कलौंजी लगाएं, सर पर लहलहाते बाल वापस पाएं।

Published by Aahar Chetna on

महिलाएं ही क्या पुरुष भी आम तौर पर अपने बालों को लेकर काफी चिंतित रहते हैं, आज की आधुनिक शैली और आधुनिक प्रोडक्ट्स ने हमारे शरीर को फायदा पहुंचाने के बजाय नुक्सान ही पहुंचाया है।  बहुत कम लोग जानते हैं कि हमारे आसपास ऐसी बहुत सारी चीजें हैं, जिन्हें सही तरीके से खाकर सुन्दर त्वचा, बालों से लेकर अच्छी सेहत का फायदा उठाया जा सकता है।


इन्हीं में शामिल है कलौंजी जिसमें बहुत सारे मिनरल्स और न्यूट्रिएंट्स होते हैं।  आयरन, सोडियम, कैल्शियम, पोटैशियम और फाइबर से भरपूर कलौंजी कई प्रकार के रोगों का घर बैठे इलाज है।  लगभग 15 एमीनो एसिड वाला कलौंजी शरीर के लिए जरूरी प्रोटीन की कमी भी पूरी करता है।


बालों को लाभ


कलौंजी के लाभ में से सबसे बड़ा लाभ बालों को होता है।  अनहेल्दी लाइफस्टाइल, स्ट्रेस जैसी कई समस्याओं से महिला हो या पुरुष, दोनों के ही साथ बालों के गिरने की समस्या आम हो चुकी है। इसके लिए तमाम तरह के ट्रीटमेंट कराने पर भी फायदा नहीं होता। लेकिन घर में मौजूद कलौंजी इस समस्या के निपटारे में बहुत ही कारगर उपाय है। सिर पर 20 मिनट तक नींबू के रस से मसाज करें और फिर अच्छे से धो लें। इसके बाद कलौंजी का तेल बालों में लगाकर उसे अच्छे से सूखने दें। लगातार 15 दिनों तक इसका इस्तेमाल बालों के गिरने की समस्या को दूर करता है।

Khandsari


कलौंजी ऑयल, ऑलिव ऑयल और मेहंदी पाउडर को मिलाकर हल्का गर्म करें, ठंडा होने दें और हफ्ते में एक बार इसका इस्तेमाल करें। इससे गंजेपन की समस्या भी दूर होती है।


कलौंजी की राख को तेल में मिलाकर गंजे अपने सर पर मालिश करें कुछ दिनों में नए बाल पैदा होने लगेंगे।

इस प्रयोग में धैर्य महत्वपूर्ण है।

 
कलौंजी के अन्य लाभ

  • डायबिटीज से बचाता है।
  •  पिंपल की समस्या दूर करता है।
  • मेमोरी पावर बढ़ाता है।
  • सिरदर्द दूर करता है।
  • अस्थमा के इलाज में सहायक है।
  •  जोड़ों के दर्द में आराम देता है।
  • आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है।
  • ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मदद करता है।
  • कलौंजी एक बेहद उपयोगी मसाला है। इसका प्रयोग विभिन्न व्यंजनों जैसे दालों, सब्जियों, नान, ब्रेड, केक और आचार आदि में किया जाता है।
  • कलौंजी की सब्जी भी बनाई जाती है।
  • कलौंजी में एंटी-आक्सीडेंट भी मौजूद होता है जो कैंसर जैसी बीमारी से बचाता है।
  • कलौंजी का तेल कफ को नष्ट करने वाला और रक्तवाहिनी नाड़ियों को साफ़ करने वाला होता है।
  • इसके अलावा यह खून में मौजूद दूषित व अनावश्यक द्रव्य को भी दूर रखता है।

कलौंजी का तेल सुबह ख़ाली पेट और रात को सोते समय लेने से बहुत से रोग समाप्त होते हैं।

नोट: गर्भावस्था के समय स्त्री को कलौंजी के तेल का उपयोग नहीं कराना चाहिए इससे गर्भपात होने की सम्भावना रहती है।


कलौंजी का तेल बनाने के लिए 50 ग्राम कलौंजी पीसकर ढाई किलो पानी में उबालें, उबलते-उबलते जब यह केवल एक किलो पानी रह जाए तो इसे ठंडा होने दें। कलौंजी को पानी में गर्म करने पर इसका तेल निकलकर पानी के ऊपर तैरने लगता है। इस तेल पर हाथ फेरकर तब तक कटोरी में पोछें जब तक पानी के ऊपर तैरता हुआ तेल खत्म न हो जाए। फिर इस तेल को छानकर शीशी में भर लें और इसका प्रयोग औषधि के रूप में करें।


आयुर्वेद कहता है कि इसके बीजों की ताकत सात साल तक नष्ट नहीं होती।

दमा, खांसी, एलर्जीः एक कप गर्म पानी में एक चम्मच शहद तथा आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह निराहार (भोजन से पूर्व) पी लेना चाहिए, फिर रात में भोजन के बाद उसी प्रकार आधा चम्मच कलौंजी और एक चम्मच शहद गर्म पानी में मिलाकर इस मिश्रण का सेवन कर लेना चाहिए. इस प्रकार 40 दिनों तक प्रतिदिन दो बार पिया जाए। सर्दी के ठंडे पदार्थ वर्जित हैं।


मधुमेहः एक कप काली चाय में आधा चाय का चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह नाश्ते से पहले पी लेना चाहिए। फिर रात को भोजन के पश्चात सोने से पहले एक कप चाय में एक चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर पी लेना चाहिए। चिकनाई वाले पदार्थों के उपयोग से बचें। इस इलाज के साथ अंगे्रजी दवा का उपयोग होता है तो उसे जारी रखें और बीस दिनों के पश्चात शर्करा की जांच करा लें। यदि शक्कर नार्मल हो गई हो तो अंग्रेजी दवा बंद कर दें, किंतु कलौंजी का सेवन करते रहें।


हृदय रोगः एक कप दूध में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर प्रतिदिन दो बार प्रयोग करें. इस तरह दस दिनों तक उपचार चलता रहे। चिकनाई वाले पदार्थों का सेवन न करें।


नेत्र रोगों की चिकित्साः नेत्रों की लाली, मोतियाबिंद, आंखों से पानी का जाना, आंखों की तकलीफ और आंखों की नसों का कमजोर होना आदि में एक कप गाजर के जूस में आधा चम्मच कलौंजी का तेल दो चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार सुबह (निराहार) और रात में सोते समय लेना चाहिए। इस प्रकार 40 दिनों तक इलाज जारी रखें। नेत्रों को धूप की गर्मी से बचाएं।

अपच या पेट दर्द में आप कलौंजी का काढा बनाइये फिर उसमे काला नमक मिलाकर सेवन करे ।।

Herbal Tooth Powder

 


0 Comments

Leave a Reply

Avatar placeholder

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.