पेट के रोग-भाग 2

Published by Aahar Chetna on

 जलोदर

  • आधा चम्मच लहसुन का रस 125 ग्राम पानी में मिलाकर कुछ दिन पिलाने से जलोदर रोग दूर हो जाता है। 1 माह लें।
  •  50 ग्राम करेले का रस पानी में मिलाकर 1 माह पिलाने से जलोदर रोग और यकृत बढ़ने से लाभ होता है।
  • पेट में पानी की पोटली सी भरी रहती है। पेट गुड़मुड़ तथा पावों पर सूजन आ जाती है। जवाखार सोठ, मिर्च काली, छोटी पीपर तथा सेंधा नमक मिला हुआ मट्ठा पीते रहने से इसमें लाभ होता है।
  • त्रिफला का चूर्ण 10 ग्राम गौमूत्र 20 ग्राम मिलाकर पीने से पैर व पेठ की सूजन तथा पेट दर्द ठीक होता है। 2 माह प्रयोग करें।
  • प्याज को आग में गर्म करके कूटकर रस निकालकर उसमें एक ग्राम नमक मिलाकर सेवन करने से पेट दर्द में लाभ होता है।
  • ताजे लम्बे बैंगन की सब्जी जब तक मौसम में (बाजार में) बैंगन उपलब्ध रहे, तब तक खाते रहें। इस प्रयोग से गैस की बीमारी दूर हो जाएगी। इससे यकृत और तिल्ली यदि बढ़ी हुई हो, तो उसमें भी आराम होता है।
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