दस्त (लूज मोशन) के कारण, लक्षण, घरेलू उपचार और परहेज (Home Remedies for Loose Motion)

Published by Anushka Chauhan on

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दस्त (लूज मोशन) के कारण, लक्षण, घरेलू उपचार और परहेज (Home Remedies for Loose Motion)

 

दस्त क्या है? (What is Diarrhea or Loose Motion in Hindi?)

गुदा मार्ग (Anal region) से पानी की तरह बार-बार मल का बाहर निकलना दस्त कहलाता है। दस्त कई कारणों से हो सकती है। शरीर में उपस्थित दोष वात, पित्त, कफ में मुख्यतः वातदोष असंतुलित हो जाता है। इससे शरीर की पाचन क्रिया  (Digestive system) को कमजोर हो जाती है। खाया हुआ खाना अच्छे से पच नहीं पाता, और बिना पचा हुआ खाना पतला होकर मल के रास्ते बार-बार निकलने लगता है। मल झागयुक्त थोड़ी-थोड़ी मात्रा में होने लगता है।

दस्त होने के कारण (Diarrhea or Loose Motion Causes in Hindi)

  • अस्वस्थ्य भोजन या दूषित पानी का सेवन करने से जब पाचन क्रिया में संक्रमण (Infection) हो जाता है, तब दस्त की समस्या हो जाती है।
  • रात का बचा हुआ बासी खाना खाने से दस्त हो सकती है।
  • बाहर की तैलीय चीज जैसे- समौसा, पिज्जा, बर्गर आदि तथा मैदे तथा बेसन से बनी हुई चीजें ज्यादा खाने से भी दस्त हो सकती है।
  • मानसिक तनाव, शोक या भय होने से भी दस्त होती है।
  • मल को ज्यादा देर तक रोकने से दस्त होती है।
  • ज्यादा दूषित मदिरा का सेवन करने से दस्त हो सकती है।
  • समान मात्रा से ज्यादा पानी पीने से दस्त हो सकता है।
  • बहुत ज्यादा तेल, मिच-मसाला वाला खाना खाने से भी दस्त हो सकती है।
  • बहुत अधिक मात्रा में मीठी चीज का सेवन करने से भी दस्त हो सकती है।

दस्त के कारण होने वाली अन्य बीमारियां (Diseases Caused by Diarrhea)

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दस्त होने पर तुरंत उपचार करना जरूरी हो जाता है। समय पर उपचार नहीं किया गया तो दस्त के कारण गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैंः-

दस्त के कारण त्वचा में झुर्रियां 

दस्त न रुकने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिसके कारण आंखों के नीचे काले घेरे पड़ने लगते हैं। त्वचा में झुर्रियां पड़ जाती हैं। इसलिए दस्त रोकने के घरेलू उपाय की जानकारी रखें। समय पड़ने पर उनका इस्तेमाल करें।

दस्त से शरीर में पानी की कमी 

दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी होने लगती है। इससे रोगी को बहुत ज्यादा प्यास लगने लगती है। गला सूखने लगता है। इससे मरीज Dehydration बीमारी का शिकार हो जाता है।

शरीर में उपस्थित इलेक्ट्रिक तत्व असंतुलित हो जाते हैं। शरीर में कमजोरी हो जाती है। पेट में दर्द होने लगता है। ये दस्त पेचिश (Dysentery) का रूप ले लेती है।

दस्त के कारण उल्टी की परेशानी

अगर ज्यादा दिनों तक दस्त नहीं रुकती है, तो पेट में गैस बनने लगती है। इससे मरीज को उल्टी भी होने लगती है।

दस्त के कारण एनीमिया की संभावना

रोगी या मरीज में खून की कमी होने लगती है, जिसके कारण एनीमिया भी हो सकता है।

दस्त से सांस फूलने की बीमारी 

कभी-कभी बार-बार मल त्याग करने के कारण रोगी को कमजोरी होने लगती है। रोगी को चलने में परेशानी होने लगती है। सांसें भी फूलने लगती हैं।

दस्त के कारण हो सकता है बुखार 

दस्त ज्यादा दिन तक होने के कारण पूरे शरीर में दर्द होने लगता है, भूख नहीं लगती है। हाथ-पैर में जलन होने लगती है। रोगी को कमजोरी होने लगती है। इससे बुखार होने की संभावना रहती है। ऐसे में हृदय, गुदी (Umbilicus) और कुक्षि (Pelvis) में बहुत ज्यादा दर्द होता है।

दस्त रोकने के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies for Diarrhea (Loose Motion) in Hindi)

Loose Motion

दस्त रोकने के घरेलू उपाय के रूप में इन तरीकों को आजमा सकते हैंः-

दस्त को रोकने के लिए धनिया का प्रयोग (Dhaniya)

ज्यादा दस्त होने की वजह से रोगी (मरीज) को ज्यादा प्यास लगने लगती है। ऐसी स्थिति में 1 लीटर पानी में 1 चम्मच सूखा धनिया उबालें। जब आधा पानी रह जाए तो पानी को छानकर ठण्डा कर लें। इसे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में रोगी को पिलाना चाहिए।

कचनार के इस्तेमाल से दस्त का घरेलू इलाज (Kachnar)

कचनार फूलों की दो-तीन कली लेकर महीन पीस लें। इसे चीनी के शर्बत में मिलाकर, रोज सुबह-शाम 2 से 3 बार खाने के पहले, या बाद लें। इससे बार-बार दस्त आने की शिकायत भी खत्म (Home Remedy for Diarrhea) हो जाती है।

नींबू से दस्त पर रोक (Lemon)

1 कप ताजे पानी में 1 छोटा चम्मच नींबू का रस मिला लें। रोज सुबह- दोपहर-शाम को खाली पेट या खाने के बाद लेें। इससे आंतों की धीरे-धीरे सफाई हो जाती है। दस्त के साथ जिनको आँव आने लगता है, उसमें यह नुस्खा बहुत कारगर सिद्ध होता है।

जीरा से दस्त का घरेलू उपचार (Jeera)

आधा चम्मच भूने हुए जीरे के चूर्ण को 1 कप दही या मट्ठे के साथ मिला लें। इसे लेने से दस्त में फायदा मिलता है।

सौंफ का प्रयोग पहुंचाता है दस्त में लाभ (Fennel Seeds)

1 छोटा चम्मच कच्ची सौंफ (बिना भूनी हुई सौंफ), 1 छोटा चम्मच पकी सौफ (भूनी हुई सौंफ) लें। दोनों को मिला लें। आधा-आधा छोटा चम्मच सुबह-शाम रोगी (मरीज) को दें। इस उपाय से दस्त में बहुत लाभ मिलता है।

दस्त को रोकने के लिए बेल का उपयोग (Bael)

पके हुए बेल का गूदा 1 चम्मच, 1 कप ताजे दही के साथ मिलाकर देने से दस्त में फायदा होता है।

दस्त को रोकने के लिए कच्चे पपीते का इस्तेमाल (Papaya)

कच्चे पपीते के 4-5 टुकड़ों को उबालकर खाने से पुराने दस्त ठीक हो जाते हैं।

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