कैविटी (दांतों में कीड़े) के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Tooth Cavity Treatment in Hindi
कैविटी (दांतों में कीड़े) के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Tooth Cavity Treatment in Hindi
दिन-ब-दिन बढ़ती बीमारियों के चलते लोग सेहत के प्रति सजग तो हो रहे हैं, लेकिन ओरल हेल्थ पर ध्यान नहीं देते। जी हां, आज भी कई लोग खाना खाने के बाद कुल्ला करना और रात में सोने से पहले मुंह की अच्छे से सफाई करना भूल जाते हैं। साथ ही ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जिनकी दिनचर्या में ये आदतें शामिल ही नहीं हैं। नतीजन आगे चलकर मुंह से संबंधित बीमारियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें दांतों में कैविटी यानी दांतों में कीड़े लगना भी शामिल है।
कैविटी क्या है – What is Tooth Cavity in Hindi
मुंह में कई सारे बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। इनमें से कुछ बैक्टीरिया मौखिक स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं, जिनके कारण मुंह से संबंधित समस्याएं होने लगती हैं। ये बुरे बैक्टीरिया मुंह में एसिड बनाते हैं और दांतों की कठोर परत (एनामेल) को नष्ट करने लगते हैं। इस कारण दांतों का क्षय (Tooth decay) होता है।
दांतों का क्षय होने से उनमें छोटे-छोटे छेद हो जाते हैं, जिन्हें हम कैविटी कहते हैं। यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन बच्चे इस समस्या की चपेट में आसानी से आ जाते हैं। यदि दांतों की सड़न का इलाज नहीं किया जाता है, तो इसके कारण दर्द, संक्रमण और कई सारी बीमारियां हो सकती हैं ।
कैविटी के लक्षण – Tooth Cavity Symptoms in Hindi
शुरुआती दौर में कैविटी के कोई भी लक्षण नजर आते, लेकिन समस्या बढ़ने पर कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं। आइए, कुछ बिंदुओं के माध्यम से उनके बारे में जानते हैं :
- दांत में हल्का या तेज दर्द
- खाद्य या पेय पदार्थों से दांतों में ठंडा या गर्म लगना
- दांतों पर सफेद या भूरे रंग के धब्बों का दिखना
- दांतों में छेद दिखाई देना
- मुंह का इंफेक्शन, जिससे मसूड़ों या चेहरे पर सूजन या फिर बुखार आना
कैविटी (दांतों में कीड़े) के कारण – Causes of Tooth Cavity in Hindi
जब भी हम कुछ खाते हैं या पीते हैं, तो उसके कुछ अंश हमारे दांतों के बीच अटके रह जाते हैं। दांतों की सफाई न करने से मुंह में मौजूद बैक्टीरिया खाने में मौजूद शुगर से एसिड बनाते हैं। यह एसिड एक पीले रंग की परत के रूप में दांतों पर जमा होने लगता है, जिसके कारण कैविटी हो जाती है। यह तो हो गया दांतों में कैविटी का मुख्य कारण। अब हम कुछ बिंदुओं के माध्यम से इसके अन्य कारणों के बारे में भी जान लेते हैं।
- चिपचिपे खाद्य पदार्थों का सेवन, जैसे कैंडी
- शुगर व स्टार्च वाले खाद्य या पेय पदार्थ जैसे दूध, सोडा व जूस का लगातार सेवन
- मुंह और दांतों की अच्छे से सफाई न करना
- मुंह का सूखापन यानी मुंह में लार की कमी
कैविटी के लिए कुछ घरेलू उपाय – Home Remedies for Cavity in Teeth in Hindi
कैविटी को हटाने के लिए डॉक्टर द्वारा बताए गए चिकित्सकीय इलाज के अलावा घर में कुछ घरेलू उपचार भी किए जा सकते हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे ही कैविटी हटाने के घरेलू उपचार के बारे में बता रहे हैं।
1. नारियल तेल से कुल्ला
सामग्री :
- एक चम्मच शुद्ध कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल
कैसे इस्तेमाल करें :
- नारियल तेल को मुंह में डालें।
- करीब दस मिनट तक इसे मुंह में अच्छे से घुमाते हुए कुल्ला करें।
- समय पूरा होने पर इसे थूक दें।
- बाद में दांतों को अच्छे से ब्रश और फ्लॉस (दांतों के बीच पतले धागे की मदद से की जाने वाली सफाई) कर लें।
- इस प्रक्रिया को प्रतिदिन एक बार दोहराएं।
कैसे है उपयोगी :
नारियल तेल का उपयोग दांतों की कैविटी को दूर कर सकता है। शोध के अनुसार, नारियल के तेल में लोरिक एसिड होता है। यह लार में मौजूद एसिड, जैसे – सोडियम हाइड्रोक्साइड और बाइकार्बोनेट के साथ मिलकर प्लाक को कम करता है और दांतों की सफाई में मदद कर सकता है। शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि लोरिक एसिड में एंटीमाइक्रोबियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो कैविटी को रोककर मौखिक स्वास्थ्य को बेहतर कर सकते हैं।
2. मुलेठी की जड़
सामग्री :
- मुलेठी की जड़ का एक टुकड़ा या पाउडर
कैसे इस्तेमाल करें :
- मुलेठी की जड़ या पाउडर से ब्रश करें।
- अच्छे से ब्रश करने के बाद पानी से कुल्ला करके मुंह साफ कर लें।
- इस प्रक्रिया को दिन में एक से दो बार दोहराएं।
कैसे है उपयोगी :
कैविटी की समस्या से राहत पाने के लिए मुलेठी की जड़ का उपयोग भी फायदेमंद हो सकता है। एक रिसर्च में इस बात की पुष्टि हुई है कि मुलेठी की जड़ में एंटी-कैविटी गुण होता है, जो कैविटी से बचाव कर सकता है। साथ ही इसका एंटी बैक्टीरियल गुण संक्रमण के कारण दांतों में होने वाली सड़न और प्लाक से बचाव कर सकता है ।
3. नीम
सामग्री :
- नीम की टहनी का एक टुकड़ा
कैसे इस्तेमाल करें :
- सबसे पहले नीम के टुकड़े के ऊपर वाले हिस्से को चबाकर नरम कर लें।
- जब उसके रेशे नरम हो जाएं, तो उसे दांतों पर 10 से 15 मिनट तक मलें।
- दांतों की अच्छी तरह सफाई हो जाने पर पानी से कुल्ला करें।
- इस प्रक्रिया को दिन में एक बार दोहराएं।
कैसे है उपयोगी :
सदियों से ही नीम का उपयोग दांतों की सफाई के लिए दातुन के रूप में किया जाता रहा है। नीम पर हुए शोध के अनुसार, इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होता है, जो ओरल कैविटी का कारण बनने वाले बैक्टीरिया के प्रभाव को कम कर सकता है।
इसके अलावा, नीम की छाल और पत्ती का अर्क भी प्रभावी रूप से कैविटी और मसूड़ों की बीमारी को रोकने के लिए किया जा सकता है। नीम के पत्तियों को पानी में उबालकर माउथ वॉश की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं ।
4. लौंग
सामग्री :
- दो से तीन बूंद लौंग का तेल
कैसे इस्तेमाल करें :
- सबसे पहले एक रूई का टुकड़ा लें।
- रूई के टुकड़े पर दो से तीन बूंद लौंग का तेल डालें।
- अब रूई के इस टुकड़े को प्रभावित दांत पर लगा लें।
- इस प्रक्रिया को रात में सोने से पहले करें और रात भर के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
- जब तक दांतों का दर्द दूर नहीं हो जाता, इस प्रक्रिया को प्रतिदिन रात में दोहरा सकते हैं।
- इसके अलावा, इस तेल को दांतों पर मलकर 10 से 15 मिनट के लिए छोड़ दें।
- फिर साफ पानी से कुल्ला कर लें।
कैसे है उपयोगी :
Tooth Cavity की वजह से होने वाले दर्द को कम करने के लिए लौंग के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। दरअसल, लौंग में यूजेनॉल नामक कंपाउंड होता है, जो दांत के दर्द को दूर कर सकता है। साथ ही यूजेनॉल कंपाउंड का इस्तेमाल डेंटिस्ट जिंक ऑक्साइड के साथ कैविटी को अस्थायी रूप से भरने के लिए भी करते हैं। इसी वजह से कैविटी और उसके कारण होने वाले दर्द को दूर करने में लौंग के तेल को सहायक माना जाता है।
5. लहसुन
सामग्री :
- तीन से चार लहसुन की कलियां
कैसे इस्तेमाल करें :
- लहसुन की कलियों को कुचल कर अच्छे से पेस्ट बना लें।
- अब इस पेस्ट को दांतों पर लगाएं और 10 मिनट के लिए छोड़ दें।
- समय पूरा होने पर साफ पानी से कुल्ला करें और फिर ब्रश कर लें।
- इस प्रक्रिया को प्रतिदिन एक बार दोहराने से आपको आराम मिलना शुरू हो जाएगा।
कैसे है उपयोगी :
लहसुन का उपयोग करके भी प्लाक और कैविटी की समस्या को दूर किया जा सकता है। एक शोध में पाया गया है कि लहसुन में मौजूद एंटी बैक्टीरियल और फंगीसाइडल गुण दांतों को कीड़ों से बचा सकते हैं। ये दोनों गुण कैविटी का कारण बनने वाले फंगस कैंडीडा एल्बीकैंस (Candida Albicans) को खत्म करके कैविटी से बचाव कर सकते हैं ।
6. नमक पानी का मिश्रण
सामग्री :
- एक चम्मच नमक
- एक गिलास गर्म पानी
कैसे इस्तेमाल करें :
- एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच नमक मिला लें।
- पानी गुनगुना हो जाने पर इससे कुल्ला करें।
- इस प्रक्रिया को दिन में करीब तीन से चार बार तक दोहराएं।
कैसे है उपयोगी :
नमक पानी के घोल से भी Tooth Cavity का उपचार किया जा सकता है। नमक पानी का नियमित रूप से उपयोग करने पर यह एंटीप्लाक एजेंट की तरह कार्य करता है। मतलब यह प्लाक को खत्म करके कैविटी से बचाव कर सकता है। इसके लिए 100 ml पानी में 4.7 ग्राम सोडियम क्लोराइड यानी टेबल साल्ट मिलाकर मुंह कुल्ला कर सकते हैं, जिससे प्लाक और हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म किया जा सकता है।
7. हल्दी
सामग्री :
- एक चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर
कैसे इस्तेमाल करें :
- हल्दी पाउडर को उंगली पर लेकर अपने दांतों और मसूड़ों पर मलें।
- अब 10 से 15 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
- फिर पानी से कुल्ला कर लें।
- इस प्रक्रिया को प्रतिदिन दोहरा सकते हैं।
कैसे है उपयोगी :
हल्दी का उपयोग भी दांत की समस्या में फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, हल्दी में करक्यूमिन कंपाउंड होता है, जो बैक्टीरिया को नष्ट करके दांतों में कैविटी होने से बचा सकते हैं। इतना ही नहीं, हल्दी से गिंगिवाइटिस (मसूड़ों में सूजन) और परियोडोंटिस (मसूड़ों का ढीलापन) से भी बचाव हो सकता है।
8. आंवला
सामग्री :
- एक चौथाई चम्मच आंवला चूर्ण
कैसे इस्तेमाल करें :
- आंवला चूर्ण को उंगली पर लेकर दांतों पर अच्छे से मल लें।
- अब इसे 10 से 15 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
- अंत में पानी से कुल्ला करके मुंह को अच्छे से साफ कर लें।
कैसे है उपयोगी :
आंवला का इस्तेमाल भी कैविटी से बचाव कर सकता है। दरअसल, इसमें एंटी माइक्रोबियल गुण होता है, जो मुंह में पनपने वाले हानिकारक बैक्टीरिया के खिलाफ प्रभावी असर दिखा सकता है। खासकर आंवला कैविटी पैदा करने वाले लैक्टोबैसिलस (Lactobacillus ) बैक्टीरिया को दूर करता है। इसी कारण से आंवले का चूर्ण और आंवला पानी से माउथवॉश करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से दांतों को कैविटी से बचा जा सकता है।
9. फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट
सामग्री :
- फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट
कैसे इस्तेमाल करें :
- फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट से अच्छे से ब्रश करें।
- बाद में पानी से कुल्ला करके मुंह को साफ कर लें।
- इसे नियमित रूप से दिन में दो बार इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे है उपयोगी :
फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट कैविटी को दूर करने सहायक हो सकता है। ऐसा करने से टूथपेस्ट में मौजूद फ्लोराइड दांत में आसानी से अवशोषित हो जाता है, जिससे दांत मजबूत होते हैं। शोध के मुताबिक, हर दिन फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट से ब्रश करने पर दांतों के क्षय को रोका जा सकता है। इस कारण हम यह कह सकते हैं कि फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट से ब्रश करके दांतों में कैविटी की समस्या से कुछ हद तक बचा जा सकता है।
10. शुगर फ्री गम
सामग्री :
- शुगर फ्री च्युइंग गम
कैसे इस्तेमाल करें :
- शुगर-फ्री च्युइंग गम को चबाएं।
- इस प्रक्रिया को दिन में एक से दो बार दोहराएं।
कैसे है उपयोगी :
Tooth Cavity का उपचार करने के लिए शुगर-फ्री च्युइंग गम का भी उपयोग किया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, शुगर-फ्री च्युइंग गम को चबाने से मुंह के बैक्टीरिया और कैविटी की समस्या दोनों से राहत मिल सकती है। साथ ही यह दांतों पर प्लाक (परत) को भी जमने नहीं देता। इस विषय पर स्पष्टता के लिए अधिक रिसर्च करने की भी सिफारिश की गई है।
0 Comments