क्या मैदा सेहत के लिए अच्छा है? – All About White Flour And How It Affects Health in Hindi

Published by Anushka Chauhan on

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क्या मैदा सेहत के लिए अच्छा है? – All About White Flour And How It Affects Health in Hindi

White Flour का उपयोग अब आम हो गया है। किसी भी खाद्य पदार्थ के टेस्ट को अलग और अच्छा बनाने के लिए इसका इस्तेमाल होता है। समोसे, नूडल्स, मोमोज, गुलाब-जामून, बर्फी, केक व पिज्जा बेस में मैदे का उपयोग होता है। इनकी जगह अगर आटे से बने नूडल्स, केक, मोमा, पिज्जा बेस बना दें, तो लोगों के मन को भाता नहीं है। हर कोई यही कहता है वो स्वाद नहीं आया, जो मैदा युक्त चीजों में होता है। स्वाद के चक्कर में सेहत को भूलने की यह गलती अक्सर हर कोई करता है। इसी वजह से हम स्टाइलक्रेज के इस लेख में मैदा के साइड इफेक्ट्स बता रहे हैं। साथ ही मैदा कैसे बनता है और मैदा क्या होता है इससे जुड़ी जानकारी भी देंगे।

मैदा कैसे बनता है? – How Is White Flour Made In Hindi

White Flour यानी व्हाइट फ्लॉर और रिफाइंड फ्लॉर को गेहूं से बनाया जाता है। इसे बनाने के लिए गेहूं की आउटर ब्रेन यानी बाहरी परत और इनर जर्म लेयर को निकाल दिया जाता है। इसके बाद, जो बीच में सफेद रंग का स्टार्च बचता है यानी एंडोस्पर्म उसको पीसकर मैदा बना लिया जाता है। मैदा बनाते समय गेहूं के ऊपरी भाग व इनर जर्म को हटाने और रिफाइनिंग प्रोसस की वजह से इसके सभी जरूरी न्यूट्रीएंट्स कम हो जाते हैं।

White Flour

White Flour

मैदा खाने के नुकसान (Maida khane ke nuksan) – Side Effects of White Flour in Hindi

आप ऊपर जान ही चुके हैं कि गेहूं की ऊपरी परत को निकालकर मैदा बनाया जाता है। ऐसा करने के कारण इसके सभी जरूरी पोषक तत्व कम हो जाते हैं, जिस वजह से इसका सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो जाता है। चलिए, नीचे विस्तार से White Flour खाने के नुकसान के बारे में जानते हैं।

1. मेटाबॉलिक सिंड्रोम और मधुमेह

मेटाबॉ्लिक (चयापचय) सिंड्रोम कोई एक समस्या नहीं, बल्कि कई बीमारियों का संयोजन यानी काॅम्बिनेशन है। इसमें मोटापा, इंसुलिन रेजिसटेंस, मधुमेह, डिस्लिपिडेमिया और उच्च रक्तचाप शामिल हैं। एक रिसर्च में लिखा है कि रिफांइड फ्लोर का सेवन करने से चार हफ्ते के अंदर ही व्यक्ति चयापचय संंड्रोम से ग्रस्त हो सकता है। माना जाता है ऐसा इसमें फाइबर और अन्य पोषक तत्वों की कमी के कारण होता है। यह सिंड्रोम हृदय रोग, स्ट्रोक और मृत्यु का भी कारण बन सकता है।

2. कमजोर इम्‍यूनिटी

मैदा के साइड इफेक्टस में प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करना भी शामिल है। दरअसल, इम्यून सिस्टम की सभी कोशिकाओं को बेहतर कार्य करने के लिए पर्याप्त पोषण की जरूरत होती है, लेकिन मैदा के रिफाइनिंग प्रोसस की वजह से इसके आवश्यक खनिज, विटामिन और फाइटोन्यूट्रिएंट्स लॉस हो जाते हैं । ऐसे में मैदा से बने आहार का अधिक सेवन करने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिसका असर इम्यूनिटी पर पड़ सकता है।

एक रिसर्च की मानें, तो इम्यून सिस्टम के लिए जरूरी एंटीऑक्सीडेंट और फाइटोकेमिल्स अमेरिकन डाइट में नहीं होते हैं। अमेरिकन डाइट में पिज्जा, बर्गर और अन्य रिफाइंड फ्लॉर से बने खाद्य पदार्थ ही शामिल होते हैं। इसी वजह से मैदा को इम्यून सिस्टम के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।

3. हड्डियां की कमजोरी

मैदा का अधिक सेवन हड्डियों को कमजोर बना सकता है। मैदा में हड्डियों के लिए जरूरी पोषक तत्वों जैसे कैल्शियम और मैग्निशियम की कमी होती है। ऐसे में अगर इसका अधिक सेवन किया जाए, तो शरीर में इन न्यूट्रिएंट्स की मात्रा घटती चली जाती है, जिसके कारण धीरे-धीरे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। इसी वजह से मैदा युक्त पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए।

4. फाइबर की कमी

White Flour  में फाइबर की कमी होती है। इसे रिफाइन करते समय इसमें फाइबर की मात्रा न के बराबर ही बचती है। इसी वजह से यह स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव भी नहीं डालता है। आटे के मुकाबले इसमें 80 प्रतिशत कम फाइबर होता है। यह फाइबर कब्ज की समस्या को दूर करने और पाचन के लिए आवश्यक माना जाता है।

White Flour

White Flour

5. वजन बढ़ने और मोटापे की समस्या

रिफांइड फ्लोर का सेवन करने से वजन बढ़ने और मोटापा की समस्या हो सकती है। इस विषय पर किए गए एक सर्वे में पाया गया कि मैदा से बने फास्ट फूड पेट में आसानी से नहीं पचते। इसी वजह से यह पाचनतंत्र पर बुरा असर डालते हैं। इसके कारण इसे “विरुद्ध आहार” भी कहा जाता है। इसका अधिक सेवन करने से यह कई बीमारी और समस्याओं का कारण बन सकता है, जिसमें मोटापा और अतिरिक्त वजन बढ़ना भी शामिल है।

6. पोषक तत्वों की कमी

हमारे शरीर को स्वस्थ रखने और बीमारियों से बचाने के लिए मिनरल और विटामिन जैसे पोषक तत्वों की जरूरत होती है, लेकिन White Flour बनाते समय फाइबर के साथ ही विटामिन, मिलरल, लिग्नांस (Lignans), फाइटोएस्ट्रोनिन (Phytoestrogens), फिनोलिक कंपाउंड और फाइटिक एसिड (Phytic Acid) जैसे जरूर पोषक तत्व की मात्रा कम हो जाती है। इसी वजह से कहा जाता है कि मैदा का अधिक सेवन करने से शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।

7. मस्तिष्क की समस्याओं का कारण रिफांइड फ्लोर

White Flour के साइड इफेक्टस में मस्तिष्क संबंधी समस्याएं भी शामिल हैं। इस विषय पर हुए शोध में पाया गया है कि मैदा युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से मस्तिष्क संबंधी विकार हो सकते हैं। खासकर, यह डिमेंटिया यानी एक प्रकार के पागलपन का कारण बन सकता है। रिसर्च में यह भी जिक्र किया गया है कि मैदा अनहेल्दी डाइट है। इसके बारे में लोगों को पता तो है, लेकिन वो यह नहीं समझ पाते हैं कि इसके अधिक सेवन से आगे चलकर मानसिक बीमारी हो सकती है।

8. आंतों में सूजन का कारण

अधिक मात्रा में मैदा खाना आंतों की सूजन की समस्या भी पैदा कर सकता है। दरअसल, यह आंतों में चिपक सकता है, इसी वजह से इसे ‘गलू ऑफ द गट’ कहा जाता है। इसके कारण कई आंतों से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं (5)। इसके अलावा, मैदा में कई पोषक तत्वों की कमी होती है, जिसमें फाइबर भी शामिल है। लगातार मैदा युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से शरीर में फाइबर की कमी हो सकती है, जिस कारण छोटी आंत में सूजन की समस्या पैदा होने का जोखिम बढ़ सकता है।

9. हृदय रोग

White Flour के साइड इफेक्टस में मोटापा और मधुमेह के साथ ही हृदय रोग का जोखिम भी शामिल है। एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक, मैदा में पाया जाने वाला कार्बोहाइड्रेट मोनोसाच्चेराइड (Monosaccharide) और डिसाकाराइड (Disaccharide) शुगर से निर्मित होता है। अध्ययन के अनुसार, यह कार्बोहाइड्रेट कई बीमारियों का कारण हो सकता है, जिसमें हृदय रोग भी शामिल है।

10. उच्च रक्तचाप

White Flour का अधिक सेवन कई सारी बीमारियों को न्योता दे सकता है। जी हां, ऊपर हम कई बीमारियों का जिक्र कर चुके हैं। इसके अलावा, यह रक्तचाप को भी बढ़ा देता है। एक शोध में पाया गया है कि मैदा यानी व्हाइट फ्लॉर कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है। यह कार्बोहाइड्रेट उच्च रक्तचाप की समस्या का जोखिम बढ़ा सकता है।

11. भोजन की लत

मैदा का उपयोग कई प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है। लंबे समय तक मैदा युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से उसकी लत लग सकती है। दरअसल, मैदा से बने पाव, बर्गर, मोमो, बिस्कुट, समोसा व पिज्जा आदि को लोग बड़े स्वाद से खाते हैं। घर से बाहर निकलते ही इनमें से किसी ने किसी चीज का सेवन करने की इच्छा मन में जागने लगती है। इसे मैदा युक्त खाद्य पदार्थों की लत कहा जाता है।

 


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