जोंक थेरेपी के 8 फायदे – Leech Therapy Benefits in Hindi

Published by Anushka Chauhan on

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जोंक थेरेपी के 8 फायदे – Leech Therapy Benefits in Hindi

फिश थेरेपी या फिश स्पा आजकल सामान्य हो चुका है। कई लोग इसका लुत्फ उठाते हैं, लेकिन इसी तरह की एक और थेरेपी है जिसे लीच या जोंक थेरेपी कहते हैं। जोंक का नाम सुनते ही लोगों के शरीर में सिहरन-सी हो जाती होगी। जोंक एक बार शरीर से चिपक जाए, तो उसे निकालना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में जोंक थेरेपी पढ़कर आपको थोड़ा अटपटा लग सकता है। ऐसे में हमने सोचा कि क्यों न हमारे स्टाइलक्रेज के इस लेख से हम आप सभी को जोंक थेरेपी के फायदे के बारे में जानकारी दें। यहां हम न सिर्फ जोंक थेरेपी क्या है उसकी जानकारी देंगे, बल्कि इससे जुड़ी अन्य बातें भी बताएंगे। तो जोंक थेरेपी और जोंक थेरेपी के फायदे जानने के लिए जुड़े रहिये हमारे साथ।

जोंक थेरेपी के फायदे – Benefits of Leech Therapy in Hindi

जोंक थेरेपी क्या है, यह जानने के बाद अब हम यहां जानकारी देंगे जोंक थेरेपी के फायदे के बारे में। स्वास्थ्य के लिए जोंक थेरेपी कैसे लाभकारी हो सकती है, उससे संबंधित ज्यादा से ज्यादा जानकारी हम यहां देने की कोशिश कर रहे हैं। जोंक थेरेपी के फायदे कुछ इस प्रकार है :

1. घाव के लिए जोंक थेरेपी

अगर जोंक थेरेपी के फायदे की बात की जाए, तो यह घाव पर असरदार हो सकता है। चूहों पर किए गए शोध में जोंक थेरेपी को घाव भरने में सहायक पाया गया है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, तीन लोगों पर किए गए लीच थेरेपी से न सिर्फ उनके घाव पर सकारात्मक असर पाया गया, बल्कि घाव के दर्द में भी काफी राहत मिली। दरअसल, जोंक अतिरिक्त रक्त को चूसते हैं, जिससे ऊतकों में सूजन कम हो सकती है। फिर ताजे ऑक्सीजन युक्त रक्त को प्रभावित क्षेत्र तक पहुंचाकर घाव और उसके दर्द से आराम दिलाने में सहायक हो सकते हैं। यह असर प्रभावी और लंबे समय तक रह सकता है। हालांकि, यह शोध छोटे पैमाने पर किया गया है, इसलिए इस विषय में अभी और स्टडी की आवश्यकता है।

2. एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण

जोंक थेरेपी के फायदे में इसके एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं। दरअसल, जोंक की लार में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण की बात सामने आती है। इसके अलावा, शोधकर्ताओं के अनुसार, जोंक में मौजूद हीरुद्दीन (Hirudin-एक प्रकार का पेप्टाइड) अपने एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रभाव से थ्रोम्बिन (एक प्रकार का एंजाइम) को रोकने में सहायक हो सकता है। इसके एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण के कारण जोंक थेरेपी का उपयोग सूजन को कम करने के लिए कई सालों से किया जा रहा है।

3. दर्दनिवारक

जोंक थेरेपी दर्दनिवारक की तरह भी काम कर सकती है। जैसे कि हमने पहले ही जानकारी दी है कि जोंक थेरेपी न सिर्फ घाव को भरने, बल्कि दर्द को कम करने में सहायक हो सकती है। वहीं, कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, जोंक थेरेपी से कैंसर संबंधित दर्द और ऑस्टियोअर्थराइटिस (osteoarthritis-गठिया का एक प्रकार) में होने वाले दर्द में राहत की बात सामने आई है। ऐसा इसमें मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक (दर्दनिवारक) गुण के कारण हो सकता है।

Leech Therapy

4. ऑस्टियोअर्थराइटिस एक प्रकार ( एक प्रकार का गठिया)

अगर बात हो जोंक के फायदे की, तो यह ऑस्टियोअर्थराइटिस के लिए उपयोगी पाया गया है। 32 ऑस्टियोअर्थराइटिस मरीजों पर किए गए एक शोध में जोंक थेरेपी से उनके लक्षणों में सुधार देखा गया। इससे उन्हें दर्द, अकड़न और जोड़ों के मूवमेंट में लाभ मिला। ऑस्टियोअर्थराइटिस गठिया का एक प्रकार है, जिसमें जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न जैसी समस्या हो सकती है। ऐसे में जोंक थेरेपी के एंटी-इन्फ्लेमेटरी और दर्दनिवारक गुण से इस परेशानी से काफी हद तक आराम मिल सकता है।

5. मधुमेह

डायबिटीज रोग में आहार के साथ-साथ अन्य कई चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। देखा जाए तो डायबिटीज की समस्या अपने साथ कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को जन्म दे सकती है। ऐसे में हिरुडोथेरेपी थेरेपी यानी जोंक थेरेपी डायबिटीज की वजह से होने वाले अन्य लक्षणों को ठीक करने में सहायक हो सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक केस स्टडी के अनुसार, इसे डायबिटिक फुट की समस्या से बचाव करने में सहायक पाया गया है। इस थेरेपी की मदद से से घाव भरने और पैर को अलग करने के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। डायबिटीज में हाई ब्लड शुगर लेवल के कारण होने वाली समस्या को डायबिटिक फुट कहते हैं। इसका असर पैर की नसों पर पड़ता है। इससे पैरों में कुछ महसूस नहीं हो पाता है और कुछ मामलों में पैर को शरीर से अलग करने तक की जरूरत पड़ जाती है।

6. हृदय के लिए

जोंक थेरेपी को हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए भी प्रभावकारी माना जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक मेडिकल रिसर्च की मानें, तो थेरेपी के दौरान जोंक की लार के असर से रक्त प्रवाह में सुधार हो सकता है। इससे वाहिकाओं से संबंधित समस्याओं को ठीक करने में मदद मिल सकती है। फिलहाल, इस पर अभी और स्पष्ट वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।

7. कैंसर के लिए

जोंक थेरेपी से कैंसर से बचाव की बात भी सामने आई है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, जोंक की लार में मौजूद एंटीस्टासिन (antistasin) नामक प्रोटीन को फेफड़ों के कैंसर से बचाव के लिए उपयोगी पाया गया है। वहीं, कुछ मामलों में जोंक थेरेपी को कैंसर के इलाज के तौर पर शामिल करने की बात सामने आई है। पशु परीक्षण से यह भी पता चलता है कि जोंक की लार को सीधे चूहों में इंजेक्ट करने से कैंसर कोशिकाओं को बनने से रोकने में मदद मिल सकती है, जबकि ब्लड कैंसर वाले लोगों को जोंक चिकित्सा का उपयोग करने की सलाह नहीं दी जाती है। ध्यान रहे कि कैंसर एक गंभीर बीमारी है। इसलिए हमारे सलाह यही है कि इसमें किसी भी तरह की थेरेपी लेने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें और डॉक्टरी चिकित्सा को ही प्राथमिकता दें।

8. बालों के लिए

जोंक थेरेपी को बालों के ग्रोथ के लिए भी उपयोग किया जा चुका है। दरअसल, स्कैल्प में सर्जरी के कारण प्रभावित बालों के लिए जोंक थेरेपी का उपयोग किया जा चुका है। यह रक्त प्रवाह में सुधार कर बालों के रिग्रोथ में सहायक पाया गया है। इतना ही नहीं, कई क्लिनिक में जोंक से गंजेपन का इलाज भी किया जा सकता है। हालांकि, इस विषय में सटीक शोध उपलब्ध नहीं है कि यह कितना प्रभावकारी हो सकता है। दरअसल, कई क्लिनिक में गंजेपन के इलाज के तौर पर जोंक थेरेपी का विकल्प दिया जाता है, लेकिन बेहतर है विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार इस विकल्प को चुना जाए।

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