त्वचा में जलन(skin Burns)

Published by Aahar Chetna on

skin Burns

त्वचा में जलन(skin Burns):  जलना एक चोट की प्रक्रिया है जो जब किसी जीवन द्रव्य को गर्मी, ताप, राख या अन्य उच्च तापमान के कारण नुकसान पहुंचता है, तो होता है। यह चोट बच्चों और वयस्कों दोनों में हो सकती है और यह विभिन्न कारणों से हो सकती है, जैसे

1. गरम तरल द्रव्यों के सम्पर्क में आना, जैसे कि उबलते पानी, तेल, या कॉफ़ी।

2. अस्पष्ट कारणों से, जैसे कि तापिश या उच्च तापमान के अचानक बदलते होने से।

जलने पर आमतौर पर त्वचा की कीटाणुओं के प्रति संक्रमण की आशंका होती है, जिसका इलाज करने के लिए त्वचा को साफ करना और और दवाओं का उपयोग किया जाता है।  ज्यादा जलना एक गंभीर और आपातकालीन स्थिति हो सकती है और इस दौरान व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। शरीर बैक्टीरिया और वायरस की तरह त्वचा जलने पर भी सूजन और लालिमा पैदा कर देता है, जो स्थिति को और भी बदतर बना देता है। अगर त्वचा ज्यादा जल गई है, तो ऐसे में शरीर ओवररिएक्ट कर सकता है जिस कारण के व्यक्ति का बीपी लो होना, बॉडी शॉक होना और हृदय व फेफड़े भी प्रभावित हो जाते हैं। जलने के बाद व्यक्ति को इन्फेक्शन होने का खतरा भी रहता है और साथ ही कुछ गंभीर स्थितियों में ब्लड इन्फेक्शन (Blood infection) होने का खतरा भी बढ़ जाता है, जो जानलेवा हो सकता है


त्वचा जलने के प्रकार(types of skin Burns)

त्वचा जलने(skin Burns)के कई प्रकार होते हैं, जो उसके स्थान और गंभीरता के आधार पर विभिन्न हो सकते हैं। यहां कुछ प्रमुख त्वचा जलने के प्रकार हैं:

  •  पहला डिग्री की जलन (First-Degree Burn):इसमें केवल त्वचा के ऊपरी परत में हलका नुकसान होता है। यह जलन आमतौर पर लालिमा, तप्तता और थोड़ी सी सूजन के साथ होता है, लेकिन यह गंभीर नहीं होता और आमतौर पर घरेलू उपचार से ठीक हो जाता है।
  •  दूसरा डिग्री की जलन (Second-Degree Burn): इसमें त्वचा के ऊपरी और मध्य परत में नुकसान होता है। यह जलन ज्यादा तप्तता, बुलबुले, और जाने के लक्षणों के साथ आता है। यह जलन भी गंभीर हो सकता है और चिकित्सा की आवश्यकता होती है।
  •  तीसरा डिग्री की जलन (Third-Degree Burn): इसमें त्वचा के सभी परतों में नुकसान होता है, और यह जलन बहुत गंभीर होता है। त्वचा का रंग बदल जाता है, जैसे कि वो काला हो जाता है, और सामान्य रूप से बुलबुले नहीं होते हैं। यह जलन जीवनसंगी और चिकित्सा देखभाल की तत्परता की आवश्यकता होती है।
  • चार्थ डिग्री की जलन (Fourth-Degree Burn): इस प्रकार की जलन बहुत ही गंभीर होती है और यह त्वचा के साथ साथ मांसपेशियों, हड्डियों और अंगों को भी प्रभावित कर सकती है। इसे चिकित्सकीय देखभाल की तत्परता की आवश्यकता होती है और यह जीवनसंगी हो सकती है।

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त्वचा जलने के लक्षण(skin burn symptoms)

त्वचा जलने के लक्षण जलने के गंभीरता के स्तर पर निर्भर करते हैं, लेकिन आमतौर पर निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:

  •  त्वचा पर तप्तता: जले हुए क्षेत्र में तप्तता या दर्द हो सकता है। यह तप्तता आमतौर पर जलने के स्थान पर महसूस होती है और यह तप्तता होती है जब त्वचा के ऊपरी परत को नुकसान पहुंचता है।
  • लालिमा (Redness): जले हुए क्षेत्र में त्वचा का रंग बदल सकता है और यह लाल हो सकता है।
  • बुलबुले (Blisters): दूसरे डिग्री की जलन में, बुलबुले हो सकते हैं। ये त्वचा के नीचे तरलता या तरल त्वचा के साथ गूंथीदार स्तर पर ताकतवरी होते हैं।
  •  सूजन (Swelling): जले हुए क्षेत्र में सूजन हो सकती है, जिसके कारण त्वचा फूल सकती है और दुख सकता है।
  • खरोंच (Peeling): जब जले हुए क्षेत्र ठीक होने लगता है, तो त्वचा पर खरोंच या पीलिंग का अनुभव हो सकता है।

त्वचा जलने के कारण(causes of skin Burning)

      त्वचा जलने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे –
  • गर्म द्रव्य से संपर्क: सबसे सामान्य कारण है गर्म द्रव्यों जैसे कि गरम पानी, तेल, या और तरल पदार्थों के साथ त्वचा का संपर्क। इसमें उच्च तापमान वाले द्रव्यों के संपर्क में आने के कारण त्वचा के ऊपरी परत को नुकसान पहुंचता है।
  • सूर्य की तपिश (Sunburn): लम्बे समय तक सूर्य किरणों के साथ बिना सुरक्षा के सुनने से त्वचा जल सकती है, जिससे सूर्य की तपिश या सनबर्न होता है।
  • तापमान का अचानक बदलना: अचानक बदलने वाले तापमान के कारण भी त्वचा जल सकती है, जैसे कि जाने के बाद ठंडे पानी में जाना।
  • केमिकल बर्न : कुछ केमिकल्स जैसे कि अपशिस्ट, बैटरी असिड, या अन्य अविश्वसनीय केमिकल्स के संपर्क में आने के कारण भी त्वचा जल सकती है।
  • आग या विस्फोट: आग या विस्फोट के पास होने से भी त्वचा जल सकती है, और यह गंभीर चोट का कारण हो सकता है।

त्वचा जलने पर क्या करें(what to do if skin Burns)

आयुर्वेद में त्वचा जलने(skin Burns) का इलाज विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक और घरेलू उपचारों का सुझाव देता है, लेकिन यह उपाय जलने के गंभीरता स्तर पर निर्भर करता है। यदि त्वचा जलन गंभीर है और बहुत बड़ा घाव है, तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लेना सबसे महत्वपूर्ण होता है।

यहां कुछ आयुर्वेदिक और प्राकृतिक उपाय हैं जो त्वचा जलने के लिए उपयोगी हो सकते हैं:

  • नीम का पेस्ट (Neem Paste) : नीम के पत्तों को पिसकर पेस्ट बनाएं और जले हुए क्षेत्र पर लगाएं। नीम के प्राकृतिक गुण जलन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • घी (Ghee) : घी को नरम करके जले हुए क्षेत्र पर लगाने से त्वचा को ठंडक मिल सकती है और तप्तता कम हो सकती है।
  • आलोवेरा (Aloe Vera) : आलोवेरा का जेल त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह त्वचा को ठंडक पहुंचाने में मदद करता है और जले हुए क्षेत्र को शांति देता है।
  • संतरे का रस (Orange Juice) : संतरे का रस जले हुए क्षेत्र पर लगाने से त्वचा को आराम मिल सकता है, और इसमें विटामिन सी होता है, जो त्वचा के नुकसान को कम कर सकता है।
  • सहजन की पत्तियां (Drumstick Leaves) : सहजन की पत्तियों को पिसकर बनाएं और जले हुए क्षेत्र पर लगाएं। यह जलन को कम करने में मदद कर सकता है।
  • स्नान (Bathing : ठंडे पानी में नहाना त्वचा को आराम पहुंचा सकता है, इसलिए जब भी संभाव हो, तो ठंडे पानी में नहाना फायदेमंद हो सकता है।

आयुर्वेदिक उपचारों को सही तरीके से अपनाने से पहले, एक व्यक्तिगत चिकित्सक से परामर्श करना सबसे अच्छा होता है, खासकर यदि जलन गंभीर है और बड़ा घाव हुआ है। चिकित्सक आपके लक्षणों और त्वचा की स्थिति के आधार पर आपके लिए सही उपचार की सलाह देंगें।

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