चीनी खाने के नुकसान
सफ़ेद चीनी प्राकृतिक शर्करा का एक अति विकृत रूप है। इसे पचाने के लिए शरीर में कई तत्वों एवं विटामिनों की कमी हो जाती है जिससे शरीर के अन्य कार्यों में बाधा पड़ती है।
वैज्ञानिक विश्लेषणों के आधार पर चीनी की तुलना मदिरा से की गई है।
सफ़ेद चीनी को अधिक मात्रा में प्रयोग में लाने से दाँतों के रोगों में वृद्धि होती है। अर्थराइटिस (Arthritis) रोग का मुख्य कारण सफ़ेद चीनी माना गया है। इसके अधिक प्रयोग से जिगर (Liver) के रोग हो जाते हैं।
मधुमेह (Diabetes) का मुख्य कारण भी सफ़ेद चीनी एवं इससे निर्मित खाद्य पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करना ही है।
चीनी के अत्यधिक प्रयोग से कैंसर होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है।
चीनी की वजह से रक्त में कोलेस्ट्रॉल की वृद्धि होती है।
पेट की गड़बड़ी का मुख्य कारण भी चीनी है। चीनी के प्रयोग से साइनस हो जाती है।
बच्चों में बढ़ रहे मानसिक रोग के पीछे एक बड़ा कारण है- उनके भोजन में चीनी का प्रचुर मात्रा में होना।
इसके अत्यधिक प्रयोग से स्नायु-दुर्बलता, महिलाओं में मासिक धर्म के समय दर्द, श्वेत प्रदर इत्यादि हो जाते हैं।
स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सफ़ेद चीनी को त्याग देना ही उत्तम है।
फलों, सब्जियों इत्यादि से मिलने वाली प्राकृतिक शर्करा सुपाच्य होने के कारण स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
खजूर, मुनक्का, किशमिश, शहद, गुड़ (Jaggery), खाण्डसारी (खाण्ड) इत्यादि चीनी का स्थान ले सकते हैं।
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