मूत्र रोग और पथरी

Published by Aahar Chetna on

बीस ग्राम सन बीज को , भुनो आग जलाए |

बीज चबाने से तुरंत , मूत्र साफ हो जाए |

  • उबले हुई दूध मे मिश्री तथा थोड़ा घी डालकर 10 दिन पीने से जलन के साथ आती पेसाब की

रुकावट दूर होती है , यह प्रयोग बुखार मे न करे

  • 50 ग्राम करेले के पत्तों के रस में चुटकी भर हींग मिलाकर देने से पेशाब बहुतायात से होता है और पेशाब की रूकावट दूर होती है अथवा 100 ग्राम बकरी का कच्चा दूध 1 लीटर पानी व शक्कर मिलाकर पीए 10 दिन प्रयोग करें।
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  • पेशाब में मवाद आने पर आँवले के रस या उसके काढ़े में शहद व हल्दी डालकर पीने से लाभ होगा। 15 दिन प्रयोग करें। पेशाब में रक्त आने पर 7 बूंद बड़का दूध पतासे में डालकर 10दिन लेने से लाभ होगा। मूत्र दाह में जीरा छः मासा चूर्ण एक तोला मिश्री मिलाकर प्रातः शाम 10 दिन प्रयोग करें।
  • दो छोटी इलाइची को पीसकर दूध के साथ लेने से मूत्र में जलन ठीक होगी व पेशाब खुलकर आएगा।
  • बार-बार कॉफी पीने से और हर्निया वाले स्थान को गर्म जल में कॉफी डालकर उस जल से धोने से हर्निया के गुब्बारे की वायु निकलकर फुलाव ठीक हो जाता है। मृत्यु के मुँह के पास पहुँची हुई हर्निया की अवस्था में लाभ होता है। अत्यधिक कॉफी भी शरीर के लिए हानिकारक है इसलिए इसका सही समय पर ही प्रयोग लाभदायक होता है अथवा हामियोपैथिक औषधि नक्स वोमिका 30 की चार खुराक नित्य 21 दिन तक खाने से हर्निया के सभी दुष्प्रभाव दूर हो जाते हैं और रोगी राहत की साँस लेने लगता है ।
  • गाजर के बीजों को पीसकर फांकी लेने से भी पथरी निकल जाती है (250 ग्राम गाळ का रस प्रतिदिन पीने से मूत्र में सफेदी (एल्ब्यूमिन) आना बंद हो जाता है)   
  • खीरे का रस 250 ग्राम दिन में 3 बार निल्य पीने से पथरी निकल जाती है। यह प्रयो पेशाब में जलन, रुकावट और मधुमेह में भी लाभकारी है।
  • रतन जोत की 200 ग्राम जड़ को धोकर काटकर कूटकर मिट्टी के बर्तन में 3 गिलास पानीके साथ डालकर रात को बाहर रखे दें दूसरे दिन इसे रगड़कर छानकर सुबह दोपहर साय 3 बार पीलें। खूब पानी पीऐं 1 दिन में गुर्दे की पथरी निकल जाएगी ।                                                  
  • जब खेतों में अथवा बाजार में बथुआ मिलता रहे नित्य इसकी सब्जी खाएं। बथुए का रस, उबाला हुआ पानी पिए पेट के प्रत्येक प्रकार के रोग यकृत, तिल्ली, अजीर्ण, कृमि, दर्द, अर्श (बवासीर) व पथरी आदि रोग ठीक हो जाते हैं। (पथरी हो, तो 1 गिलास) कच्चे बथुए से रस मे सककर मिलाकर नित्य सेवन करते रहने से पथरी टूटकर मूत्र मार्ग द्वारा बाहर निकल जाती है ) 7 दिन प्रयोग करें |    
  • प्रातःकल नासते से पहले 1-2 नारंगी खाकर गरम पानी पीने अथवा नारंगी का रस पीने से गुर्दे के रोग से छुटकारा मिलता है | नारंगी स्वछ रखने मे मदद करता है | ( सेब और अंगूर भी काफी उपयोगी है| )
  • पत्थर चट्ट के 7 पत्ते और ,5 इलायची छोटी के साथ पिशकर 7 दिन लेने से पथरी निकलेगी |

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