क्रोनिक किडनी रोग का पता कैसे लगाया जाता है?
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क्रोनिक किडनी रोग की पहचान पहले कर लेने से किडनी फ़ेल (Kidney Failure) से बचा जा सकता है। गुर्दे की शुरुआती बीमारी का पता लगाने के लिए कुछ सरल परीक्षण किए जा सकते हैं। वो हैं:
- मूत्र में प्रोटीन के लिए एक परीक्षण। एल्बुमिन से क्रिएटिनिन अनुपात (एसीआर), आपके मूत्र में एल्ब्यूमिन की मात्रा का अनुमान लगाता है। आपके मूत्र में प्रोटीन की अधिक मात्रा का मतलब हो सकता है कि आपके गुर्दे की फ़िल्टरिंग इकाइयां बीमारी से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। एक परिणाम बुखार या भारी व्यायाम के कारण हो सकता है, इसलिए डॉक्टर कई हफ्तों तक आपके परीक्षण की पुष्टि करते हैं।
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- रक्त क्रिएटिनिन के लिए एक परीक्षण। आपके ग्लोमेर्युलर निस्पंदन दर (GFR) की गणना करने के लिए, आपके चिकित्सक को आपकी आयु, दौड़, लिंग और अन्य कारकों के साथ आपके परिणामों का उपयोग करना पड़ता है। आपका जीएफआर बताता है कि आपका किडनी कितना प्रतिशत कार्य कर रहा है।
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जिनको क्रोनिक किडनी रोग की समस्या है उनके लिए इन परीक्षणों को कराना महत्वपूर्ण है। किडनी कि बीमारी के खतरों के बढ़ने के कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे:
- डायबिटीज़
- उच्च रक्तचाप
- क्रोनिक ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस
- पथरी की बीमारी
- लम्बे समय तक ली गई दवाईयां
- वंशानुगत रोग
- मूत्रमार्ग में बार – बार संक्रमण होना
यदि आप इनमें से किसी लक्षण से ग्रसित हैं तो अपने चिकित्सक से अवश्य मिलें।
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