राजगिरा (चौलाई) के फायदे – Rajgira (Amaranth) Benefits in Hindi

Published by Anushka Chauhan on

राजगिरा (चौलाई) के फायदे – Rajgira (Amaranth) Benefits in Hindi

राजगिरा जिसे चौलाई के नाम से भी जाना जाता है। इसका प्रयोग व्रत के समय ज्यादा देखने को मिलता है, लेकिन बीते कुछ समय से इसके स्वास्थ्य फायदों को देखते हुए इसे दैनिक आहार के रूप में भी शामिल किया जाने लगा है। राजगिरा को चीनी की चाशनी से बनाए हुए लड्डू/चिक्की के साथ ज्यादा खाया जाता है। इसीलिए, स्टाइलक्रेज के इस लेख के जरिए आपको राजगिरा से होने वाले विभिन्न शारीरिक फायदों के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही आपको राजगिरा के फायदे और राजगिरा के नुकसान के बारे में भी बताया जाएगा।

राजगिरा क्या है? – What is Rajgira (Amaranth) in Hindi

राजगिरा को चौलाई या रामदाना के नाम से भी जाना जाता है। ये छोटे-छोटे बीज होते हैं, जो चौलाई के पौधे पर फलते-फूलते हैं। जब ये बीज पक जाते हैं, तो पौधों को काटकर इन्हें बाहर निकाला जाता है। राजगिरा किराने की दुकान या सुपर मार्केट में आसानी से मिल जाएगा। इसका वैज्ञानिक नाम अमरंथुस (Amaranthus) है और इसे अंग्रेजी में अमरंथ के नाम से जाना जाता है। राजगिरा देश के अधिकांश राज्यों में मिल जाएगा और इसके दाम अलग-अलग हो सकते हैं, जिसकी जानकारी भारत सरकार की वेबसाइट के जरिए ले सकते हैं। राजगिरा को राजगिरा का लड्डू, राजगिरा की चिक्की, राजगिरा का हलवा आदि विभिन्न रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके खाने के कई स्वास्थ्य संबंधी फायदे भी हैं, जिसकी जानकारी लेख के अगले भाग में दी जा रही है।

राजगिरा (चौलाई) के फायदे – Benefits of Rajgira (Amaranth) in Hindi

राजगिरा के स्वास्थ्य संबंधी कई फायदे हैं, जिसकी जानकारी हम यहां विस्तार दे रहे हैं। हालांकि, इसके साथ ही यह समझना भी जरूरी है कि राजगिरा केवल इन समस्याओं में राहत पहुंचा सकता है। समस्या का पूर्ण उपचार डॉक्टरी परामर्श पर ही निर्भर करता है।

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1. ग्लूटन फ्री (Gluten-Free)

राजगिरा को ग्लूटेन फ्री डाइट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। ग्लूटेन प्राकृतिक रूप से गेहूं, राई और जौ में पाया जाता है। कुछ मामलों में इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। वैज्ञानिक रिपोर्ट की मानें, तो ग्लूटेन का सेवन सीलिएक रोग (Celiac disease) के जोखिम को बढ़ा सकता है। यह छोटी आंत की बीमारी होती है। वहीं, राजगिरा ग्लूटेन से मुक्त होता है, जो इस बीमारी से बचाए रखने का काम कर सकता है। सीलिएक रोग में राजगिरा अहम भूमिका निभाता है।

2. प्रोटीन का उच्च स्रोत

प्रोटीन के लिए लोग न जाने कितने खाद्य पदार्थों का सहारा लेते हैं। इस मामले में राजगिरा अहम भूमिका निभा सकता है, क्योंकि यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। दरअसल, शरीर की कोशिकाओं की मरम्मत करने और नई कोशिकाओं को बनाने के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है। विशेषज्ञों के द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, राजगिरा को प्रोटीन के बेहतरीन विकल्प के रूप में शामिल किया जा सकता है।

3. सूजन रोकने में मददगार

शरीर में सूजन की समस्या से लड़ने में भी राजगिरा के फायदे देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन में इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण के बारे में पता चला है, जो सूजन की समस्या को दूर करने का काम कर सकता है।

4. हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए

हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए राजगिरा को प्रयोग में ला सकते हैं। दरअसल, राजगिरा में कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है और यह तो जानते ही होंगे कि हड्डियों के निर्माण से लेकर उनके विकास के लिए कैल्शियम कितना जरूरी है।

5. हृदय स्वास्थ्य के लिए

राजगिरा में हृदय स्वास्थ्य को बरकरार रखने के भी गुण पाए जाते हैं। दरअसल, हृदय जोखिम का एक कारण रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ना भी है। रक्त में बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल हार्ट अटैक सहित कई हृदय रोग का कारण बन सकता है। यहां राजगिरा अहम भूमिका अदा कर सकता है, क्योंकि यह ब्लड कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर सकता है।

एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, राजगिरा का तेल कुल कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स (रक्त में फैट), एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) की मात्रा को कम कर सकता है।

6. डायबिटीज के जोखिम को कम करने के लिए

राजगिरा का सेवन डायबिटीज से बचे रहने के लिए भी किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में पता चला है कि राजगिरा और राजगिरा के तेल का सप्लीमेंट एंटीऑक्सीडेंट थेरेपी के रूप में काम कर सकता है, जो हाइपरग्लाइसीमिया (हाई ब्लड शुगर) को नियंत्रित करने और मधुमेह के जोखिम को रोकने में फायदेमंद साबित हो सकता है।

एक अन्य वैज्ञानिक अध्ययन में यह देखा गया है कि पर्याप्त इंसुलिन की मात्रा के बिना खून में मौजूद अतिरिक्त ग्लूकोज टाइप 2 डायबिटीज का कारण बन सकता है (14)। वहीं, राजगिरा और राजगिरा के तेल का मिश्रण सीरम इंसुलिन की पर्याप्त मात्रा बढ़ा सकता है।

7. कैंसर के जोखिम को कम करने में

कैंसर के जोखिम से बचने के लिए भी राजगिरा का इस्तेमाल फायदेमंद साबित हो सकता है। राजगिरा में उपयोगी एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकता है और कैंसर से होने वाले खतरे को भी कम कर सकता है।

इसके अलावा, राजगिरा में विटामिन-ई पाया जाता है। विटामिन-ई एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम कर सकता है। यह फ्री-रेडिकल्स से कोशिकाओं को बचाता है और साथ ही कई प्रकार के कैंसर के खतरे को भी रोकने में सक्रिय भूमिका निभा सकता है। वहीं, इस बात का ध्यान रखें कि राजगिरा किसी भी तरीके से कैंसर का इलाज नहीं है। इसका इस्तेमाल कैंसर से बचाव में कुछ हद तक लाभकारी हो सकता है। अगर कोई कैंसर से पीड़ित है, तो उसका डॉक्टरी इलाज करवाना जरूरी है।

8. लाइसिन (एमिनो एसिड) का उच्च स्रोत

लाइसिन एक प्रकार का एमिनो एसिड है और शरीर में प्रोटीन की पूर्ति के लिए एमिनो एसिड एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहां राजगिरा के फायदे देखे जा सकते हैं, क्योंकि इसमें लाइसिन की भरपूर मात्रा पाई जाती है।

9. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी चौलाई के फायदे देखे जा सकते हैं। राजगिरा में जिंक की मात्रा पाई जाती है, जो इम्यून सिस्टम को बढ़ाने का काम कर सकता है। इसके अलावा, राजगिरा में विटामिन-ए की मात्रा भी पाई जाती है और विटामिन-ए इम्यूनिटी को बूस्ट कर सकता है।

10. पाचन शक्ति को बढ़ाने में

स्वस्थ जीवन के लिए पाचन क्रिया का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। यहां चौलाई के फायदे देखे जा सकते हैं, क्योंकि यह फाइबर से समृद्ध होता है। फाइबर एक जरूरी पोषक तत्व है, जो पाचन क्रिया में सुधार के साथ-साथ कब्ज जैसी समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।

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राजगिरा का उपयोग – How to Use Rajgira (Amaranth) in Hindi

राजगिरा का उपयोग निम्न प्रकार किया जा सकता है-

  • राजगिरा का हलवा बनाकर खाया जा सकता है। मीठा कम खाने वाले लोग इसकी खिचडी बनाकर खा सकते हैं।
  • घी में भूनने के बाद इसे दूध के साथ उबालकर पिया जा सकता है।
  • भूने हुए राजगिरा को चीनी की चाशनी से पट्टी बनाकर खाया जा सकता है।
  • राजगिरा के लड्डू बनाकर खाए जा सकते हैं।
  • चौलाई (राजगिरा) को सूजी के रूप में इस्तेमाल करके गुझिया बनाई जा सकती है।
  • राजगिरा का इस्तेमाल खीर बनाने में भी किया जा सकता है।

कब करें इस्तेमाल: राजगिरा की पट्टी को व्रत वाले दिन इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, इसे दिन में या रात में कभी भी खा सकते हैं।

कितना मात्रा में इस्तेमाल करें: राजगिरा की 20 से 50 ग्राम मात्रा को दिन में एक बार लिया जा सकता है। फिर भी इसके सेवन की सही मात्रा के लिए आहार विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें।

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