कब्ज-वायुविकार होने के कारण और इसके घरेलू उपचार ।

Published by Aahar Chetna on

                

हमारे द्वारा भोजन ग्रहण करने के बाद उसका पाचन संस्थान द्वारा पाचन होता है। मुँह में ग्रास के चबाने के साथ ही पाचन क्रिया की शुरुआत हो जाती है। उसके बाद ग्रास नली द्वारा आमाशय में पहुँच कर भोजन के पचने की क्रिया आरम्भ होती है। अगर इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की रुकावट होती है तो फिर भोजन सही ढंग से नहीं पचता तथा अपच होता है और फिर कब्ज होता है। सही ढंग से मल न निकलना ‘कब्ज’ कहलाता है। यह रोग अधिक तनाव के कारण भी होता है। देर रात तक जागने, देर रात को भोजन करने, ज्यादा तला भूना या चिकना भोजन करने से या किसी बीमारी के कारण भी हो सकता है। इसमें पेट में गैस बनने लगती है। हवा पास नहीं होती, खट्टी डकारें आती हैं तथा जी मचलाने लगता है।

इसके घरेलु उपचार निम्न हैं:-

  • रात को सोने से पहले त्रिफला चूर्ण गर्म/गुणगुणे पानी के साथ प्रयोग करें (कब्जियत के केस में)।

बिना दवाई कब्ज से मुक्ति | कब्ज को जड़ से खत्म करने का उपाय | constipation treatment without medicine

  • दूध में देशी गाय का घी मिलाकर रात में सोने के पहले पिये।
  • मुँह से बदबू आती है मतलब पेट साफ नहीं है, रात में त्रिफला गुणगुणे पानी के साथ सोने से पहले सेवन करें।
  • अदरक की चटनी नमक मिलाकर चाटने से गैस पास होने लगती है।
  • अदरक के रस में नींबू और पुदीने का रस मिलाकर पीने से रोग में आराम मिलता है यदि आवश्यक लगे तो एक-दो चम्मच शहद भी मिला सकते हैं।
  • सौंठ+ कालीमिर्च+ पीपल को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनायें। सुबह-शाम एक-एक चम्मच लें। कब्ज दूर होगी।
  • पके हुये बेल का शरबत पीने से या बेल के गूदे में सौंफ का पाउडर मिलाकर पीने से कब्ज दूर होता है। सीधा पका बेल खायें तो और अच्छा।

  • पुदीने का रस खाण्डसारी या गुड़ मिलाकर लें।
  • रात्रि में तांबे के बर्तन/पात्र में रखा पानी प्रातः शौच जाने से पहले पीने से कब्ज दूर होती है।
  • रात को गरम दूध के साथ एक चम्मच त्रिफला लेने से कब्ज दूर होती है।
  • भोजन के साथ सुबह शाम पपीता खाने से कब्ज दूर होता है।

  • प्रतिदिन 15-20 ml देशी गाय का गौमूत्र/अर्क पीने से कब्ज दूर होता है तथा यह शरीर को शुद्ध भी करता है। (नोट: गर्भवती महिलाएं गौ अर्क का सेवन न करें)
  • यदि खाना नहीं पचता तो फालसे के रस के साथ सेंधा नमक और काली मिर्च मिलाकर पीये, फालसा पित्त विकारों में भी लाभ करता है।

  • कच्चे प्याज का रस पेट दर्द, बदहजमी, वायु विकार और अफरा में लाभदायक है।
  • कब्ज में गव्य शोधित हरीतकी पाउडर का सेवन बहुत लाभ करता है। इसे हमेशा गुणगुणे पानी के साथ सेवन करें।

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