प्रेगनेंसी में इमली खाने के फायदे – Tamarind (Imli) During Pregnancy In Hindi

Published by Anushka Chauhan on

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प्रेगनेंसी में इमली खाने के फायदे – Tamarind (Imli) During Pregnancy In Hindi

गर्भावस्था में किसी खास खाद्य पदार्थ को खाने की तीव्र इच्छा होना लाजमी है। कई महिलाओं को इस दौरान इमली खाने की क्रेविंग होती है। इसका खट्टा-मीठा स्वाद हमेशा गर्भवतियों को अपनी ओर खींचता है, लेकिन क्या आप जानती हैं कि प्रेगनेंसी में इमली का सेवन कितना सुरक्षित है? अगर नहीं, तो स्टाइलक्रेज के इस लेख को पढ़ें। यहां हम प्रेगनेंसी में इमली खाना कितना सुरक्षित है और इसे खाने से गर्भवती को कोई फायदा होता है या नहीं, ये सब विस्तार से बताएंगे। यही नहीं, आप यहां ये भी जानेंगे कि इमली खाने से गर्भवती और भ्रूण को नुकसान होते हैं या नहीं।

क्या गर्भावस्था में इमली का सेवन सुरक्षित है? – Is it Safe to Eat Imli While Pregnant?

हां, प्रेगनेंसी के दौरान इमली का सेवन सीमित मात्रा में कर सकते हैं। एक रिसर्च में बताया गया है कि गर्भावस्था में होने वाली उल्टी और जी मिचलाने की परेशानी को दूर करने में इमली लाभदायक हो सकती है। साथ ही इसे कोल्ड, पेट दर्द, इंफेक्शन, जोड़ो की सूजन जैसी समस्या को भी दूर करने के लिए जाना जाता है।

यही नहीं, इसमें मौजूद विटामिन सी शरीर में आयरन को अवशोषित करने में मदद करता है। इससे आयरन की कमी के कारण होने वाले एनीमिया से बचने में भी मदद मिल सकती है। साथ ही इसमें प्रेगनेंसी के लिए जरूरी फोलेट और अन्य पोषक तत्व भी होते हैं, जिस वजह से प्रेंगनेंसी के लिए इसे अच्छा और सुरक्षित बताया जाता है।

प्रेगनेंसी में इमली खाने के फायदे – Benefits of Eating Imli During Pregnancy In Hindi

गर्भावस्था में इमली का सेवन करने से होने वाले फायदों के बारे में हम आगे वैज्ञानिक रिसर्च के आधार पर जानकारी दे रहे हैं। बस प्रेगनेंसी में इमली के फायदे जानने के बाद इसका सेवन अधिक मात्रा में करने न लगें। हर खाद्य पदार्थ का सेवन सीमित मात्रा में करने पर ही उसके लाभ मिलते हैं। चलिए, अब प्रेगनेंसी में इमली खाने के फायदे पढ़ते हैं।

Benefits of Eating Imli During Pregnancy

Benefits of Eating Imli During Pregnancy

1. मधुमेह से बचाव

प्रेगनेंसी में इमली का सेवन करने से डायबीटिज की परेशानी कम हो सकती है। दरअसल, इसमें मौजूद पॉलीफेनॉल्स में एंटीऑक्सीडेंट क्षमता होती है। इससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाली समस्या कम हो सकती, जिसमें डायबिटीज भी शामिल है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि प्रेगनेंसी में इमली खाने से मधुमेह की शिकायत दूर हो सकती है।

2. उच्च रक्तचाप की समस्या

गर्भावस्था के दौरान होने वाले उच्च रक्तचाप यानी जेस्टेशनल हाइपरटेंशन से बचाव में भी इमली मददगार साबित हो सकती है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) द्वारा प्रकाशित एक रिसर्च में भी कहा गया है कि हाई बीपी की समस्या को इमली कम कर सकती है (4)। साथ ही इसके बीज के अर्क में मौजूद पोलिफिनोलिक भी रक्तचाप को नियंत्रित कर सकता है।

3. फोलेट युक्त

प्रेगनेंसी में फोलेट भी जरूरी है, जो इमली में भरपूर मात्रा में होता है। रिसर्च के दौरान पाया गया है कि फोलेट और फोलेट युक्त खाद्य पदार्थ को आहार में शामिल करने वाली गर्भवतियों के गर्भस्थ शिशु को तंत्रिका तंत्र से संबंधित दोष यानी न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट का जोखिम कम होता है। साथ ही यह पोषक तत्व गर्भवती को मिसकैरेज के खतरे, जन्म से पहले प्रसव और लो बर्थ वेट की परेशानी से बचा सकता है।

Benefits of Eating Imli During Pregnancy

Benefits of Eating Imli During Pregnancy

4. विटामिन सी से भरपूर

विटामिन सी की पूर्ति व इसकी संतुलित मात्रा को बनाए रखने में भी इमली सहायक हो सकती है। एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि इमली में मौजूद विटामिन सी गर्भावस्था के लिए अच्छा होता है। एनसीबीआई द्वारा पब्लिश एक रिसर्च पेपर में भी गर्भावस्था में विटामिन सी के फायदों का जिक्र मिलता है। शोध के अनुसार, गर्भावस्था में विटामिन सी का सेवन करने करने से प्री-एक्लेमप्सिया (उच्च रक्तचाप) से बचाव हो सकता है।

यही नहीं, शिशु के अंतर्गर्भाशयी विकास में आने वाली बाधा को दूर करने और मेटरनल एनीमिया के जोखिम को कम करने में भी मदद मिल सकती है। एक अन्य रिसर्च के मुताबिक, प्रसव से पहले व बाद में होने वाले जच्चा-बच्चा की मृत्यु से बचाव में भी विटामिन सी अहम भूमिका निभा सकता है।

5. कब्ज के लिए

प्रेगनेंसी में कब्ज की शिकायत होना आम है। इससे राहत पाने के लिए इमली का सेवन किया जा सकता है। रिसर्च बताती हैं कि इसमें टाट्रिक और मैलिक एसिड के साथ ही पोटेशियम भी होता है, जो लैग्जेटिव प्रभाव दिखाते हैं।इससे मल निकासी में आसानी होती है, जिससे कब्ज की शिकायत दूर हो सकती है। साथ ही इमली में फाइबर की भी कुछ मात्रा होती है, जो कब्ज की परेशानी को कम कर सकता है। इसी वजह से प्रेगनेंसी में गाजर खाने के फायदे में कब्ज को भी गिना जाता है।

6. एनीमिया

महिलाओं में गर्भावस्था के समय खून की कमी यानी एनीमिया होने का जोखिम बना रहता है। रिसर्च बताती हैं कि 32 से 62 प्रतिशत प्रगनेंसी एनीमिया से प्रभावित होती हैं। इससे बचाव में इमली मदद कर सकती है। दरअसल, इसमें मौजूद विटामिन सी शरीर में आयरन को अवशोषित करता है। इससे आयरन की कमी के कारण होने वाले एनीमिया से बचाव हो सकता है। इसके लिए इमली को सीधे या इससे बने पेय पदार्थ को पी सकते हैं।

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गर्भावस्था में इमली को अपने आहार में कैसे शामिल करें

इमली को डाइट में कई तरीकों से शामिल किया जा सकता है, जो कुछ इस प्रकार हैं।

  • इमली का सेवन सीधे कर सकते हैं।
  • गर्भावस्था में इमली का आचार बनाकर खाया जा सकता है।
  • इमली की स्वादिष्ट चटनी बनाकर भी खा सकते हैं।
  • शरबत में इमली डालकर सेवन कर सकते हैं।

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