मांसपेशियों का दर्द, कारण और घरेलू उपाय – Muscle Pain Treatment in Hindi
मांसपेशियों का दर्द, कारण और घरेलू उपाय – Muscle Pain Treatment in Hindi
क्या आपको भी अचानक मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द जैसी परेशानी होती है? अगर हां, तो आप इसे अनदेखा न करें। एक तरह से इसके जरिए शरीर आपको संकेत देता है कि आपको काम के साथ-साथ अपना ध्यान रखना और आराम करना भी जरूरी है। हालांकि, कई बार आप में से कई लोग मसल्स पेन का इलाज दर्द नाशक दवाइयों से करते हैं, जो सही नहीं है। इसलिए, स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम मांसपेशियों में दर्द की आम, लेकिन गंभीर समस्या के बारे में न सिर्फ आपको जानकारी देंगे, बल्कि मसल्स पेन का घरेलू इलाज भी बताएंगे।
मांसपेशियों में दर्द क्यों होता है Why Do I have Muscle Pain
मसल पेन अक्सर तनाव, अधिक व्यायाम या फिर मांसपेशियों में चोट लगने के कारण होता है। यह एक ही समय में एक से अधिक मांसपेशियों में हो सकता है। इस दर्द में मांसपेशियों को घेरने वाले कोमल ऊतक भी शामिल हो सकते हैं। मांसपेशियों में खिंचाव या दर्द आम माना जाता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध की मानें तो आजकल के समय में यह एक प्रमुख समस्या है। लगभग 60 से 85 प्रतिशत आबादी को मसल्स पेन का सामना करना पड़ता है। शोध बताते हैं कि 70 से 80 वर्ष की आयु की सभी महिलाओं में से तकरीबन 7 प्रतिशत से अधिक महिलाएं फाइब्रोमायल्जिया सिंड्रोम (fibromyalgia syndrome – मांसपेशियों में दर्द की समस्या) से पीड़ित होती हैं।
मांसपेशियों में दर्द के प्रकार Types Of Muscle Pain
- आमतौर पर मांसपेशियां में दर्द तीन तरह के हो सकते हैं, जो इस प्रक्रार हैं –
- मांसपेशियों का दर्द, तनाव, अत्यधिक व्यायाम या फिर किसी प्रकार की चोट से जुड़ा हो सकता है।
- मसल पेन किसी संक्रमण या फिर फ्लू से भी जुड़ा हो सकता है, जो पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है।
- मांसपेशियों में दर्द का एक रूप फाइब्रोमायल्गिया भी हो सकता है, जिसमें मसल पेन के साथ-साथ नींद की समस्या, थकान और सिरदर्द की समस्या हो सकती है।
मांसपेशियों में दर्द के कारण Causes of Muscle Pain Hindi
मांसपेशियों में तनाव का उपचार सही तरीके से करने के लिए मांसपेशियों में दर्द के कारण जान लेना भी जरूरी है, ताकि इसके इलाज में आसानी हो। नीचे हम मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द के कारण बता रहे हैं।
- किसी प्रकार का चोट, घाव, मोच या खिंचाव
- मांसपेशियों का बहुत अधिक उपयोग (जैसे – जरूरत से ज्यादा या गलत तरीके से व्यायाम व योग करने से)
- तनाव के कारण
इसके अलावा, मांसपेशियों में खिंचाव के कारण कुछ अन्य भी हो सकते हैं:
- कुछ दवाइयां (जैसे- कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप आदि को कम करने के लिए)
- डर्माटोमायोसिटिस (Dermatomyositis – सूजन संबंधी समस्या)
- इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन यानी पोटेशियम या कैल्शियम का बहुत कम सेवन
- फाइब्रोमायल्जिया (fibromyalgia – मांसपेशियों में दर्द होना)
- संक्रमण ( जैसे – फ्लू, लाइम रोग, मलेरिया, मांसपेशियों में फोड़ा, पोलियो आदि)
- ल्यूपस (lupus – सूजन संबंधी परेशानी )
- पोलिमेल्जिया रुमेटिका (Polymyalgia rheumatica – सूजन संबंधी विकार)
- पॉलीमायोसिटिस (Polymyositis – मांसपेशियों में सूजन होना )
- रबडोमायोलिसिस (Rhabdomyolysis -मांसपेशियों के ऊतकों का टूटना )
- ज्यादा देर तक बाइक या गाड़ी में बैठकर सफर करने से, ज्यादा चलने से, ज्यादा देर तक खड़े रहने से या ज्यादा देर तक बैठने से मांसपेशियों में खिंचाव या दर्द हो सकता है।
- किसी तरीके की बीमारी होने से जैसे – गठिया की समस्या, सूजन या फिर हड्डी व मांसपेशियों से संबंधित परेशानी के कारण।
- गलत तरीके से सोने से भी मांसपेशियों में तनाव आता है।
- मौसम में बदलाव के कारण भी ऐसा हो सकता है।
मांसपेशियों के दर्द के लक्षण Symptoms of Muscle Pain in Hindi
मांसपेशियां में दर्द, खुद में एक लक्षण है। जिसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे – किसी प्रकार की चोट या मोच, जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज, तनाव, सूजन संबंधी समस्या आदि। इसके कारणों की चर्चा लेख के ऊपर के भाग में हमने की है। हालांकि, मस्कुलर पेन की वजह से कुछ अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जो इस प्रकार है –
- शरीर में अधिक तेज या कम दर्द महसूस होना
- मसल पेन के कारण चिड़चिड़ापन होना
- मस्कुलर पेन असहजता महसूस होना
- सूजन होना
मांसपेशियों का दर्द दूर करने के 14 घरेलू इलाज – 14 Home Remedies for Muscle Pain in Hindi
कई बार लोग मसल्स पेन का इलाज करने के चक्कर में कई तरह की दवाइयां लेने लगते हैं। इससे आगे चलकर कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। इसलिए, नीचे हम आपको मसल्स पेन का घरेलू इलाज बता रहे हैं, जो न सिर्फ आसान है, बल्कि इनके साइड इफेक्ट न के बराबर है। तो चलिए जानते हैं मांसपेशियों में दर्द के लिए घर का उपचार –
1. लहसुन
सामग्री :
- दो लहसुन की कली
- दो चम्मच सरसों का तेल
उपयोग करने का तरीका :
- सबसे पहले लहसुन की कलियों को अच्छे से छिलकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
- इसके बाद उन टुकड़ों को सरसों तेल में डालकर कर हल्का गर्म कर लें।
- फिर इस तेल से प्रभावित हिस्से की मालिश करें।
- इस प्रक्रिया को दर्द से राहत मिलने तक किया जा सकता है।
कैसे है फायदेमंद:
मसल्स पेन का इलाज करने के लिए लहसुन का उपयोग करना फायदेमंद साबित हो सकता है। मांसपेशियों में दर्द की रोकथाम और हर्बस की भूमिका पर हुए शोध में बताया गया है कि लहसुन में मौजूद एलिसिन (Allicin) नामक कंपाउंड मांसपेशियां में दर्द को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसके पीछे इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। इसके अलावा यह व्यायाम से होने वाली मांसपेशियों की क्षति को कम करने में मददगार साबित हो सकता है (4)।
2. हॉट कंप्रेस
सामग्री :
- हॉट बैग या साफ सूती कपड़ा
उपयोग करने का तरीका :
- हॉट बैग को आवश्यकतानुसार तापमान तक चार्ज करें।
- फिर इससे प्रभावित जगह की सिंकाई करें।
- अगर हॉट बैग नहीं, तो उसके स्थान पर साफ और सूखे सूती कपड़े का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- इसके लिए सबसे पहले सूती कपड़े को अच्छे से कई तह में मोड़ लें।
- इसके बाद गैस पर तवे को गर्म करें।
- फिर इसी तवे पर मोड़े हुए सूती कपड़े को कुछ सेकंड के लिए हल्का गर्म करें।
- सूती कपड़ा जब हल्का गर्म हो जाए तो उससे प्रभावित जगह की सिकाई करें।
- इसके अलावा, गर्म सिकाई के लिए बाजार में मिलने वाले हॉट पैड का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- गर्म सिकाई के इस प्रक्रिया को दिन में दो बार किया जा सकता है।
कैसे है फायदेमंद :
मसल पेन ट्रीटमेंट के लिए हॉट पैक का इस्तेमाल करना लाभकारी हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में पाया गया है कि हीट थेरेपी दर्द को कम करने में लाभकारी साबित हो सकती है। वहीं, एक अन्य शोध में बताया गया है कि हीटिंग पैड या गर्म पानी की थैली से मांसपेशियों में होने वाले दर्द से काफी हद तक आराम मिल सकता है। गर्म पानी के सेक से न सिर्फ मांसपेशियों का दर्द, बल्कि कमर दर्द से भी राहत मिल सकती है, क्योंकि इससे शरीर में रक्त का प्रवाह काफी हद तक बेहतर हो सकता है।
3. स्ट्रेच
मांसपेशियों में दर्द के लिए घर के उपचार की अगर बात करें, तो स्ट्रेचिंग अच्छा विकल्प हो सकता है। अगर कोई जिम जाता है या व्यायाम करता है, तो उसके बाद स्ट्रेचिंग जरूर करना चाहिए, क्योंकि कसरत करने से मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं। इससे मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द की समस्या हो सकती है, इसलिए व्यायाम के पहले और तुरंत बाद स्ट्रेचिंग जरूर करनी चाहिए, ताकि मांसपेशियों में दर्द से बचा जा सके।
4. अदरक का प्रयोग
सामग्री :
- अदरक का एक छोटा टुकड़ा
उपयोग करने का तरीका :
- सबसे पहले अदरक को पीस लें और फिर उसका रस निकाल लें।
- अब इस रस को दर्द वाले हिस्से पर लगाएं।
- इसका प्रयोग दर्द महसूस होने पर किया जा सकता है।
कैसे है फायदेमंद :
अदरक न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। बता दें कि अदरक का उपयोग मांसपेशियों के दर्द में भी राहत दिला सकता है। दरअसल, अदरक में एनाल्जेसिक यानी दर्दनाशक और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण (सूजन को कम करने वाला) मौजूद होते हैं। यही वजह है कि मसल्स पेन का घरेलू इलाज करने के लिए अदरक के उपयोग की सलाह दी जा सकती है।
5. सरसों का तेल
सामग्री :
- एक चम्मच सरसों का तेल
उपयोग करने का तरीका :
- सबसे पहले सरसों के तेल को हल्का गर्म कर लें।
- जब तेल गुनगुना हो जाए तो इससे प्रभावित जगह की मालिश करें।
- इसका उपयोग सुबह शाम किया जा सकता है।
कैसे है फायदेमंद :
मांसपेशियों में दर्द का आयुर्वेदिक उपचार करने के लिए सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस विषय पर हुए एक रिसर्च में साफतौर से इस बात का जिक्र मिलता है कि नियमित रूप से सरसों के तेल से मालिश करने से गठिया सहित मांसपेशियों में खिंचाव के कारण होने वाले दर्द से आराम पाने के लिए किया जा सकता सकता है।
6. ठंडी सिकाई
सामग्री :
- आइस पैक या फिर कोई गीला कपड़ा
उपयोग करने का तरीका :
- आइस पैक को प्रभावित हिस्से पर रख कर 10 से 20 मिनट तक सिकाई करें।
- इसका इस्तेमाल दिन भर में दो बार कर सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद:
मांसपेशियों में तनाव के उपचार के लिए बर्फ का पैक भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है। खासकर, व्यायाम करने के बाद आइस पैक का उपयोग ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। वहीं, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध में भी बताया गया है कि ठंडी सिकाई मांसपेशियों में होने वाले दर्द को कम करने में काफी प्रभावी साबित हो सकती है। इस आधार पर मस्कुलर पेन का घरेलू इलाज करने के लिए कोल्ड कंप्रेस का उपयोग करना भी लाभकारी माना जा सकता है।
7. हल्दी
सामग्री :
- हल्दी – आधी चम्मच
- पानी या दूध – एक ग्लास
उपयोग करने का तरीका :
- एक पैन में पानी या दूध डाल कर उसमें हल्दी मिलाएं और उसे कुछ देर के लिए उबालें।
- जब यह मिश्रण अच्छे से उबल जाए तो इसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें।
- फिर इसका सेवन करें।
- रोजाना एक बार हल्दी से तैयार इस ड्रिंक का सेवन किया जा सकता है।
कैसे है फायदेमंद :
हल्दी का इस्तेमाल भी मांसपेशियों में दर्द की दवा के रूप में किया जा सकता है। इस पर हुए शोध बताते हैं कि हल्दी का सेवन डीओएमएस (delayed onset muscle soreness) यानी अधिक काम या एक्सरसाइज करने के कारण मांसपेशियों में होने वाले दर्द को कम करने के साथ-साथ मांसपेशियों के प्रदर्शन में सुधार कर सकता है (10)। बताया जाता है कि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एंटी इंफ्लामेट्री प्रभाव (सूजन को कम करने वाला) के साथ-साथ एनाल्जेसिक प्रभाव (दर्द से राहत दिलाने वाला) भी प्रदर्शित कर सकता है। यही वजह है कि हल्दी का सेवन मसल पेन का इलाज करने के उपयोगी माना जा सकता है।
8. सेब का सिरका
सामग्री :
- दो चम्मच सेब का सिरका
उपयोग करने का तरीका :
- सेब के सिरके को अपने हाथों में लेकर प्रभावित जगह की मालिश करें।
- इसके अलावा, चाहें तो एक ग्लास पानी में सेब का सिरका मिलाकर उसका सेवन भी कर सकते हैं।
- इसका प्रयोग दिन भर में एक बार किया जा सकता है।
कैसे है फायदेमंद :
मसल्स पेन का घरेलू इलाज करने के लिए सेब का सिरका भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है। इस बारे में एक शोध से जानकारी मिलती है कि सेब के सिरके का उपयोग दर्द को कम कर सकता है। यही नहीं, एक अन्य शोध में यह भी बताया गया है कि सेब के सिरके में एंटी इंफ्लामेट्री गुण मौजूद होते हैं, जो सूजन को कम करने के साथ-साथ गठिया के कारण हो रहे दर्द से भी आराम दिलाने में मददगार साबित हो सकते हैं। इसके अलावा, एप्पल विनेगर में एंटिनोसाइसेप्टिव प्रभाव की भी पुष्टि हुई है, जो दर्द को कुछ हद तक कम करने में प्रभावी साबित हो सकता है।
9. नीलगिरी का तेल
सामग्री :
- एक चम्मच नीलगिरी का तेल
उपयोग करने का तरीका :
- नीलगिरी के तेल को अपनी हथेलियों में लगाकर प्रभावित हिस्से की मालिश करें।
- दर्द महसूस होने पर इसका प्रयोग किया जा सकता है।
कैसे है फायदेमंद :
मांसपेशियों में दर्द के लिए घर का उपचार, नीलगिरी के तेल की मदद से भी किया जा सकता है। बताया जाता है कि नीलगिरी के तेल का उपयोग कई तरह की शारीरिक समस्याओं को दूर कर सकता है। दरअसल, इसमें एनाल्जेसिक प्रभाव मौजूद होता है, जो दर्द से राहत दिलाने में कारगर साबित हो सकता है। इसके अलावा, नीलगिरी का तेल एंटी इंफ्लामेट्री गुण भी प्रदर्शित करता है, जो सूजन संबंधी समस्या से आराम दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
10. कैमोमाइल
सामग्री :
- दो चम्मच कैमोमाइल ऑयल
उपयोग करने का तरीका :
- अपनी हथेलियों में कैमोमाइल के तेल को लगाकर दर्द वाले हिस्से की मालिश करें।
- रोजाना एक बार इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
कैसे है फायदेमंद :
मांसपेशियों में खिंचाव के कारण होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए कैमोमाइल का तेल का उपयोग भी अच्छा उपाय हो सकता है। बताया जाता है कि कैमोमाइल तेल मस्कुलर पेन (खासकर अधिक व्यायाम के कारण) गठिया, सूजन, मोच की वजह से होने वाले मसल स्ट्रेन से राहत दिलाकार मांसपेशियों को आराम पहुंचा सकता है। ऐसे यह कहना गलत नहीं होगा कि मांसपेशियों में तनाव के उपचार के लिए कैमोमाइल का तेल लाभकारी साबित हो सकता है।
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