Healthy Aging: एजिंग को करना है एन्जॉय तो 50 के बाद इन 5 बातों को न करें इग्नोर, सेहत की समस्याओं से मिलेगा छुटकारा

Published by Anushka Chauhan on

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Healthy Aging: एजिंग को करना है एन्‍जॉय तो 50 के बाद इन 5 बातों को न करें इग्नोर, सेहत की समस्याओं से मिलेगा छुटकारा

विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली है, ये बात हम सब जानते हैं। कुछ चीजों पर इंसान का जोर नहीं चलता है। समय के साथ उम्र का बढ़ना और फिर इस शरीर का खत्म हो जाना तय है। जब उम्र बढ़ने के साथ ही आप स्वस्थ्य रहे, तो उसे ‘हेल्दी एजिंग’ का नाम दिया जाता है।

सामान्य एजिंग क्या है? (Normal Aging Process)

उम्र या फिर एज के बढ़ने के साथ ही शरीर में कुछ लक्षण नजर आते हैं। सामान्य एजिंग या फिर नॉर्मल एजिंग (Normal aging) के लक्षण 30 साल की उम्र के बाद दिखाई पड़ने लगते हैं। बढ़ती उम्र के लक्षण कई प्रकार के हो सकते हैं।

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आपको हम यहां सामान्य एजिंग के कारण दिखने वाले लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं:

हड्डियां (Bones)- उम्र बढ़ने के साथ ही हड्डियां कमजोरी होने लगती हैं। अगर एज बढ़ने के साथ ही बोंस को जरूरी न्यूट्रीशन न मिले, तो जरा सा धक्का लगने या फिर चोट के कारण बोंस क्रेक हो जाती हैं। जॉइंट्स में कार्टिलेज दूर होने लगता है जिसके कारण  जोड़ों में दर्द की समस्या होने लगती है। अधिक उम्र में अर्थराइटिस के साथ ही अन्य जॉइंट्स में दर्द (Joint pain) की समस्या आम हो जाती है।

हार्ट एंड ब्लड वैसल्स (Heart and blood vessels)- धमनियों और रक्त वाहिकाओं के कठोर होने पर हार्ट का काम करना मुश्किल हो जाता है। एज बढ़ने के साथ ही हार्ट में ब्लॉकेज (heart blockage) की समस्या बढ़ने लगती है। अगर लाइफस्टाइल में सुधार न किया जाए, तो दिल की बीमारी की संभावना बढ़ती जाती है। फिजिकल एक्टिविटी दिल की सेहत को बेहतर रखने का काम करती है।

मसल्स (Muscles) – मांसपेशियां समय के साथ अपनी स्ट्रेथ खो देती हैं। एज बढ़ने के साथ ही मसल्स का लचीलापन खोने लगता है और मसल्स मास करीब 3-5% कम होने लगता है। 60 साल की उम्र तक ये समस्या अधिक होने लगती है। मसल्स को स्ट्रेंथ देने के लिए कुछ एक्सरसाइज  (muscle strength exercises) के साथ ही बेहतर डायट भी सहायक हो सकती है। आपको इस बारे में डॉक्टर से जानकारी जरूर लेनी चाहिए।

स्किन में बदलाव (Skin) – उम्र बढ़ने का असर साफ तौर पर स्किन में देखने को मिलता है। स्किन में झुर्रियां पड़ जाना, स्किन का पतला हो जाना, कट या चोट का आसानी से लगना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अधिक उम्र में स्किन (Skin) अपनी इलास्टिसिटी खो देती है। अगर ये कहा जाए कि अधिक उम्र में स्किन को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है, तो ये गलत नहीं होगा।

विजन की समस्या (Vision) –उम्र बढ़ने के साथ ही आंखों की रोशनी कम होने लगती है। दूर का या फिर पास की वस्तुएं धुंधली दिखने लगती है। मोतियाबिंद की समस्या भी हो सकती है। कई बार धुंधली दृष्टि (blurred vision) आगे चलकर अंधेपन का कारण भी बन सकती है। समय रहते ट्रीटमेंट करवाने पर आंखों की रोशनी की सुरक्षा की जा सकती है।

मेंटल हेल्थ ( Mental health) – मानसिक स्वास्थ्य यानी मेंटल हेल्थ उम्र बढ़ने के साथ ही प्रभावित होती है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कम उम्र में मेंटल इलनेस के केस सामने आ रहे हैं। अकेलापन, स्ट्रेस या फिर डिप्रेशन (depression) मानसिक स्वास्थ्य को खराब करने का मुख्य कारण होता है।

मेमोरी और थिंकिंग (Memory and Thinking): उम्र बढ़ने के कारण मल्टीटास्किंग यानी एक साथ कई काम करने में दिक्कत आ सकती है। मेमोरी (memory loss disease) भी पहले की अपेक्षा कमजोर हो सकती है। कभी-कभार या हाल की घटनाओं को व्यक्ति भूल सकता है। कभी चाबी रखकर भूल जाना, जरूरी कागज लेना भूल जाना, कुछ दिन पुरानी बातों को भूल जाना आदि कमजोर मेमोरी के लक्षण हैं।

उम्र बढ़ने के साथ ही व्यक्ति को दूसरे के सहारे की अधिक जरूरत पड़ने लगती है। उठने-बैठने चलने आदि में भी समस्याएं आने लगती है। भूलने की आदत के कारण व्यक्ति खुद का ध्यान भी ठीक से नहीं रख पाता है। हेल्दी एजिंग के लिए उन समस्याओं से लड़ना बहुत जरूरी है, जो उम्र बढ़ने के साथ दिखने लगती है। अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, तो इन समस्याओं से बचा जा सकता है। जानिए हेल्दी एजिंग (Healthy aging) के लिए किन बातों पर ध्यान देने की जरूरत है।

हेल्दी एजिंग के लिए ये प्लान बनेगा कारगर! (Plan for Healthy Aging)

भागदौड़ भरी जिंदगी में जब तक हमारे शरीर को किसी तरह की परेशानी नहीं होती है, हम अपनी हेल्थ के बारे में नहीं सोचते हैं। हेल्दी एजिंग के लिए जरूरी है कि आप कम उम्र में ही अपनी लाइफस्टाइल में सुधार लाएं ताकि आपको भविष्य में शारीरिक और मानसिक समस्याओं का कम ही सामना करना पड़ें। हेल्दी एजिंग (Healthy aging) के लिए आपको प्लान बनाने की जरूरत है और साथ ही उसे फॉलो करने की भी जरूरत है। आपने महसूस किया होगा कि कोई भी नई आदत डालने में शुरू में थोड़ी परेशानी होती है, लेकिन कुछ समय बाद हमारा शरीर उसके लिए ढल जाता है और फिर हम बिना किसी परेशानी के उसी हिसाब से चलते हैं।

हेल्दी एजिंग और नींद का है गहरा ताल्लुक (Sleep and Aging) 

आपने जरूर कही सुना या पढ़ा होगा कि जब हम सोते हैं तो शरीर में सेल्स की मरम्मत होती है और साथ ही नई त्वचा बनने की प्रक्रिया भी होती है। अगर सही से नींद न ली जाएं, तो नई सेल्स का निर्माण होने में दिक्कत होने लगती है। शरीर में मेलाटोनिन हर्मोन को ग्रोथ हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है। मेलाटोनिन (melatonin) हर्मोन पीनियल ग्लैंड से रिलीज होता है और स्लीप-वेक साइकिल को कंट्रोल करने का काम करता है। अच्छी नींद शरीर के कई हार्मोन को बैलेंस करने का काम करती है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि नींद के दौरान शरीर में बहुत ही अहम काम होते हैं। अच्छी नींद न केवल शरीर को रिलेक्स देने का काम करती है, बल्कि अच्छी स्किन के लिए भी जिम्मेदार होती है। अच्छी नींद (Healthy sleep) मेंटल हेल्थ को भी बेहतर बनाने का काम करती है।

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