क्या है ओसीडी बीमारी? जानिए क्या है OCD | OCD Meaning in Hindi
क्या है ओसीडी बीमारी? जानिए क्या है OCD | OCD Meaning in Hindi
ऑब्सेशन और कंपल्शन का मतलब जानिए
इंटरनेशनल ओसीडी फाउंडेशन के मुताबिक, ऑब्सेशन ऐसे विचार, इमेज होते हैं जो व्यक्ति को बार-बार नजर आते हैं। वे इसपर अपना नियंत्रण नहीं रख पाते हैं। ओसीडी से जूझ रहे लोग इन विचारों को लाना नहीं चाहते और उनके लिए यह काफी परेशान करने वाले होते हैं। कई मामलों में लोग जानते हैं कि इन विचारों का कोई मतलब नहीं है। आमतौर पर ऑब्सेशन गंभीर और असहज करने वाली एहसास जैसे- डर, संदेह या असंतोष के साथ होता है।
क्या है ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर
ओसीडी एक तरह की मानसिक बीमारी है, जिससे पीड़ित व्यक्ति के मन में एक ही तरह के विचार बार-बार आते हैं। खास बात यह है कि पीड़ित व्यक्ति को यह पता रहता है कि बार-बार एक ही चीज सोचने का कोई मतलब नहीं है, लेकिन इसके बावजूद वह ऐसा करने से खुद को रोक नहीं पाता है। आमतौर पर किसी मजबूरी का शिकार लोग इस समस्या की चपेट में आ जाते हैं। यह समस्या ज्यादातर किशोरों या युवाओं में देखने को मिलती है। ज्यादा साफ-सफाई करना, चीजों को गिनना, बार-बार हाथ धोना आदि इस समस्या के मुख्य लक्षण हैं।
डॉक्टर छिब्बर के मुताबिक, “ओसीडी बीमारी में दो कम्पोनेंट्स होते हैं। ऑब्सेशन (सनक) और कंपल्शन (मजबूरी)। ऑब्सेशन में कोई सोच, कोई आइडिया होता है जो इंसान के मन में बार-बार आता है। इस पर कंट्रोल नहीं होता है। कई बार ऑब्सेशन होता है तो व्यवहार में कंपल्शन भी आ जाता है। जैसे- हाथ धोने या क्लीनिंग जैसे कामों से मरीज मन की घबराहट को कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं। “छिब्बर ने बताया कि ओसीडी बायोलॉजिकल और न्यूरोट्रांसमीटर्स का बैलेंस बिगड़ने की वजह से होता है। इसके इलाज में दवाईयों और साइकोथैरेपी का बड़ा रोल होता है। थैरेपी में सीबीटी की तरीके काफी इस्तेमाल किए जाते हैं।
ओसीडी के लक्षण
- अक्सर ओसीडी से पीड़ित व्यक्ति के मन में बार-बार एक ही विचार आता है।
- इस समस्या के होने पर आप डिप्रेशन या एंग्जाइटी के शिकार हो सकते हैं।
- अगर आप अनिद्रा की समस्या से परेशान हैं, तो ये भी ओसीडी के लक्षण हो सकते हैं।
- ओसीडी से ग्रसित व्यक्ति अक्सर खुद के या दूसरों के हर्ट होने को लेकर चिंता में रहता है।
- बार-बार आंख झपकना, सांस लेना या अन्य गतिविधियों को बार-बार करना भी ओसीडी के लक्षण हो सकते हैं।
- कदमों या किसी भी चीज को बार-बार गिनने की आदत भी ओसीडी हो सकती है।
- हर समय चीजों को लेकर चिंतित रहना जैसे गैस खुली रह गई, दरवाजा खुला रह गया या दरवाजा बंद हो गया आदि।
ओसीडी का इलाज
- ओसीडी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन अपनी डाइट में जरूरी बदलाव करते हुए इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
- ओसीडी पीड़ित व्यक्ति को अपनी डाइट में जरूरी विटामिन और मिनरल शामिल करना चाहिए।
- डिप्रेशन बढ़ाने वाले कारक जैसे फोन या स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताना आदि से बचना चाहिए।
- ओसीडी के समस्या सिरोटोनिन हार्मोन की कमी से होती है। ऐसे में इसे बढ़ाने के लिए दवा लेनी चाहिए।
- ओसीडी को कंट्रोल करने के लिए बीहेवियरल थैरेपी और टॉक थैरेपी की मदद ले सकते हैं।
- पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन और फाइबर रिच डाइट भी फायदेमंद साबित होगी।
- लक्षणों की पहचान होने पर तुरंत संबंधित चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
कोविड 19 और OCD
कोरोनावायरस के कारण हो सकता है कि कई लोगों के ओसीडी लक्षण प्रभावित हुए हों। डॉक्टर छिब्बर भी कहती हैं कि किसी भी तरह का तनाव बीमारी के असर को बढ़ाता है। अगर आप इसकी तुलना कोविड-19 के दौरान सफाई से करेंगे तो यह अलग है। क्योंकि, हमारे दिमाग में यह बात बार-बार नहीं चलती है। इसके कारण हमारी लाइफ, रिलेशन पर असर नहीं पड़ता है। यह सबसे बड़ा फर्क है। आईओसीडीएफ के इन टिप्स को फॉलो कर अपने आप को शांत कर सकते हैं।
अगर आप गंदगी से जुड़े डर से जूझ रहे हैं तो…
- हेल्थ ऑर्गेनाइजेशंस की सिफारिशों के मुताबिक बेसिक सेफ्टी प्लान तैयार करने के लिए खुद को तैयार करें। ध्यान रखें कि इसमें अपने हिसाब से चीजों को शामिल न करें। सतहों को दिन में एक बार साफ करें और बार-बार छूने में आ रही सतहों पर फोकस करें। पहले सोच लें कि क्या वाकई यह जरूरी है। यह प्रक्रिया हर रोज कुछ मिनटों में पूरी हो सकती है।
- बाथरूम के उपयोग के बाद, बाहर से आने के बाद, खाने से पहले और खांसी या छींकने के बाद हाथों को साबुन और पानी से 20 सैकेंड तक धोएं। अगर आपके पास हैंडवॉश नहीं है तो, कम से कम 60 प्रतिशत एल्कोहॉल वाले हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें।
अगर आप परफेक्शन से जुड़े ऑब्सेशन से जूझ रहे हैं तो…
- खुद को यह याद दिलाएं कि कोई भी खुद को कोविड-19 से पूरी तरह नहीं बचा सकता है और कोई आपसे इसकी उम्मीद भी नहीं कर रहा है। इस तरह के हालात में परफेक्शन पाने के बजाए कॉमन सेंस का इस्तेमाल करें।
- याद रखें कि हेल्थ ऑर्गेनाइजेशंस ने गाइडलाइंस बनाते वक्त ओसीडी से जूझ रहे लोगों के बारे में नहीं सोचा है। ऐसे में अपने भरोसेमंद दोस्त, परिवार के सदस्य या थैरेपिस्ट की मदद लेना मददगार हो सकता है। साथ ही इन गाइडलाइंस के तरीकों को मानने में थैरेपिस्ट आपकी मदद कर सकता है।
अगर आप किसी और को नुकसान पहुंचाने के विचार से जूझ रहे हैं तो…
- हो सकता है कि ओसीडी आपके कोविड-19 के डर का फायदा उठाए। आपको यह अहसास करवाए कि आपने किसी को इन्फेक्ट कर दिया है, या भविष्य में कर सकते हैं। अगर आप इस तरह के विचार नोटिस कर रहे हैं तो अपने थैरेपिस्ट से मिलें और उन्हें लक्षण बताएं।
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