ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर (Drug Abuse Disorder) जानें इसके कारण, लक्षण और उपचार

Published by Anushka Chauhan on

Drug Abuse Disorder

ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर (Drug Abuse Disorder) जानें इसके कारण, लक्षण और उपचार

नशीले पदार्थ की लत यानि ड्रग एब्यूज एक विकार है, जिसे आम भाषा में ड्रग एडिक्शन (drug addiction) के नाम से भी जाना जाता है। यह डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मस्तिष्क और व्यवहार को बुरी तरह प्रभावित करता है। लगातार इन पदार्थों के दुरुपयोग से व्यक्ति कुछ पदार्थों जैसे अल्कोहल, मारिजुआना (गांजा) और निकोटीन का इतना आदी हो जाता है कि वह खुद को नियंत्रित करने में असमर्थ हो जाता है और नुकसान जानने के बाद भी नशीली दवाओं का सेवन जारी रखता है। इसे ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर (drug abuse disorder) के नाम से जाना जाता है।

जैसे-जैसे नशीले पदार्थों पर इंसान की निर्भरता बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर से ग्रस्त व्यक्ति परिवार, समाज और दोस्तों से दूर होता जाता है और इन नशीले पदार्थों की आवश्यकता और खुराक भी बढ़ती जाती है। स्थिति ऐसी हो जाती है कि इन नशीले पदार्थों के बिना जीना मुश्किल हो जाता है और चाहकर भी इंसान ड्रग्स का सेवन नहीं रोक पाता है। नशीले पदार्थों और दवाओं से मुक्त होने के लिए अपने डॉक्टर, पारिवारिक सदस्यों, मित्रों आदि की मदद ले सकते हैं।

नशे की लत या ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर (drug abuse disorder) के क्या कारण हैं? 

ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर के कारण हो सकते हैं-

सामाजिक कारण

आसपास या मित्रों का ऐसा समूह, जो इस तरह की नशीले पदार्थों का उपयोग करता हो या प्रचार करता हो। शुरूआती स्तर पर इंसान यही से नशीले पदार्थों का सेवन करना सीखता है।

जेनेटिक्स (genetics)

नशे की लत कई परिवारों में पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है, अनुवांशिक कारण भी नशे की लत की वजह हो सकते हैं।

मनोवैज्ञानिक कारण

नशे की लत के मनोवैज्ञानिक कारण में घर में यौन या शारीरिक शोषण, हालातों का ठीक न होना, स्ट्रेस को दूर करने में मुश्किल, वर्कप्लेस पर खराब प्रदर्शन जैसी स्थितियां शामिल हैं जिनसे बचने के लिए लोग खुद से ही ड्रग्स लेने लगते हैं।

Drug Abuse

ड्रग एब्यूज विकार (drug abuse disorder) के कौन-कौन से लक्षण हो सकते हैं? 

ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर के लक्षण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं-

स्वभाव संबंधी लक्षण 

ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर (Substance use disorder) से ग्रस्त व्यक्ति के स्वाभाव में ये कुछ परिवर्तन देखने को मिलते हैं-

  • ऑफिस या स्कूल में उपस्थिति न रहना,
  • कार्यक्षमता में गिरावट,
  • खतरनाक स्थितियों में पदार्थों का उपयोग (जैसे मशीन या गाड़ी चलाते समय),
  • संदिग्ध व्यवहार,
  • भूख या नींद के पैटर्न में बदलाव,
  • असामान्य हाइपरएक्टिविटी (hyperactivity),
  • प्रेरणा का अभाव,
  • बिना किसी कारण के डरना या चिंता करना।

शारीरिक लक्षण

ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर वाले इंसान के शरीर में ये कुछ लक्षण देखने को मिलते हैं-

  • आंखें लालरहना व असामान्य पुतलियों का आकार,
  • अचानक वजन कम होना या वजन बढ़ना,
  • सांस, शरीर या कपड़ों से अजीब सी गंध आना,
  • शरीर में झटके लगना,

सामाजिक लक्षण

  • दोस्तों के साथ मेलजोल कम होना (जो ड्रग्स का सेवन न करते हो),
  • शौक में अचानक बदलाव,
  • बिना किसी स्पष्टीकरण के रूपए मांगना,
  • परिवार के सदस्यों और करीबी दोस्तों के साथ व्यवहार में अचानक परिवर्तन आना।

ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर (नशे की लत) का निदान कैसे करें?

नशे की लत का निदान करने के लिए डॉक्टर पूरी तरह से मूल्यांकन करते हैं और अक्सरz इसमें मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक द्वारा एग्जामिनेशन करना शामिल होता है। इमेजिंग स्कैन (imagining scan), चेस्ट का एक्स-रे और ब्लड टेस्ट (blood test) पूरे शरीर पर होने वाले दीर्घकालिक हानिकारक प्रभावों को दर्शाते हैं। ब्लड, यूरिन या अन्य लैब टेस्ट का इस्तेमाल ड्रग्स के उपयोग के आंकलन के लिए किया जाता है। हालांकि, इन परीक्षणों का प्रयोग ट्रीटमेंट और दोबारा ठीक होने की स्थिति की निगरानी के लिए किया जा सकता है।

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नशे की लत (ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर) का मानसिक विकार से क्या संबंध है?

मानसिक बीमारी और ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर अक्सर एक-दूसरे से संबंधित होती है। कुछ मामलों में, मानसिक विकार जैसे कि चिंता या अवसाद (depression) नशे की लत से पहले हो सकती है, जबकि अन्य मामलों में नशे से मेंटल डिसऑर्डर उत्पन्न हो सकते हैं। कुछ ड्रग्स के लंबे समय तक उपयोग किए जाने पर मस्तिष्क में कम समय के लिए या दीर्घकालिक बदलाव भी हो सकते हैं, जिससे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?

ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर का बॉडी पर प्रभाव नशे के प्रकार के आधार पर अलग-अलग होता है। नशे की लत के कुछ प्राथमिक शारीरिक प्रभाव मस्तिष्क में होते हैं। ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर मस्तिष्क के कार्यों और शरीर के आराम की स्थिति में बदलाव लाती है। हृदय दर में अनियमितताएं, हार्ट अटैक, श्वसन समस्याएं, फेफड़े का कैंसर, सांस लेने में दिक्कत, नींद के रूटीन में परिवर्तन आदि समस्याएं नशे की ज्यादा लत की वजह से हो सकती हैं

ड्रग एब्यूज को कैसे रोके?

मानसिक स्वास्थ्य समस्या और पदार्थ उपयोग ड्रग्स ग्रस्त किसी व्यक्ति को दोनों मुद्दों का इलाज करना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं और पदार्थ उपयोग विकारों दोनों के लिए उपचार में पुनर्वास, दवाएं, सहायता समूह और टॉक थेरेपी शामिल हो सकते हैं। नशे के आदी व्यक्ति के लिए ड्रग एब्यूज को रोकने के लिए ये ठोस कदम उठाने चाहिए-

  • ऐसी जगह जाने से खुद को रोके जहां शराब का सेवन जरूरी हो।
  • एंटी-ड्रग, तंबाकू और शराब से जुड़ी संस्थाओं के कार्यक्रमों में भाग लें।
  • किसी विशेषज्ञ से काउंसिलिंग लें।
  • ऐसे लोगों से दूरी बनाए जो नशा करते हो।
  • रिकवरी के लिए रेहाब सेंटर में भर्ती हो जाएं।
  • अगर आप खुद पर नियंत्रण करने में असफल हो रहे हैं तो थेरेपिस्ट की मदद लें।
  • सपोर्ट ग्रुप के साथ भी जुड़ सकते हैं।
  • नशे के आदी इंसान को अपने दिमाग के सभी कार्यों को दोबारा से ठीक करने और इसके साइड इफेक्ट्स को दूर करने लिए डॉक्टर के परामर्श से दवाओं की मदद लेनी होती है।
  • युवावस्था में नशे से बचें, जो लोग किशोरावस्था में शराब पीने या ड्रग्स का इस्तेमाल करने लगते हैं, उनमें भविष्य में ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर होने की संभावना रहती है।

ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जिसके प्रभाव बहुत ही नकारात्मक हैं। ऐसे डिसऑर्डर की समस्या से पीड़ित व्यक्ति को मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम और ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर दोनों का ही इलाज कराना चाहिए। उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। आपको यह लेख कैसा लगा? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही अगर आपका इस विषय से संबंधित कोई भी सवाल या सुझाव है तो वो भी हमारे साथ शेयर करें।

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