने पर रोगी को पिलायेँ। पीलिया जड़ से खत्म हो जाएगा।
  • त्रिफला चूर्ण शहद में मिलाकर सुबह-शाम चाटने से पीलिया में काफी लाभ मिलता है।

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  • त्रिफला चूर्ण का काढ़ा बनाएँ उसमें मिश्री और घी मिलाकर सेवन करें।
  • बेल के पत्तों का रस निकालकर उसमें चुटकी भर काली मिर्च का चूर्ण मिलाएँ और सुबह-शाम दो-दो चम्मच पीये।
  • बथुए के बीज का चूर्ण बनाकर सुबह-शाम एक-एक चम्मच सादा पानी के साथ सेवन करें।

होमियोपैथी दवा

पीलिया होने पर Nux Vomica-30, 2-2 बूंद दिन में तीन बार 10-12 दिन तक लें।

 


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