स्पिरुलिना के 10 फायदे – Spirulina Benefits in Hindi

Published by Anushka Chauhan on

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स्पिरुलिना के 10 फायदे – Spirulina Benefits in Hindi

इस भाग में स्पिरुलिना के लाभ बताने से पहले आपको यह बता दें कि औषधि होने के बाद भी स्पिरुलिना किसी बीमारी का इलाज नहीं है। यह महज उनके लक्षणों को कम कर सकती है। बीमारी का सटीक इलाज करवाने के लिए किसी अच्छे डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है। आइए, जानें इसके फायदे –

1. कैंसर से बचाव के लिए Spirulina टेबलेट्स

Spirulina में फाइकोसाइनिन (Phycocyanin) नामक यौगिक पाया जाता है। शोध के मुताबिक, यह यौगिक कैंसर के जोखिम को और इससे बचाव में कुछ हद तक मदद कर सकता है। शोध बताते हैं कि स्पिरुलिना शरीर में कीमोप्रिवेंटिव (Chemopreventive – कैंसर से बचाव) प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है। वहीं, हम यह भी बता दें कि कैंसर एक घातक बीमारी है, इसका इलाज किसी घरेलू नुस्खे से संभव नहीं है। अगर कोई इस बीमारी से ग्रस्त होता है, तो डॉक्टरी उपचार करवाना अतिआवश्यक है।

2. Spirulina उच्च रक्तचाप करे नियंत्रित

उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी समस्या है, जो हृदय-रोग का कारण बन सकता है। बीपी को कम करने के लिए स्पिरुलिना का उपाय किया जा सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, स्पिरुलिना में एंटीहाइपरटेंसिव गुण होते हैं, जिसके कारण यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक हो सकती है।

3. हृदय के लिए है लाभकारी Spirulina कैप्सूल

ऐसे कई शारीरिक विकार हैं जो हृदय रोग का कारण बन सकते हैं, जैसे मोटापा, डायबिटीज और उच्च रक्तचाप। अगर किसी को हृदय रोग से बचना है, तो उसके कारणों को दूर करना जरूरी है। यह स्पिरुलिना टेबलेट्स की मदद से किया जा सकता है। इसमें एंटीहाइपरलिपिडेमिया (लिपिड को कम करने वाले), मोटापा एवं डायबिटीज को नियंत्रित करने वाले गुण पाए जाते हैं, जो हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकते हैं। वहीं, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचा कर हृदय रोग की आशंका को कम कर सकते है।

4. मस्तिष्क स्वास्थ्य

स्पिरुलिना के फायदे में मस्तिष्क स्वास्थ्य भी शामिल है। यह दिमाग में Aβ प्रोटीन के संचय को कम कर घटती याददाश्त को रोक सकती है। स्पिरूलिना मस्तिष्क में सूजन को भी कम करने में सहायक माना गयी है। इसलिए, यह पार्किंसंस रोग (केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का एक विकार) के उपचार में भी सहायक हो सकती है। स्पिरूलिना नए न्यूरॉन्स बनाकर न्यूरोनल घनत्व में भी सुधार कर सकती है, जिससे मस्तिष्क स्वास्थ्य बना रह सकता है।

5. इम्यून सिस्टम

पोषक तत्वों की कमी की वजह से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यूनिटी में कमी आती है। अध्ययनों के मुताबिक, स्पिरुलिना में मौजूद पोषक तत्व पोषण संबंधी कमियों को दूर करइम्यूनिटी में सुधारकर सकते हैं। इम्यूनिटी में होने वाले बदलाव की वजह से टी-कोशिकाओं के उत्पादन में होने वाले परिवर्तन को रोकने में स्पिरुलिना सहायक है।

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6. एनीमिया

एनीमिया का मतलब रक्त में हीमोग्लोबिन या लाल रक्त कोशिकाओं में कमी होना है। एनीमिया के कारण लंबे समय तक तक कमजोरी और थकान का एहसास शरीर में रहता है। स्पिरुलिना में मौजूद आयरन और फोलेट की वजह से स्पिरुलिना टेबलेट्स लेने से लाल रक्त कोशिकाओं के हीमोग्लोबिन की मात्रा में बढ़ोत्तरी हो सकती है और इम्यून सिस्टम को मजबूती मिल सकती है ।

7.Spirulina पाचन शक्ति बेहतर करे

बात जब पाचन शक्ति बेहतर करने की हो, तो सबसे पहला नाम सामने आता है फाइबर। यह पाचन क्रिया मजबूत बनाते हैं और कब्ज से आराम दिलवा सकते हैं। वहीं, ये पेट में लंबे समय तक भरे रहने का एहसास बनाकर, वजन को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकते हैं। बता दें कि फाइबर से भरपूर होने के कारण, स्पिरुलिना कैप्सूल्स का सेवन पाचन शक्ति को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है।

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8. इंफ्लेमेशन से बचाव

स्पिरुलिना अपने कई गुणों के लिए जाना जाता है, जैसे इम्यूनोमॉड्यूलेटरी, एंटीऑक्सिडेंट, एंटीकैंसर, एंटीहाइपरलिपिडेमिक और एंटीडायबिटिक गुण। वहीं, इन्ही में से एक एंटी-इन्फ्लामेट्री भी है। दरअसल, इसका मुख्य घटक फाइकोसाइनिन (phycocyanin) है, जो एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है। इसलिए, कहा जा सकता है कि स्पिरुलिना शरीर में इंफ्लेमेशन को रोकने व नियंत्रित करने में एक अहम भूमिका निभा सकती है। स्पिरुलिना में मौजूद एंटी इंफ्लामेशन गुण गठिया के उपचार में भी सहायक हो सकते हैं।

9. एचआईवी

स्पिरुलिना के फायदे बताते हुए ऊपर लेख में हम जिक्र कर चुके हैं कि यह इम्यूनिटी को बढ़ा सकती है। ऐसे में ये एचआईवी के मरीज, जिनकी इम्यूनिटी काफी कमजोर हो गई है, उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को ठीक करने में मदद कर सकती है। साथ ही इसके बढ़ते इंफेक्शन की गति को धीमा भी कर सकती है।

10. आर्सेनिक विषाक्तता से बचाव

आर्सेनिक एक ऐसा एलिमेंट है, जो धरती के नीचे, पानी, हवा सब जगह पाया जाता है, लेकिन इसमें न तो गंध होती है और न ही कोई स्वाद। अगर इसकी मात्रा शरीर में ज्यादा हो जाती है, तो विषाक्तता यानी पॉइजनिंग हो सकती है। यहां स्पिरुलिना शरीर को आर्सेनिक से बचाने में भी मदद कर सकती है। Spirulina में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और इम्यूनिटी प्रभाव आर्सेनिक को शरीर में जमने से रोक सकते हैं।

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