Urine Infection के कारण और लक्षण उपचार क्या हैं? | Urine Infection in Hindi
Urine Infection के कारण और लक्षण उपचार क्या हैं? | Urine Infection in Hindi
आपको पेशाब करते समय जलन और दर्द होता है? पेशाब में खून भी आता है? पेशाब में मवाद आता है? बार-बार पेशाब करने का मन करता है, और जब करते हैं तो पूरा पेशाब नहीं निकलता? यह पेशाब में संक्रमण के लक्षण हैं। छोटे बच्चों में बुखार के साथ उल्टी एवं भूख ना लगना भी मूत्र मार्ग में संक्रमण के लक्षण होते हैं। यूरिन में इंफेक्शन के दौरान कई लोगों को मतली भी आती है। Urinary Tract Infection (UTI) यह समस्या महिला एव पुरुष दोनों में दिखाई देती है पर आज कल महिलाओ में ज्यादातर दिखाई देती है। मूत्र का संक्रमण (urine infection symptoms) पुरुषों (urine infection men)की तुलना में महिलाओं में अधिक देखा जाता है। प्रत्येक महिला को जीवन में कभी ना कभी यूरिन इंफेक्शन की समस्या होती है। कई महिलाओं को यह बीमारी अनेक बार भी हो सकती है। इसलिए आइए जानते हैं कि आप पेशाब में संक्रमण के लिए कौन-कौन से घरेलू उपाय (home remedies in hindi)कर सकते हैं।
मूत्र पथ में संक्रमण (यूरिन इंफेक्शन) होना क्या है (What is Urine Infection in Hindi?)
मूत्र का संक्रमण बैक्टेरियाजनित संक्रमण होता है। यह संक्रमण मूत्र-पथ (पेशाब करने के रास्ते) के एक हिस्से को संक्रमित करता है। जब यह निचले हिस्से को प्रभावित करता है, तब इसे सामान्य मूत्र संक्रमण या मूत्राशय में होने वाली सूजन कहा जाता है। जब यह ऊपरी मूत्र-पथ को प्रभावित करता है, तो इसे गुर्दे का संक्रमण कहा जाता है।
गर्भवती महिलाओं में भी मूत्र संक्रमण होने का खतरा बना रहता है। इसके लिए प्रसव से पहले ही उनके मूत्र की जाँच कराई जाती है। बैक्टीरिया मूत्र-पथ को दो प्रकार से संक्रमित करते हैं। रक्त से गुर्दों में जाकर मूत्र-पथ को संक्रमित करते हैं, या फिर मूत्र-मार्ग के द्वारा घुसकर मूत्र-पथ को संक्रमित करते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, गंदे शौचालयों और शौचालयों की कमी के कारण भारत में लगभग 50 फीसदी महिलाएँ यू.टी.आई. से पीड़ित होती हैं।
मूत्र पथ में संक्रमण होने के कारण (Urine Infection Causes in Hindi)
मूत्र में संक्रमण की समस्या के ये कारण हो सकते हैंः-
- महिलाओं में होने वाले संक्रमण का सबसे बड़ा कारण वैस्टर्न स्टाइल के टॉयलेट हैं। इसके साथ ही अस्वच्छ शौचालयों का इस्तेमाल करने से भी यह रोग होता है।
- बहुत देर तक पेशाब रोककर रखने की आदत के कारण।
- यह संक्रमण अधिकतर इ.कोली (E.Coli)बैक्टेरिया के कारण होता है। यह बैक्टेरिया सामान्य रूप से पाचनतंत्र में मौजूद होता है। क्लेमेडिया (Chlamydia)और माइकोप्लाज़म (Mycoplasma) बैक्टेरिया से भी मूत्रमार्ग का संक्रमण होता है।
- पथरीके कारण मूत्र का प्रवाह रुकने पर मूत्र मार्ग में संक्रमण होता है।
- गर्भावस्था के दौरान।
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली
- कई लोगों के साथ एवं असुरक्षित यौन संबंध बनाने के कारण।
- स्वच्छता की कमी।
- गर्भनिरोधक का उपयोग।
- डायबिटीज (शुगर)
- एंटीबायोटिक दवाओं का अधिक प्रयोग।
मूत्र मार्ग में संक्रमण के लक्षण (Urine Infection Symptoms in Hindi)
आप मूत्र पथ में संक्रमण की पहचान इन लक्षणों (urine infection symptoms) से कर सकते हैंः-
- बुखार लगभग 101 डिग्री से कम रहना और ठण्ड लगना।
- अस्वस्थ महसूस करना।
- छोटे बच्चों में बुखार के साथ उल्टी आना।
- भूख ना लगना।
- कमर दर्द।
- मितली आना।
- मूत्र त्याग करते समय जलन एवं दर्द।
- बार-बार मूत्र त्यागना।
- मूत्र में रक्त का आना।
- मूत्र में मवाद आना।
- एक बार में मूत्र का पूरी तरह से ना आना।
- बार-बार तेज पेशाब आने जैसा महसूस होना, लेकिन परेशानी के साथ थोड़ी-सा पेशाब आना।
- नाभि से नीचे पेट में दर्द एवं भारीपन होना।
- गंदला एवं गहरे रंग का बदबूदार पेशाब आना।
- बुजुर्गो में हाइपोथर्मिया (Hypothermia), भूख ना लगना और सुस्ती।
Urine Infection Test
इन लक्षणों से जब मरीज डॉक्टर के पास आते है , तो डॉक्टर urine test करवाते है जिससे पता चलता है की urine infection है या नहीं | लेकिन अगर डॉक्टर को लगता है मरीज को injection की treatment भी लग सकती है पेशेंट के symptoms के हिसाब से या भर्ती भी करना पड़ सकता है डॉक्टर Urine culture test करवाते है।
Urine Culture test में मरीज का sample antibiotic लेने से पहले की जाती है और इसका एक अलग तरीका होता है sample collect करने का। एक बार इसका रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर्स antibiotics बदल के देते है।
How to prevent UTI
इस वक्त Complete antibiotic का course करना काफी महत्वपूर्ण होता है। अगर antibiotic की कोई भी allergy हो रही हो तो सबसे पहले अपने डॉक्टर को बताइये। तज्ञ डॉक्टर की सलाह से ही ये antibiotics लीजिये।
- पानी का सेवन अच्छे मात्रा में कीजिये।
- आपने private parts को साफ़ रखिये।
- अगर कोई समस्या है तो तज्ञ डॉक्टर की सलाह लीजिये।
- संतुलित आहार का सेवन कीजिये।
- Urine frequently pass कीजिये , बिना पेशाब किये ६-८ घंटे ना रहिये।
- औरतो में intimate washes का इस्तमाल ज्यादा ना कीजिये क्योकि इससे हमारे शरीर मेसे अच्छे bacterias मर जाते है और urine infection की सम्भावना बढ़ती है।
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