ब्राह्मी के 10 फायदे – Brahmi 10 Benefits in Hindi
ब्राह्मी के 10 फायदे – Brahmi 10 Benefits in Hindi
दुनिया भर में कई प्रकार की जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं, जिनका उपयोग चिकित्सा के क्षेत्र में किया जाता है। इन जड़ी-बूटियों में से किसी की जड़, फल, फूल तो किसी की छाल दवाई बनाने के काम आती है। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम ऐसी ही एक जड़ी-बूटी ब्राह्मी के बारे में बता रहे हैं। इस आयुर्वेदिक पौधे का एक-एक हिस्सा औषधि के रूप में उपयोग में लाया जाता है। क्या हैं ब्राह्मी के फायदे, उपयोग के तरीके और नुकसान, इस लेख में जानिए।
ब्राह्मी के फायदे – Benefits of Brahmi in Hindi
प्राचीन काल से चिकित्सा के क्षेत्र में ब्राह्मी जड़ी बूटी का उपयोग किया जा रहा है। इसके तमाम गुणों का ही परिणाम है कि वैज्ञानिक निरंतर इसको लेकर शोध कर रहे हैं। यहां हम ब्राह्मी के कुछ प्रमाणित फायदों के बारे में बता रहे हैं।
1. अल्जाइमर रोग में सहायक
ब्राह्मी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी व एंटीकॉन्वेलसेंट गुण हाेते हैं। ये गुण मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार कर सकते हैं। साथ ही मिर्गी, अनिद्रा और चिंता को दूर करने में भी ये कारगर माने जाते हैं। इसके अलावा, ब्राह्मी में मौजूद ये गुण अल्जाइमर यानी याददाश्त कमजोर होने की बीमारी को भी दूर करने में सहायक हो सकते हैं।
2. रक्त संचार के लिए Brahmi चूर्ण
Brahmi के फायदे रक्त संचार में भी देखे जा सकते हैं। ब्राह्मी बूटी हृदय और रक्त वाहिकाओं के अंदर मौजूद एंडोथेलियम मेमबरेन से नाइट्रिक ऑक्साइड रिलीज करके रक्तचाप के खतरे को कम कर सकती है। साथ ही इससे रक्त को पतला करने में मदद मिल सकती है, जिससे नसों में रक्त का प्रवाह आसानी से हो सकता है। इस आधार पर माना जा सकता है कि ब्राह्मी जड़ी बूटी रक्त संचार में सुधार करने में लाभकारी हो सकती है।
3. चिंता को दूर करे
आयुर्वेद में सालों से ब्राह्मी का उपयोग चिंता को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। इसी वजह से ब्राह्मी के फायदे में चिंता दूर करना भी शामिल है। दरअसल, ब्राह्मी को एक एडाप्टोजेनिक जड़ी-बूटी माना जाता है यानी यह शरीर के तनाव को दूर करने में कारगर हो सकती है। इस आधार पर यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि चिंता दूर करने के तरीके में ब्राह्मी को भी शामिल किया जा सकता है।
4. कैंसर के लिए Brahmi के गुण
Brahmi का उपयोग कैंसर के जोखिम को कम करने में लाभकारी माना जा सकता है। इसकी वजह ब्राह्मी जड़ी बूटी में मौजूद एंटी कैंसर गुण है, जो ब्रेस्ट कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोक सकता है। एक अन्य शोध की मानें, तो ब्राह्मी कोलन कैंसर की हानिकारक कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में मददगार साबित हो सकती है। बस ध्यान दें कि कैंसर एक गंभीर बीमारी है। इसका डॉक्टर से ट्रीटमेंट करवाना जरूरी है। ब्राह्मी से कैंसर का इलाज होता है, यह समझने की भूल न करें।
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5. दर्द में ब्राह्मी तेल के फायदे
Brahmi को दर्द निवारक के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। इसमें पाया जाने वाला एंटीनोसिसेप्टिव प्रभाव इसमें मदद कर सकता है। दरअसल, इस प्रभाव को दर्द कम करने के लिए जाना जाता है। इसी वजह से ब्राह्मी को दर्द निवारक औषधि के रूप में जाना जाता है। इस गुण के कारण ब्राह्मी को न्यूरोपैथिक दर्द की स्थिति में घरेलू इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
6. प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार
Brahmi बूटी प्राकृतिक रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद कर सकती है। शोध की मानें, तो ब्राह्मी का सेवन करने से शरीर में इम्युनोग्लोबुलिन एंटीबॉडीज का उत्पादन बढ़ सकता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि ब्राह्मी से शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ सकती है और बीमारियों से लड़ने में फायदा मिल सकता है।
7. शुगर को नियंत्रित करने में ब्राह्मी के फायदे
ब्राह्मी में एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ एंटीडायबिटिक प्रभाव भी पाए जाते हैं। यही कारण है कि ब्राह्मी शुगर को नियंत्रित कर सकती है। साथ ही इसमें एंटीहाइपरग्लाइसेमिक गुण भी होता है, जिस कारण टाइप 2 डायबिटीज में ब्राह्मी के सकारात्मक प्रभाव देखे गए हैं। इस आधार पर माना जा सकता है कि यह बूटी शुगर को नियंत्रित रखने में फायदेमंद हो सकती है।
8. पाचन तंत्र को मजबूत करे ब्राह्मी जड़ी बूटी
ब्राह्मी को विटामिन और मिनरल का अच्छा स्राेत माना जाता है । इसमें कुछ फाइबर की मात्रा भी मौजूद होती है। फाइबर आंतों में से हानिकारक पदार्थों को साफ करके पाचन तंत्र को मजबूत करने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा, यह पाचन प्रणाली को धीमा कर भरपूर ऊर्जा प्रदान करता है और मल की निकासी में सहायता कर सकता है ।
9. मिर्गी के लिए ब्राह्मी के उपचार
आयुर्वेद में ब्राह्मी का उपयोग सदियों से नर्व टॉनिक के रूप में नर्वस सिस्टम के विकारों को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। साथ ही मिर्गी की आयुर्वेदिक दवाओं जैसे मेंटट में एंटीपीलेप्टिक (मिर्गी को ठीक करने का प्रभाव) होता है और खास बात यह है कि इसमें बतौर सामग्री ब्राह्मी का उपयोग होता है। ऐसे में कह सकते हैं कि ब्राह्मी के सेवन से इस रोग को दूर किया जा सकता है और बीमारी के दौरान भी इसका उपयोग फायदेमंद हो सकता है।
10. सांस संबंधी समस्या में ब्राह्मी के फायदे
ब्राह्मी का अर्क या जूस एंटीऑक्सीडेंट और एडेप्टोजेनिक से समृद्ध होता है, जिसके प्रभाव से ब्राह्मी ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी बीमारी दूर हो सकती है । ब्रोंकाइटिस में श्वास नली में जलन और सूजन होती है, जिस कारण सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। ऐसे में कहा जा सकता है कि सांस संबंधी समस्याओं में ब्राह्मी के गुण उपयोगी साबित हो सकते हैं।
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