तेल के नाम पर जहर खाना बंद करें।
घी और तेल दोनों ऐसे खाद्यान हैं जिनका भारतीय रसोई में अपना एक विशेष महत्व है। तलने से लेकर फ्राई करने तक घी और तेल का विशेष उपयोग किया जाता है।
पर आज दुर्भाग्य है की हम घी के नाम पर बटर ऑइल और तेल के नाम पर जहरीले पाम ऑइल खा रहे हैं। ऐसा इसीलिए है की क्योंकि हम जागरूक नहीं हैं और खाने-पीने की वस्तुओं में हम समझौता कर लेते हैं।
प्रतिदिन कई हजार लिटर खाद्यान तेल की खपत हमारे देश में हो जाती हैं और इनमें सबसे ज्यादा प्रतिशत रिफाइंड तेल का है।
रिफाइंड तेल जिसे सोयाबीन और sunflower तेल के नाम से बेचा जाता है। वास्तव में ये पाम तेल से तैयार किया जाता है।
कई प्रकार के रसायनों (Chemicals) का प्रयोग कर क्रूड पाम तेल को साफ किया जाता है और इसे खाने के तेल में मिलाकर यानि ब्लेन्ड करके सरसों तेल के नाम पर बेचा जाता है।
रिफाइंड तेल के बारे में यही कहा जाता है की यह दुनिया का अकेला ऐसा तेल है जो सबसे ज्यादा हृदयघात (Heart Attack) के लिए जिम्मेदार हैं। क्योंकि यह रिफाइंड शरीर में LDL और VLDL को बढ़ाता है और HDL को घटाता है। रक्त धमनियों में वसा की परत बनाता है और रक्त के सामान्य प्रवाह को रोकता है जिससे हृदयघात (Heart Attack), ब्रेन हेमरेज, पारालिसिस और डायबिटीज़ जैसी बीमारियाँ होती हैं।
रिफाइंड तेल के यही रसायन कैंसर के लिए भी जिम्मेदार होते हैं।
इसीलिए शुद्ध सरसों, तिल, मूँगफली, नारियल का तेल अपने क्षेत्र के अनुसार सबसे उत्तम है।
शरीर स्वस्थ है तो आप सुखी हैं वर्णा अस्वस्थ शरीर के लिए सभी भौतिक सुख बेकार हैं।
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आपके कुछ कदम प्रेगनेंसी में दिला सकते हैं कई फायदे, मां और बच्चा दोनों को मिलता है अनेकों लाभ - Aahar Chetn · 15 July 2023 at 11:58 PM
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