मानसिक स्वस्थ्य(Mental Health) से सम्बंधित महत्वपूर्ण बातें !

Published by Anushka Chauhan on

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मानसिक स्वस्थ्य(Mental Health) से सम्बंधित महत्वपूर्ण बातें !

 

मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली कुछ मानसिक बीमारियां हैं जिनके बारे में हम महत्वपूर्ण चर्चा करेंगे। तो आइए देखते हैं कि वह बीमारियां कौन कौन सी हैं!

मानसिक स्वास्थ्य(Mental Health) को प्रभावित करने वाली बीमारियां

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तनाव (Stress)

वैसे तो आजकल की उतार चढ़ाव भरी ज़िंदगी में तनाव होना एक सामान्य बात है लेकिन तनाव एक ख़तरनाक बीमारी है।

आपको बताते चलें कि यदि कार्टीसोल का स्तर शरीर में ज़्यादा बढ़ जाता है तो ऐसे में न सिर्फ़ मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है बल्कि हार्ट अटैक, पाचन से संबंधित समस्याएं तथा किडनी फेल्योर जैसी समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है।

ये तनाव भी मानसिक रूप से हमें नुक़सान पहुँचाता है। तनाव को हम Stress के नाम से भी जानते हैं।

 

1.) ओसीडी (ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर)

ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसॉर्डर एक तरह का मानसिक रोग है जो व्यक्ति को काफ़ी परेशान करके रख देता है। इस मानसिक रोग से जूझ रहे व्यक्ति को हर समय परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसा उसके संदेह के मिज़ाज के चलते होता है।

दरअसल ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसॉर्डर एक ऐसा मानसिक रोग है जिसमें व्यक्ति को किसी एक ही व्यवहार को बार बार दोहराने की आदत होती है।

इस रोग से जूझ रहा व्यक्ति संतुष्टि का अनुभव करने में नाकाम रहता है। आपने अक्सर देखा होगा कि किसी व्यक्ति को बार बार हाथ होने की आदत है। कभी कभी लोग बार बार दरवाज़े का लॉक चेक करते हैं लेकिन तब भी संतुष्ट नहीं होते हैं।

यह बेचैनी यदि बढ़ जाए तो पैनिक अटैक भी पड़ सकता है। व्यक्ति को इस पैनिक अटैक के कारण न सिर्फ़ परेशानी होती है बल्कि उसकी जान जाने का भी ख़तरा बना रहता है।

 

2.) सीजोफ्रेनिया

सीजोफ्रेनिया एक प्रकार का गंभीर मानसिक रोग है जिसमें व्यक्ति का असली ज़िंदगी से संपर्क कट सा जाता है। सीजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति को हैलुशिनेजन और डेलुजन (भ्रम) जैसी गंभीर मानसिक स्थितियों का सामना करना पड़ता है।

हैलुशिनेजन एक प्रकार की स्थिति है जिसमें व्यक्ति अपने विचारों के आधार पर वास्तविक ज़िंदगी को देखने की कोशिश करता है। कह सकते हैं कि व्यक्ति को फ़ॉल्स बिलीफ़ या झूठे ख़याल आते हैं जिनको वह सच मानता है।

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3.) मल्टिपल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर

सीधे शब्दों में यदि मल्टिपल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर की बात करें तो यह एक ऐसा मानसिक रोग है जिसमें व्यक्ति को एक अधिक व्यक्तित्व होने का आभास होता है।

मल्टिपल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से जूझ रहा व्यक्ति ऐसा मानता है कि वह अलग अलग स्थितियों में अलग अलग इंसान हैं।

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4.) एंग्जाइटी या बेचैनी

अक्सर देखा जाता है कि जब हम से अचानक कोई गाना गाने को कह दिया जाता है या हमें किसी विशेष कार्य के लिए आमंत्रित कर लिया जाता है तो ऐसे में हमें घबराहट होने लगती है। किसी भी स्थिति के प्रति हमारे शरीर के द्वारा दी गई प्रतिक्रिया एंग्जाइटी कहलाती है।

मानसिक रोग की लिस्ट तो काफ़ी लंबी है लेकिन यहाँ पर हमने कुछ सबसे सामान्य मानसिक रोगों की चर्चा की है। इस तरह के मानसिक रोग किसी भी व्यक्ति का सुख चैन छीन सकते हैं।

 

5.) दूसरों की मदद करें

मनोविज्ञान के तथ्यों के अनुसार जब हम किसी दूसरे व्यक्ति की मदद करते हैं या परोपकारी का कार्य करते हैं तो ऐसे में हमारे मस्तिष्क में डोपामीन रिलीज़ होता है।

यह हमें संतुष्टि और ख़ुशी महसूस करवाता है। तो यदि आप मानसिक रोगों से बचना चाहते हैं और जीवन में ख़ुश रहना चाहते हैं तो ऐसे में दूसरों की मदद करने के लिए अपना हाथ बढ़ाएं। जानवरों से प्यार करें। लोगों का सम्मान करें।

 

6.) नकारात्मक विचारों से लड़ें

किसी भी कार्य को करने से पहले तनाव या बेचैनी होना सामान्य बात है लेकिन यदि यह हद से ज़्यादा बढ़ जाए और हमारी कार्यक्षमता को प्रभावित करे तो ऐसे में हमें परेशानी होती है।

किसी भी कार्य को पूरा करने से पहले हमें बेचैनी या तनाव एक प्रेरणा के रूप में होता है। यदि हमें नकारात्मक विचार आने लगें तो ऐसे में ये प्रेरणा निराशा का रूप ले सकती है।

हमें इन्हीं नकारात्मक विचारों से लड़ना है। मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा करने के लिए नकारात्मक विचारों से लड़ना सबसे पहली सीढ़ी है।

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7.) ध्यान केंद्रित करें

अपने मस्तिष्क को सुकून देने के लिए ध्यान केंद्रित करना काफ़ी अच्छा उपाय है। जब हम एक जगह पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करते हैं तो ऐसे में हमारा मस्तिष्क नकारात्मक विचारों से बचने की कोशिश करता है।

ध्यान केंद्रित करने से ना सिर्फ़ हमारा तनाव या कोई अन्य मानसिक रोग ठीक होता है बल्कि इससे मानसिक क्षमता भी बढ़ती है।

 

8.) फ़िटनेस को महत्व दें

अपने शरीर में ऊर्जा का संचार करने के लिए फिजिकल एक्टिविटी या व्यायाम करें। इससे शरीर में नई ऊर्जा बनती है जिससे मस्तिष्क को तरोताज़ा महसूस होता है।

इसी के साथ साथ फ़िटनेस को महत्व देने से जब आप व्यायाम करते हैं तो ऐसे में आपके शरीर पर वज़न भी नहीं आता। व्यायाम करने वाले लोग काफ़ी सुडौल होते हैं जिससे वे आकर्षित नज़र आते हैं।

 

9.) आस्था को बनाए रखें 

अपनी आस्था को जीवन में जगह देने से व्यक्ति में सकारात्मकता बढ़ती है। यह बात सत्य है कि हम जिस चीज़ के प्रति आस्था रखते हैं वह कार्य करने से हमारे मन को शांति मिलती है।

तो यदि आप अपने मस्तिष्क को शांत करना चाहते हैं और मानसिक रोगों से बचना चाहते हैं तो ऐसे में आपको उन कार्यों को करना चाहिए जिनमें आपकी आस्था है।

 

10.) साइकोलॉजिस्ट से ट्रीटमेंट लें

गंभीर मानसिक रोगों से जूझ रहे व्यक्ति को साइकोलॉजिस्ट से ट्रीटमेंट लेना चाहिए। यदि व्यक्ति अपने आप को कंट्रोल करने में समर्थ नहीं है तो ऐसे में उसके घर वालों या क़रीबी लोगों को उसे किसी साइकोलॉजिस्ट के पास ले जाना चाहिए।

 

मानसिक तनाव से बचने के लिए और भी कई उपाय हैं जैसे आप म्यूज़िक सुन सकते हैं, डान्स कर सकते हैं, बाहर घूमने जा सकते हैं या अपने किसी प्रिय से अपने दिल की बात कह सकते हैं।

मानसिक रोग चूँकि काफ़ी ख़तरनाक होते हैं तो ऐसे में हमें ये ध्यान रखना चाहिए कि हम इनकी चपेट में ना आएँ।

कोई भी सामान्य सी बात जो मानसिक रोग बन सकती है उससे जितना हो सके बचने की कोशिश करें। यही जीवन को ख़ुशी से जीने का राज है |

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