इन 5 कारणों से ज्यादातर महिलाओं को करना पड़ता है कमर दर्द (back pain) का सामना, जानिए इसे मैनेज करने का तरीका (Why Females are more prone to back pain after 30s and ways to cure it)
इन 5 कारणों से ज्यादातर महिलाओं को करना पड़ता है कमर दर्द (back pain) का सामना, जानिए इसे मैनेज करने का तरीका (Why Females are more prone to back pain after 30s and ways to cure it)
पहले जानते हैं 30 की उम्र के बाद महिलाओं में बढ़ते बैक पेन (Back Pain) का कारण (causes of back pain in females)
1.कैल्शियम की कमी (Lack of calcium)
30 की उम्र के बाद शरीर में कैल्शियम का अवशोषण कम होने लगता है। साथ ही साथ हड्डियां भी कैल्शियम खोना शुरू कर देती हैं, ऐसे में हमें कैल्शियम को मेंटेन रखने के लिए उचित खानपान सहित इसके अवशोषण को बढ़ाने के लिए हेल्दी डाइट कांबिनेशन की आवश्यकता पड़ती है। यदि आप इस पर ध्यान नहीं देती हैं, तो हड्डियां कमजोर होना शुरू हो जाती है। वहीं यदि छोटी गतिविधियों में भाग लेने से आपकी हड्डियों पर अधिक भार पड़ता है और कमजोर हड्डियां इसे झेल नहीं पाती। ऐसे में कमर की हड्डियों में दर्द होना शुरू हो जाता है।
Bhimseni Kapoor -Camphor – BARAS KAPOOR-EDIBLE CAMPHOR-KARPURA-Cinnamomum Camphora- भीमसेनी कपूर
2. स्पाइनल ऑस्टियोअर्थराइटिस (spinal osteoarthritis)
स्पाइनल ऑस्टियोअर्थराइटिस किस स्थिति महिलाओं में बहुत कॉमन है। वहीं वजन और उम्र बढ़ाने के साथ इस परेशानी का खतरा भी बढ़ जाता है। इस स्थिति में फेस्ट ज्वाइंट्स में फाइबर्स कार्टिलेज ब्रेक हो जाते है। इस स्थिति में आमतौर पर लोअर बैक, बटॉक्स और पीठ में दर्द होता है। साथ ही साथ कमर में अकड़न महसूस हो सकती है। वहीं अचानक से बैठे-बैठे कमर में असहनीय दर्द का अनुभव होता है, जिसे ऑकेजनल पेन कहा जाता है।
3. एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis)
एंडोमेट्रियोसिस में गाइनेकोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जो आमतौर पर कई महिलाओं को प्रभावित करता है। ऐसी स्थिति में यूट्रस टिशु वॉम्ब के अंदर ग्रो करना शुरू कर देते हैं। इसके लक्षण के तौर पर आपको पीरियड्स के दौरान अत्यधिक दर्द महसूस होता है, पेट और कमर के निचले हिस्से में असहनीय दर्द का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा इंटिमेट एरिया में भी दर्द होता है।
4. प्रीमेंस्ट्रूअल सिंड्रोम (PMS)
प्रीमेंस्ट्रूअल सिंड्रोम एक ऐसी स्थित है, जो पीरियड्स के पहले महिलाओं को परेशान करती है। पीएमएस के दौरान महिलाओं को कई सारी स्थितियों का सामना करना पड़ता है जिनमें से बैक पेन सबसे कॉमन है। वहीं अन्य लक्षण जैसे की सिर दर्द, थकान, ब्लोटिंग, फूड क्रेविंग, एंजायटी, मूड स्विंग्स और कंसंट्रेट करने में परेशानी आने जैसी समस्याएं शामिल हैं। यह लक्षण कुछ महिलाओं में नजर आती है, तो कुछ में नहीं आती।
5. सायटिका (sciatica)
सायटिका की स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब साइटिका इंजर्ड हो जाते हैं। यह वे नर्व हैं, जो आपकी स्पाइन से बटॉक्स से ट्रैवल करते हुए आपके पैरों के पीछे से गुजरते हैं। साइटिका की स्थिति में लोअर बैक में बर्निंग पेन का अनुभव होता है, जो शरीर को झटका दे सकता है। इसके अलावा इस स्थिति में पैर एवं कमर में कमजोरी और नंबनेस भी महसूस हो सकता है।
अब जानें घर पर कैसे मैनेज कर सकती हैं बैक पेन (treatment for back pain in females)
कमर दर्द की स्थिति में अपने कमर और पीठ के पास हीटिंग पैड अप्लाई करने से ब्लड सर्कुलेशन बूस्ट होता है, जिससे शरीर के सभी हिस्सों के साथ-साथ आपके कमर तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचता है। यह पोषक तत्वों के अवशोषण को भी बढ़ावा देता है। इस प्रकार हीटिंग पैड आपको कमर दर्द से राहत प्रदान कर सकता है।
- गुनगुने पानी से नहाएं (Take shower with warm water)
यदि आपको शारीरिक गतिविधियों को करने के बाद कमर में दर्द महसूस हो रहा है, या बैठे-बैठे कमर अकड़ गई है। तो ऐसे में गुनगुना पानी से शॉवर लें से सर्कुलेशन इंप्रूव होता है और मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं। यह मांसपेशियों के दर्द और अकड़न से फौरन राहत प्रदान कर सकता है।
- स्ट्रेचिंग एंड मूविंग (Stretching and Moving)
यदि आपको घर के कामकाज करने के बाद कमर में दर्द का एहसास हो रहा है, या सुबह उठने के साथ कमर अकड़ी हुई महसूस हो रही है, तो इस स्थिति में बॉडी को अधिक समय तक रेस्टिंग पोजीशन में न रखें। बॉडी को मूव करना बहुत जरूरी है, साथ ही साथ आराम से धीरे-धीरे शरीर को स्ट्रेच करें। इससे आपको दर्द से राहत मिलेगा साथ ही साथ आपके शरीर में लचीलापन भी आएगा।
- मसाज (Massage)
यदि आप किसी फिजिकल थैरेपिस्ट को जानती हैं, तो मसाज में उनकी मदद ले सकती हैं। वहीं यदि नहीं तो कोई बात नहीं है, आप घर पर भी किसी की मदद से अपने कमर के हिस्से में मसाज ले सकती हैं। तेल को गुनगुना कर लें और हल्के हाथों से कमर के निचले हिस्से में मसाज करने को कहें। केवल हल्के हाथों से मसाज करें, ताकि आपकी मांसपेशियां रिलैक्स हो जाए और कमर के निचले हिस्सों में सरकुलेशन बढ़ जाए। क्योंकि पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचने से दर्द को कम करने में मदद मिलती है।
- आइस पैक (Ice Pack)
यदि आपकी कमर की मांसपेशियों में अत्यधिक दर्द हो रहा है, या वह अकड़ गई हैं, तो ऐसे में आइस पैक आपकी मदद कर सकता है। वहीं कई बार कमर में चोट लगने से भी दर्द महसूस होता है, जिसके लिए आइस पैक का इस्तेमाल बेहद प्रभावी साबित हो सकता है। आइस बैग या फिर बर्फ को किसी कॉटन के कपड़े में लपेटकर अपने कमर की सिकाई करें।
- डाइट में शामिल करें कैल्शियम तथा आयरन युक्त खाद्य पदार्थ (Intake of calcium and iron food)
30 की उम्र के बाद शरीर में कैल्शियम की कमी होना शुरू हो जाती है। ऐसे में बॉडी में उचित मात्रा में कैल्शियम को बनाए रखने के लिए डाइट में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों की मात्रा को बढ़ाना जरूरी है। साथ ही साथ विटामिन डी और विटामिन के की मात्रा को बनाए रखना जरूरी है। यह दोनों पोषक तत्व शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ावा देते हैं।
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