चाय पीने के नुकसान

Published by Aahar Chetna on

चाय पीना अधिकतर लोगों को पसंद आता है। चाय प्रेमियों का मानना है कि चाय की एक चुस्की एनर्जी से भरपूर होती है। सुबह-सुबह की चाय हो या ऑफिस में काम करने के दौरान चाय की बात हो, इसे मना कर पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। जो लोग चाय के शौकीन हैं, उनका मानना है कि चाय दिनभर की थकान मिटाने में काफी मददगार साबित होती है। सुबह-सुबह एक प्याली चाय पीना लगभग सभी के रूटीन में शामिल होता है। दिन की शुरुआत अगर चाय से हो जाए तो एक अलग ही ताजगी आ जाती है और पूरा दिन अच्छा गुजरता है. पर जैसा कि हमने पहले भी कहा है कि अति हर चीज की ही बुरी होती है तो इसी के चलते हम आपको बताना चाहेंगे कि पूरे दिन में चार से ज्यादा कप चाय पीना शरीर के लिए बहुत नुकसानदेह है. पूरे दिन में एक कप सुबह और एक कप शाम की चाय आपके लिए बढ़िया हो सकती है.

चाय के सेवन से ये सारे नुकसान हो सकते हैं –

  •  पाचन शक्ति का कमज़ोर होना
    अक्सर ज्यादातर लोग दुध से बनी चाय का सेवन करते है, जो हमारे अमाशय पर बुरा प्रभाव डालती है। साथ ही शरीर की पाचन क्रिया को भी नुकसान पहुंचाती है।
    लगातार चाय पीने से पाचन शक्ति असन्तुलित हो जाती है जिसकी वजह से भोजन में मौजूद गुणों का लाभ शरीर को नही मिल पाता है। चाय में चीनी और दूध मिलाकर बनाने से चाय के गुण समाप्त हो जाते है, और उस चाय को पीने से पाचन शक्ति ख़राब हो जाती है और साथ ही पेट के अन्दर वह चाय तेज़ाब बनती जाती है।
  • दिल के लिए ख़तरनाक
    जैसे कि आप सभी जानते है कि चाय में कैफीन की मात्रा पाई जाती है, जो एक प्रकार का नशीला प्रदार्थ है। जिसका रोजाना सेवन करने से हमारे हार्ट के लिए ख़तरनाक होती है। साथ ही चाय पीने से हार्ट से सम्बन्धित कई बिमारियां पैदा हो जाती है।
  •  शरीर की अंदरुनी गर्मी को नष्ट करती है
    नियमित रूप से अधिक मात्रा में चाय पीने से यह हमारे शरीर की वास्तविक गर्मी को ख़त्म करने में अहम साबित होती है। इससे धीरे-धीरे हमारे शरीर की ऊर्जा का नाश होता है। और इससे शरीर के गुप्तांगों में बिमारियां भी फैलती है।
    दरअसल, चीनी की चाय पीने से शरीर में थोड़ी देर के लिए गर्मी उत्पन्न हो जाती है। लेकिन थोड़ी देर के बाद यह शरीर की प्राकृतिक गर्मी को नुकसान पहुंचाती है।
  • खून गन्दा होता है
    ज्यादा चाय पीने से शरीर में खून गन्दा होता जाता है। ख़ासकर बढ़ती उम्र के बच्चों को चाय पीने से चेहरे पर फुन्सियां और मुंहासे की शिकायत बनी रहती है। इस वजह से चेहरे पर दाग धब्बे और त्वचा काली पड़ जाती है।
  • अनिंद्रा की बिमारी होना
    ज़्यादा चाय पीने से अनिद्रा की परेशानी हो सकती है या फिर सही समय पर नींद ना आने की बीमारी हो जाती है। इससे अवसाद और तनाव वाली स्थिति बन जाती है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि पूरी नींद ना लेने वाला व्यक्ति हमेशा ज़्वर (बुख़ार) से पीड़ित रहता है।
  •  भूख बन्द हो जाती है
    बार- बार चाय पीने से भूख कम लगती है या फिर बिल्कुल भूख ना लगने की शिकायत हो सकती है। इससे शरीर में गिरावट भी आती है। नियमित रूप से चाय का सेवन करने वाले व्यक्ति का कभी भी वजन नही बढ़ पाता है।
    चाय पीने से  वजन नही बढ़ पाने से मोटे लोगों को तो फायदा होता है लेकिन दुबले -पतले लोग और भी दुबर्लता का शिकार हो जाते है इसलिए कमज़ोर लोगों को चाय पीने से बचना चाहिए।
  • पेशाब सम्बन्धित समस्याएं
    चाय में उपस्थित यूरिक एसिड तत्व से मुत्राशय या मूत्र नलिकाएं कमजोर हो जाती है, जिस वजह से चाय का सेवन करने वाले व्यक्ति को  बार-बार पेशाब आने की समस्यां पैदा हो जाती है। साथ ही गुप्त अंगों से सम्बन्धित बिमारियां भी पैदा होती है।
  •  पेट सम्बन्धित रोग
    चीनी और दुध से बनी चाय का अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में बादी, पेट फूलना, बदजहमी कब्ज, पेट दर्द जैसी दिक्कतें होने लगती है।और चिकित्सक द्वारा यह कहा जाता है कि पूरा शारीरिक और मानसिक विकास हमारे पेट वाले भाग पर टिका रहता है, इसलिए पेट हमेशा स्वस्थ रहना चाहिए।
  •  गैस की समस्या
    ज़्यादा चाय पीने से पेट में गैस की समस्या हो सकती है। ख़ासकर गर्मी के दिनों में चीनी की चाय पीने से पेट में गैस अधिक बढ़ती है, क्योंकि चाय के अम्लीय होने की वजह से आपके शरीर में एसिड़ की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे सीने में जलन और पेट में गैसे जैसी समस्याएं होने लगती है।
  •  डायबिटीज़ की समस्या
    अधिक चीनी वाली चाय पीने से डायबिटीज़ की समस्या भी पैदा हो जाती है। या फिर किसी व्यक्ति को डायबिटिज़ की पहले से शिकायत है तो उस व्यक्ति को चीनी और दुध से बनी चाय का सेवन नही करना चाहिए, क्योंकि चीनी वाली चाय शरीर में शुगर की मात्रा को बढ़ा देती है जिससे जीवन संकट में आ सकता है।
  • शरीर में उत्तेजना को बढ़ाती है
    दूध से और चीनी के मिश्रण से बनी चाय का दिन में कई बार सेवन करने से शरीर में अत्यधिक उत्तेजना पैदा होती है। जिसका बुरा असर शरीर और दिमागी तौर पर गहरा होता है। रिसर्च के अनुसार चाय पीना एक प्रकार से नशा का सेवन करना जैसा होता है।
  • मानसिक और शारिरीक ऊर्जा को नष्ट करती है
    ग्रीन चाय और काली चाय पीने से तो शरीर पर ज्यादा प्रभाव नही होता है लेकिन जैसे ही इसमें चीनी और दुध का मिश्रण होता है वैसे ही चाय में मौजूद कई गुण ज़हरीले बन जाते है, जो शरीर में मौजूद विटामिन्स को ख़त्म कर देते है।
    इसी कारण मानसिक तौर पर धीरे-धीरे स्मरण शक्ति नष्ट होती जाती है। और शारीरिक तौर पर कई बिमारियां घेर लेती है।
  • वज़न का अधिक बढ़ना
    आज के दौर में ज्यादातर लोग मोटापे या फिर उनका थोड़ा सा भी वज़न बढ़ जाता है तो उनके लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो जाती है। इसलिए आपकों बता दे कि वजन बढ़ने का एक कारण और दूध और चीनी से बनी चाय पीने से भी होता है। क्योंकि दुध में वसा होता है जो शरीर में पहुँचकर फैट को बढ़ाता है। इसलिए दुध और चीनी की चाय का सेवन अधिक मात्रा में या मोटे इंसान को तो बिल्कुल नही करनी चाहिए।


    चाय का बच्चों पर असर
  •  चाय से बच्चे का विकास, व्यवहार और नींद प्रभावित हो सकती है।
  •  बच्चों को चाय या कॉफी पिलाने से टाइप 1 डायबिटीज का जोखिम बढ़ सकता है।
  •  कैफीन युक्त पेय पदार्थ पीने से बच्चों में मोटापा बढ़ सकता है।
  • चाय पीने से बच्चों में हृदय रोग, दांतों में सड़न और टाइप-2 मधुमेह हो सकता है।

    बच्चों के लिए भी चाय के विकल्प मौजूद हैं जो बीमारियों को दूर करने में घरेलू उपचार के रुप में काम आते हैं।
  • कैमोमाइल टी- यह बच्चों में बुखार, पेट दर्द, चिंता, एलर्जी को दूर करने में मदद करता है।
  •  अदरक की चाय- बच्चों में उल्टी, जी मिचलाना और पेट दर्द में राहत देने में मदद करता है।
  • सौंफ की चाय- यह पेट से जुड़े विकारों को दूर करने में सहायक है।

चाय की जगह इनका सेवन आपके लिए फायदेमंद

  •  माचा टी- जापान में पी जाती हैं। जापान के लोग सबसे लंबी उम्र तक जीते है। माचा टी एक प्रकार की ग्रीन टी है, लेकिन ये ग्रीन टी से काफी अलग है। ये पाउडर के रूप में आता है, अत: इसमें पत्ती बचती नहीं है बाकी चाय की तरह। ये बहुत प्रसिद्ध हो रही है। स्पोर्ट्सपर्सन और सेलेब्री भी इस माचा टी का सेवन कर रहे है।
  •  बारले टी-  चीन और कोरिया में ये पहले से इस्तेमाल होता आ रहा है। कैफ़ीन नहीं होने के बावजूद ये चाय काफी ताक़त प्रदान करती है। ये चाय पाचन में मदगार है, चेहरे का रंग साफ करती है, इत्यादि।
  •  चिकोरी पाउडर- ये गहरा रंग का पाउडर होता है। यह स्वाद में कड़वा होता है इसलिए इसे मीठे दूध के साथ पीना चाहिए। मिठास के लिए खजूर का उपयोग किया जा सकता है। इसे कॉफी के जगह इस्तेमाल किया जाता है। यह पाचन के लिए बहुत मददगार होती है।
  •  व्हाइट टी- यह सफेद रंग का होता है। इसे दुनिया की सबसे सेहतमंद अत हल्की चाय मानी जाती है। इसके सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रोल maintain रहता है, पाचन क्रिया बनी रहती है, ब्लड प्रेशर maintain रहता है और शरीर की थकान और आलास पूरी तरह दूर हो जाती है। इसे जवान रखने वाली चाय भी कहा जाता है।
  • चेमोमाइल टी/ हिबिस्कस टी- hibiscus यानि गुड़हल की चाय शरीर को थंड रखती है, साथ साथ, दिमाग को शांत अत शरीर को अच्छी तकात प्रदान करती है। शाम के समय पीने के लिए chamomile टी सबसे अच्छी मानी जाती है।

चाय का सेवन करते समय यह याद रखें कि इसे एक सीमा के तहत ही पी जाए। दिन में एक-दो कप चाय आपके लिए फायदेमंद साबित होगी। इसके अलावा यदि आप इससे ज्यादा चाय पीते हैं, तो अनेक समस्याओं का खतरा रहता है।


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