अनिद्रा की कराह (the cry of insomnia)

Published by Aahar Chetna on

the cry of Insomnia

The Cry of  insomnia : तनाव भरी जिंदगी और देर रात तक मोबाइल यूज करने की वजह से रातों की नींद गायब हो जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो मोबाइल और लैपटॉप से निकलने वाली ब्लू किरणें न केवल आंखों के लिए नुकसानदेह है, बल्कि इससे नींद में भी खलल पैदा होती है। इसके अलावा, सोते समय कैफीन युक्त चीजों का सेवन करने से भी अनिद्रा(Insomnia)की समस्या होती है। इस स्थिति में व्यक्ति को देर रात तक नींद नहीं आती है। अगर आप भी अनिद्रा की समस्या से परेशान हैं और इससे निजात पाना चाहते हैं, तो घी का इस्तेमाल कर सकते हैं। कई शोधों में भी माना गया है कि घी के इस्तेमाल से अनिद्रा की समस्या में आराम मिलता है। 

अनिद्रा के प्रकार (types of insomnia)

अनिद्रा(Insomnia) कई प्रकार की हो सकती है, जिनमें व्यक्ति की नींद में अलग-अलग प्रकार की समस्याएं होती हैं। ये प्रकार व्यक्ति की नींद की अवस्था और उसके अनुभवों के आधार पर बदलते हैं।

1. यात्रिक अनिद्रा (Transient Insomnia): इस प्रकार की अनिद्रा किसी विशेष समयावधि में होती है और आमतौर पर कुछ दिनों या सप्ताहों के लिए होती है। यह आमतौर पर स्थान परिवर्तन, टाइम ज़ोन की परिवर्तन, तनाव, या किसी अद्यतन से हो सकती है।

2. आवश्यकतानुसार अनिद्रा (Short-Term or Acute Insomnia): इस प्रकार की अनिद्रा भी छोटी अवधियों के लिए होती है, लेकिन यह अधिक दिनों तक चल सकती है। इसके कारण तनाव, बदलते दिनचर्या, रोग, या किसी अच्छी नींद के परिणामस्वरूप उसकी नींद में विघटन हो सकता है।

3. क्रोनिक अनिद्रा (Chronic Insomnia): इस प्रकार की अनिद्रा लंबे समय तक चलती है, अक्सर कम से कम तीन महीने तक। यह अनिद्रा स्थायी रूप से व्यक्ति की नींद को प्रभावित करती है और उनके दिनचर्या, जीवनशैली, और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है।

4. अनुपातिक अनिद्रा (Onset Insomnia): यह अनिद्रा नींद की शुरुआत में होती है, जिससे व्यक्ति को नींद आने में समस्या होती है।

5. स्थिर अनिद्रा (Maintenance Insomnia): इस प्रकार की अनिद्रा में व्यक्ति नींद आने के बाद भी उसे बरकरार नहीं रख पाता है, जिससे वह रात के दौरान कई बार उठ जाता है।

6. उचित अनिद्रा (Inadequate Sleep or Behavioral Insomnia of Childhood): यह प्रकार बच्चों में देखा जा सकता है जब वे अपनी नींद की आदतों को सही तरीके से नहीं बना पाते हैं।

ये कुछ मुख्य अनिद्रा के प्रकार हैं, जो व्यक्ति की नींद की समस्या के अनुसार विभिन्न हो सकते हैं। यदि किसी को लगता है कि उन्हें अनिद्रा की समस्या है, तो वे एक चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए ताकि सही निदान और उपचार कर सकें।

अनिद्रा के लक्षण(symptoms of insomnia)

अनिद्रा(Insomnia) के लक्षण व्यक्ति के नींद में दिक्कत होने पर उपस्थित होते हैं और इन्हें नींद की मात्रा, गुणवत्ता और दिनभर की जीवनशैली पर भी असर पड़ सकता है। निम्नलिखित हैं कुछ आम अनिद्रा के लक्षण।

1. नींद में समस्या: व्यक्ति को नींद में दिक्कत होती है, जैसे कि वह समय पर सो नहीं पाता है, नींद में रुकावट होती है, या समायोजन नहीं होता है।

2. समय की बदलती आवश्यकता: व्यक्ति को सुबह जल्दी उठने की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन उन्हें रात को सोने में मुश्किल होती है।

3. दिनभर की थकान और अकेलापन: अनिद्रा से प्रभावित होने पर व्यक्ति दिनभर थका हुआ और उत्साहहीन महसूस कर सकता है।

4. आत्मसमर्पण में कमी: नींद की कमी से व्यक्ति के आत्मसमर्पण में कमी हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें कार्य में मन नहीं लगता है।

5. बढ़ी हुई तनाव और चिंता: अनिद्रा से ग्रस्त व्यक्ति की तनाव और चिंता बढ़ सकती है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।

6. रिफ्रेश न होने की भावना: व्यक्ति को सुबह उठकर आत्मा में पूरी तरह से ताजगी और आनंद की भावना नहीं हो सकती है।

7. रोज़ाना की दिनचर्या में बदलाव: अनिद्रा के कारण व्यक्ति की दिनचर्या में बदलाव हो सकता है, जैसे कि रात को लेट सोना और सुबह जल्दी उठना।

8. सांस लेने में मुश्किल: कुछ लोगों को अनिद्रा के कारण सांस लेने में भी मुश्किल हो सकती है और वे दिनभर में थकान महसूस कर सकते हैं।

यदि आप रात के समय सामान्य रूप से सो नहीं पाते हैं और इस कारण से आपको दिन में थकावट (Exhaustion)महसूस होती है, तो आप भी अनिद्रा से ग्रसित हो सकते हैं। उपर दिए गए लक्षणों में से कोई भी महसूस होने पर आपको एक बार डॉक्टर से संपर्क अवश्य कर लेना चाहिए। अनिद्रा एक ऐसा विकार है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है इसलिए डॉक्टर से बात करना जरूरी होता है।

अनिद्रा के कारण(reason to insomnia)

अनिद्रा के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं, जो हर व्यक्ति के स्वास्थ्य, उम्र लिंग, वातावरण और उसकी जीवनशैली पर निर्भर करते हैं। अनिद्रा (Insomnia) के प्रमुख कारणों व जोखिम कारकों में निम्न को शामिल किया जा सकता है।

1. मानसिक तनाव और चिंता: मानसिक तनाव, चिंता, और दुखभरे विचारों के कारण नींद में दिक्कत हो सकती है।

2. डिप्रेशन और अच्छी भावनाओं की कमी: डिप्रेशन और अच्छी भावनाओं की कमी भी नींद में दिक्कत का कारण बन सकती है।

3. अधिक तनाव और प्रेशर: दैनिक जीवन में अधिक तनाव और दबाव नींद में कमी का कारण बन सकते हैं।

4. केमिकल इम्बैलेंस: शरीर के अंदर केमिकल इम्बैलेंस नींद में दिक्कत का कारण बन सकते हैं।

5. रोज़ाना की जीवनशैली में बदलाव: अनियमित खानपान, ज्यादा कॉफी और उत्तेजनादायक पदार्थों का सेवन, स्क्रीनों का ज्यादा उपयोग आदि भी नींद की समस्या का कारण बन सकते हैं।

6. शारीरिक समस्याएँ: शारीरिक समस्याएँ जैसे कि दर्द, गठिया, दिल की समस्याएँ, उच्च रक्तचाप आदि भी नींद को प्रभावित कर सकती हैं।

7. रोग और उपचार: कुछ रोग और उपचार, जैसे कि अस्थमा, गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल समस्याएँ, थायरॉयड प्रॉब्लम्स आदि भी नींद में दिक्कत का कारण बन सकते हैं।

8. यात्रा और टाइम जोन की परिवर्तन: यात्रा के दौरान और टाइम जोन की परिवर्तन के कारण भी नींद में दिक्कत हो सकती है।

9. नींद की ह्यीजीन: यदि व्यक्ति के पास अच्छे स्वपनकोण और नींद के लिए साफ माहौल नहीं है, तो नींद में दिक्कत हो सकती है।

10. दवाओं का सेवन: कुछ दवाएँ नींद को प्रभावित कर सकती है, जैसे कि दिल की दवाएँ, एंटीडिप्रेसेंट्स, कॉफीन की दवाएँ, और स्लीप एड पिल्स आदि।

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अनिद्रा के जोखिम कारक(Risk Factors for Insomnia)

अनिद्रा कई स्वास्थ्य समस्याओं और जीवनशैली कारकों के संयोजन से हो सकती है। निम्नलिखित हैं कुछ जोखिम कारक जिनका आपकी नींद पर असर हो सकता है

1. मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ: डिप्रेशन, अच्छी भावनाओं की कमी, अधिक तनाव, और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ नींद में दिक्कत के कारण बन सकती हैं।

2. शारीरिक समस्याएँ : दर्द, गठिया, दिल की समस्याएँ, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, थायरॉयड प्रॉब्लम्स आदि भी नींद को प्रभावित कर सकती हैं।

3. जीवनशैली: अनियमित खानपान, ज्यादा कॉफी और उत्तेजनादायक पदार्थों का सेवन, स्क्रीनों का ज्यादा उपयोग, और व्यायाम की कमी भी नींद को प्रभावित कर सकते हैं।

4. अधिक तनाव और प्रेशर : दैनिक जीवन में अधिक तनाव और दबाव नींद में कमी का कारण बन सकते हैं।

5.विभिन्न समय पर सोने और उठने की आदतें : अनियमित समय पर सोने और उठने की आदतें भी नींद में दिक्कत का कारण बन सकती हैं, जैसे कि विकीर्ण स्वपनकोण या दिनभर नींद उलटी करना।

6. यात्रा और टाइम जोन की परिवर्तन : यात्रा के दौरान और टाइम जोन की परिवर्तन के कारण भी नींद में दिक्कत हो सकती है।

7.उम्र और जीवनकाल : वृद्धि के साथ नींद की मात्रा में कमी हो सकती है और जीवनकाल के साथ समस्याएँ बढ़ सकती हैं।

8. शराब और ड्रग्स का सेवन : अधिक शराब और अवैध ड्रग्स का सेवन नींद को प्रभावित कर सकते हैं ।

9.दवाएँ : कुछ दवाएँ नींद को प्रभावित कर सकती है, जैसे कि दिल की दवाएँ, एंटीडिप्रेसेंट्स, कॉफीन की दवाएँ, और स्लीप एड पिल्स आदि।

ये थे कुछ जोखिम कारक जो अनिद्रा को प्रभावित कर सकते हैं। यदि आपको अनिद्रा की समस्या है, तो आपको एक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए ताकि सही कारणों की पहचान हो सके और उपचार किया जा सके।

अनिद्रा का निदान(diagnosis of insomnia)

अनिद्रा कोई रोग नहीं है और इसलिए कोई विशेष टेस्ट नहीं हैं जिसकी मदद से इस स्थिति का निदान किया जा सके। अगर आपको नींद संबंधी समस्या हो रही है, तो स्थिति का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपकी नींद के पैटर्न का पता लगाते हैं और साथ ही आपकी दिनचर्या की भी जांच करते हैं। इस दौरान अगर डॉक्टर को लगता है कि आप अनिद्रा से पीड़ित हैं, तो स्थिति की पुष्टि करने के लिए कुछ जांच भी की जा सकती हैं  जैसे –

1. मेडिकल चेकअप: चिकित्सक आपकी शारीरिक स्थिति की जांच कर सकते हैं और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को निष्कर्षित कर सकते हैं जो आपकी नींद पर प्रभाव डाल सकती हैं।

2. प्राथमिक जांचें: चिकित्सक आपकी नींद से संबंधित आपकी दिनचर्या, जीवनशैली, और खानपान की जांच कर सकते हैं।

3. नींद की डायरी: आपके द्वारा रखी गई नींद की डायरी से आपके स्वप्न की मात्रा और गुणवत्ता को अनुकरण किया जा सकता है।

4. नींद के मापन के टूल: चिकित्सक आपकी नींद की मात्रा और गुणवत्ता का मापन करने के लिए स्लीप मॉनिटरिंग टूल का उपयोग कर सकते हैं।

5. जांचें और टेस्ट: चिकित्सक आपके शारीरिक स्वास्थ्य की जांच करने के लिए विभिन्न प्रकार की जांचें और टेस्ट करवा सकते हैं, जैसे कि ब्लड टेस्ट, नींद परिचयन टेस्ट, या अन्य नींद संबंधित टेस्ट।

अनिद्रा का इलाज(treatment of insomnia)

अनिद्रा के इलाज के लिए विभिन्न प्रकार की चिकित्सा तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है, जिनमें दवाएँ, मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल, और जीवनशैली में परिवर्तन शामिल हो सकते हैं। यहां कुछ आम इलाज के तरीके दिए जा रहे हैं।

1. दवाएँ : चिकित्सक आपकी स्थिति और लक्षणों के आधार पर आपको सही दवाओं की सलाह देंगे। ये दवाएँ आमतौर पर सोने से पहले लियी जाती हैं और नींद की गुणवत्ता में सुधार करने का प्रयास करती हैं।

2. मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल : मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ अनिद्रा का कारण बन सकती हैं, इसलिए मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करना भी महत्वपूर्ण होता है। मनोवैज्ञानिक सलाह, मानसिक स्वास्थ्य के व्यायाम, ध्यान और योग के अभ्यास, और अच्छी भावनाओं की संरक्षण करने के तरीके शामिल हो सकते हैं।

3. जीवनशैली में परिवर्तन : अपनी जीवनशैली में सुधार करना भी नींद की समस्या को सुधारने में मदद कर सकता है। नियमित व्यायाम, सही खानपान, सोने और उठने की नियमित आदतें, स्क्रीनों का संयम, और सामाजिक सुरक्षा की देखभाल करने से नींद में सुधार हो सकती है।

4. संचित तनाव को कम करना : दैनिक तनाव को संचित होने नहीं देना चाहिए क्योंकि यह नींद को प्रभावित कर सकता है। ध्यान और शान्ति प्राप्ति के तरीकों का प्रयास करना तनाव को कम करने में मदद कर सकता है।

5.कॉग्निटिव-बिहेवियरल थेरेपी (Cognitive-Behavioral Therapy, CBT) : यह मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल का एक प्रकार है जिसमें अच्छी नींद के लिए सही सोने की आदतों की शिक्षा दी जाती है।

6. स्लीप हाइजीन (Sleep Hygiene) : सोने की अच्छी आदतों का पालन करना और सोने के माहौल को सुधारने के तरीकों का अनुसरण करना भी नींद की समस्या को सुधारने में मदद कर सकता है।

इन इलाज के तरीकों का उपयोग करके चिकित्सक आपको सही दिशा में मार्गदर्शन करेंगे ताकि आपकी नींद की समस्या को सही तरीके से सुलझा सकें। 

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