हर्निया के कारण, लक्षण और इलाज – Hernia Causes, Symptoms and Treatment in Hindi

Published by Anushka Chauhan on

हर्निया के कारण, लक्षण और इलाज – Hernia Causes, Symptoms and Treatment in Hindi

खराब खानपान, बिगड़ती दिनचर्या और लापरवाही के कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। इन्हीं समस्याओं में से एक हर्निया भी है। यह शारीरिक परेशानी अचानक नहीं, बल्कि कुछ पुरानी बीमारी, खराब दिनचर्या या अनुचित खानपान के कारण धीरे-धीरे पनपती है। अगर इसपर भी ध्यान न दिया जाए, तो समस्या और भी गंभीर हो जाती है। ऐसे में हर्निया से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी के बारे में पता होना चाहिए। इसी मकसद के साथ स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हमने हर्निया के कारण, लक्षण और हर्निया के इलाज के बारे में बताया है। यहां हर्निया बीमारी के डॉक्टरी इलाज के साथ ही इसके लक्षणों को कुछ कम करने के लिए हर्निया के घरेलू उपाय की भी जानकारी दी गई है।

हर्निया क्या है – What is Hernia in Hindi

हर्निया एक चिकित्सकीय स्थिति है। मेडिकल भाषा में बात करें, तो हर्निया एक तरह की थैली (Sac) है, जो एब्डोमिनल कैविटी (पेरिटोनियम) से बनती है। यह सैक बैली वॉल के किसी छेद से या कमजोर हिस्से से बाहर निकलती है, जो मांसपेशियों को घेरे रहती है। इस बाहर निकले अंग को हर्निया कहा जाता है। हर्निया को कमजोर मांसपेशियों और स्ट्रेनिंगस यानी जोर लगाने का संयोजन माना जाता है, इसलिए भारी चीजें उठाने वालों को हर्निया का जोखिम रहता है।

हर्निया के प्रकार – Types of Hernia in Hindi

हर्निया के कई प्रकार हैं, जिनके बारे में हम आगे विस्तार से बता रहे हैं।

 

  • इनगुइनल हर्निया – इस तरह का हर्निया पेट और जांघ के मध्य वाले भाग (Groin) के कमजोर हिस्से में होता है। यह हर्निया का सबसे आम प्रकार है, जो अधिकतर पुरुषों को प्रभावित करता है।
  • फेमोरल हर्निया – इस प्रकार का हर्निया ग्रोइन (Groin) के पास जांघ के ऊपर वाले हिस्से में होता है। यह हर्निया महिलाओं को ज्यादा होता है।
  • इनसीजनल हर्निया  पेट की पहले कभी सर्जरी हई है, तो इनसीजनल हर्निया होने का जोखिम बढ़ सकता है। सर्जरी के कारण पेट की मांसपेशी कमजोर हो जाती है, जो इस प्रकार के हर्निया का कारण बन सकती है।
  • अम्बिलिकल हर्निया – यह हर्निया नाभि के पास एब्डॉमिनल वॉल के कमजोर भाग में होता है। अम्बिलिकल हर्निया शिशु और अधिक वजन वाले लोगों को होना आम है।
  • एपीगैस्ट्रिक हर्निया – इस प्रकार का हर्निया ब्रेस्ट बोन और नाभि के मध्य एब्डॉमिनल वॉल को प्रभावित करता है।
  • डायफ्रेग्मेटिक हर्निया– यह हर्निया थोड़ा अलग होता है, क्योंकि यह बाहर की ओर नहीं दिखता है। इस हर्निया के दौरान डायाफ्राम (फेफड़ों और हृदय के ठीक नीचे स्थित गुंबद आकार की मांसपेशी) का अंतराल (गैप) बढ़ जाता है। साथ ही पेट का कुछ हिस्सा चेस्ट की तरफ बढ़ने लगता है।Hernia

    हर्निया के लक्षण – Symptoms of Hernia in Hindi

    हर्निया के शुरुआती लक्षण की जानकारी से इससे बचाव और इलाज में मदद मिल सकती है। नीचे जानिए कि हर्निया होने पर क्या संकेत नजर आते हैं:

    • पेट दर्द
    • सीने में जलन
    • पेट में दबाव या खिंचाव
    • पाचन की समस्या
    • मतली
    • उल्टी
    • निगलने में परेशानी
    • सांस लेने में दिक्कत
    • गैस पास करने में समस्या होना
    • मल त्यागने में कठिनाई

    हर्निया के कारण – Causes of Hernia in Hindi

    हर्निया के शुरुआती लक्षण की जानकारी के बाद हम हर्निया के कुछ कारण बता रहे हैं। हर्निया के कारण और जोखिम कारक दोनों में काफी समानता है, जिनकी चर्चा हम लेख में आगे करेंगे।

    • ऊतक और मांसपेशियों का कमजोर होना
    • वजन बढ़ना
    • तनाव के कारण हर्निया का आकार बढ़ना
    • गर्भावस्था
    • पुराना कब्ज
    • पुरानी खांसी
    • सिस्टिक फाइब्रोसिस यानी फेफड़ों और पाचन तंत्र संबंधी आनुवंशिक बीमारी
    • बढ़े हुए प्रोस्टेट
    • पेशाब करते समय जोर लगाना
    • अतिरिक्त भार उठाना
    • पेट में तरल पदार्थ का इकट्ठा होना (Ascites)
    • पेरिटोनियल डायलिसिस यह रक्त से अपशिष्ट उत्पादों को हटाने का एक तरीका है
    • खराब पोषण
    • धूम्रपान
    • क्षमता से अधिक कार्य करना
    • अंडकोष की समस्या होने पर

    हर्निया के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Hernia in Hindi

    हर्निया से बचाव के लिए कुछ घरेलू उपचार की मदद ली जा सकती है। इसी वजह से आगे हम हर्निया के घरेलू उपचार के बारे में बता रहे हैं। बस ध्यान दें कि ये हर्निया के देसी इलाज डॉक्टरी ट्रीटमेंट का विकल्प नहीं हैं। हां, हर्निया के लक्षणों को कम करने और इसकी चपेट में आने से बचने के लिए इन घरेलू उपचार की मदद ली जा सकती है।

    1. एलोवेरा

    सामग्री:

    • एलोवेरा जूस

    उपयोग की विधि:

    • खाना खाने के लगभग 15 से 20 मिनट पहले आधा कप एलोवेरा जूस पी लें।
    • दिन में एक से दो बार इसका सेवन करें।

    कैसे है लाभदायक:

    हर्निया (इनगुइनल हर्निया) होने के कारणों में कब्ज भी शामिल है। ऐसे में एलोवेरा जूस का उपयोग करके कब्ज की समस्या को दूर किया जा सकता है। दरअसल, एलोवेरा में लेक्सेटिव गुण होता है, जो मल निकासी में मदद कर सकता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि एलोवारा कब्ज जैसी समस्या को दूर करके हर्निया के जोखिम से बचा सकता है।

    इसके अलावा, एलोवेरा का उपयोग हर्निया की सर्जरी के बाद घाव भरने के लिए भी किया जा सकता है। एलोवेरा के अर्क में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल प्रभाव के कारण यह सर्जरी के घाव को भरने में मददगार माना जाता है।

    2. बेकिंग सोडा

    सामग्री:

    • आधा चम्मच बेकिंग सोडा
    • एक गिलास पानी

    उपयोग की विधि:

    • एक गिलास पानी में आधा चम्मच बेकिंग सोडा घोलकर पी लें।
    • दिन में एक बार इसका उपयोग कर सकते हैं।
    • उच्च रक्तचाप की स्थिति में इसका सेवन करने से परहेज करना चाहिए।

    कैसे है लाभदायक:

    हर्निया की समस्या में बेकिंग सोडा का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, बेकिंग सोडा एंटासिड की तरह कार्य करके शरीर के एसिड को न्यूट्रलाइज करता है। इसके परिणाम स्वरूप अपच से भी राहत मिल सकती है। अपच को हर्निया का शुरुआती लक्षण और कारण दोनों ही माना जाता है। ऐसे में एक गिलास पानी में आधा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर पी सकते हैं। बस ध्यान दें कि इसका ज्यादा इस्तेमाल करने से कई शारीरिक परेशानियां हो सकती हैं, इसलिए इसका उपयोग संभल कर करें।

    3. दालचीनी

    सामग्री:

    • आधा चम्मच दालचीनी पाउडर
    • एक कप पानी

    उपयोग की विधि:

    • पानी में दालचीनी पाउडर को मिलाकर पानी गर्म करें।
    • बर्तन को ढककर कुछ मिनट के लिए उबलने दें।
    • फिर इसे चाय की तरह सेवन करें।
    • दालचीनी को आप दैनिक भोजन में कभी भी दिन में दो बार दे सकते हैं।

    कैसे है लाभदायक:

    दालचीनी के उपयोग से हर्निया की समस्या से राहत पाई जा सकती है। दरअसल, कब्ज हर्निया का कारण हो सकता है। ऐसे में उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ से कब्ज की समस्या को दूर करके हर्निया से बचा जा सकता है। दरअसल, दालचीनी में फाइबर की भरपूर मात्रा में पाई जाती है। दालचीनी का उपयोग हर्निया में किया जा सकता है, लेकिन इस पर प्रत्यक्ष शोध उपलब्ध नहीं है।

    hernia

    4. सेब का सिरका

    सामग्री:

    • एक चम्मच सेब का सिरका
    • एक गिलास पानी

    उपयोग की विधि:

    • पानी को हल्का गर्म करके सेब का सिरका मिला लें।
    • फिर इसे खाने से लगभग 5 मिनट पहले पी लें।
    • दिन में एक बार इसका सेवन किया जा सकता है।

    कैसे है लाभदायक:

    सेब का सिरका पेट की समस्या को राहत पहुंचाने में मदद करता है। भोजन से ठीक पहले लिया गया सेब के सिरके की छोटी सी मात्रा पाचन को सुधारने वाले जूस यानी डाइजेस्टिव जूस के उत्पादन को बढ़ा सकता है। इससे हर्निया के पेट संबंधी लक्षणों को दूर करने में मदद मिल सकती है। वैसे सीधे तौर पर सेब का सिरका हर्निया के लिए कितना कारगर होगा, इस पर सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

    5. गर्म पानी

    सामग्री:

    • एक गिलास पानी

    उपयोग की विधि:

    • पानी को गुनगुना करके पी लें।
    • प्रतिदिन सुबह इस उपाय का पालन करें।

    कैसे है लाभदायक:

    सुबह उठकर गर्म पानी पीने के लाभ में पेट को साफ रखना भी शामिल। ऐसा करके गर्म पानी कब्ज को कुछ कम कर सकता है। जी हां, इससे मल त्याग में आसानी होती है और कब्ज की परेशानी से राहत मिल सकती है। हम ऊपर बता ही चुके हैं कि हर्निया कब्ज व पेट में समस्या के कारण होता है। ऐसे में सुबह गर्म पानी के सेवन को हर्निया में फायदेमंद माना जाता है।

    6. कैमोमाइल चाय

    सामग्री:

    • एक चम्मच कैमोमाइल पाउडर
    • एक कप पानी
    • शहद वैकल्पिक

    उपयोग की विधि:

    • पानी में कैमोमाइल पाउडर मिलाकर तीन से चार मिनट तक गर्म करें।
    • फिर इसे छानकर इसमें शहद मिलाकर पी लें।
    • दिन में दो बार इसका उपयोग किया जा सकता है।

    कैसे है लाभदायक:

    एक अध्ययन के अनुसार, कैमोमाइल चाय का उपयोग गैस्ट्रिक समस्या के लिए किया जा सकता है, क्योंकि इसमें फ्लेवोनोइड्स होते हैं। फ्लेवोनोइड्स में गैस्ट्रिक प्रोटेक्टिव प्रभाव होता है। इससे हर्निया की समस्या से निपटने में मदद मिल सकती है।

    इसके अलावा, कैमोमाइल टी का उपयोग पारंपरिक रूप से पाचन विकार, पेट की खराबी, पेट फूलने की समस्या के लिए किया जाता रहा है। साथ ही इसमें एंटासिड प्रभाव भी होता है, जो एसिडिटी की समस्या में फायदेमंद हो सकता है। इनमें से कुछ हर्निया के लक्षण और कुछ इसके कारण हैं, इसलिए इसे हर्निया के लिए फायदेमंद माना जाता है।

    7. अदरक

    सामग्री:

    • आवश्यकतानुसार अदरक
    • एक कप पानी
    • शहद (वैकल्पिक)

    उपयोग की विधि:

    • अदरक कूटकर पानी में डालें।
    • अब पानी को तीन से चार मिनट उबालें।
    • समय पूरा होने पर इसे छानें और शहद मिला लें।
    • इस मिश्रण का सेवन दिन में दो बार कर सकते हैं।

    कैसे है लाभदायक:

    अदरक का उपयोग हर्निया के इलाज में मददगार हो सकता है। अदरक को एसिडिटी और अपच की समस्या में लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा, अदरक में एंटीएमेटिक यानी कि मतली और उल्टी को रोकने वाला प्रभाव भी पाया जाता है, जो हार्निया का एक लक्षण है। ऐसा में कहा जा सकता है कि अदरक हर्निया के लक्षणों को ठीक करने में प्रभावी हो सकता है।

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