अर्जुन की छाल के 10 फायदे – Arjun Chaal Ke 10 Fayde

अर्जुन की छाल के 10 फायदे – Arjun Chaal Ke 10 Fayde
अमरूद की समान पत्तियों वाले लेकिन आकार में इससे बहुत बड़े अर्जुन वृक्ष का वैज्ञानिक नाम टर्मिमिनेलिया अर्जुना है. अलग-अलग क्षेत्रों में इसे धवल, कुकुभ और नाडिसार्ज जैसे नामों से भी जानते हैं. अर्जुन वृक्ष एक सदाबहार यानी हमेशा हरा-भरा आने वाला वृक्ष है. अर्जुन वृक्ष का नाम प्रमुख औषधीय वृक्षों में है. इसका इस्तेमाल ह्रदय रोग में प्राचीन काल से ही होता आ रहा है. अर्जुन वृक्ष के छाल के चूर्ण, काढ़ा, अरिष्ट आदि के रूप में उपयोग किया जाता है.

अर्जुन की छाल
Arjun chaal के फायदे:
- उच्च रक्तचाप को कम करने में अर्जुन वृक्ष की छाल काफी लाभदायक साबित होती है. दरअसल इसकी छाल कोलेस्ट्रॉल को कम करके लिपिड ट्राइग्लिसराइड का स्तर भी घटाते हैं. इसके छाल का सेवन रक्त प्रवाह के अवरोध को भी दूर करता है. इसके लिए आपको एक चम्मच अर्जुन वृक्ष की छाल का पाउडर दो गिलास पानी में आधा रह जाने तक उबालकर इस पानी को सुबह-शाम पिएं. ऐसा करने से बंद हुई धमनियां खुल जाएंगी और कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी कम हो जाएगा
- बालों के विकास के लिएअर्जुन वृक्ष की छाल का उपयोग हम बालों के विकास के लिए भी कर सकते हैं. सर के बाल में अर्जुन वृक्ष की छाल और मेहंदी का मिश्रण लगाने से सर के बाल सफेद से काले होने लगते हैं. इससे बालों में मजबूती भी आती है.
- खांसी में सूखे हुए अर्जुन वृक्ष की छाल का बारीक पाउडर, ताजे हरे अडूसे के पत्तों के रस में मिलाकर इसे फिर से सुखा लें. ऐसा इसी तरह से मिला-मिला कर सात बार के बाद जो चूर्ण बचता है. उसमें शहद मिलाकर खांसी पीड़ित को देने से वो राहत महसूस करता है.
- मोटापा दूर करने में मोटापे से परेशान लोग अर्जुन वृक्ष की छाल का काढ़ा सुबह शाम पीकर अपनी परेशानी कम कर सकते हैं. यह मोटापे को इतनी तेजी से कम करता है कि एक महीने में ही इसका असर दिखने लगता है.
- शुगर मेंशुगर के मरीज भी अर्जुन वृक्ष की छाल से अपनी परेशानी खत्म कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें अर्जुन वृक्ष की छाल का चूर्ण, देसी जामुन के बीजों के चूर्ण की समान मात्रा के साथ मिलाकर सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ लें. दूसरा विकल्प है कि अर्जुन वृक्ष के छाल, कदम की छाल, जामुन की छाल और अजवायन एक समान मात्रा, पीसकर बारीक पाउडर बना लें. इस पाउडर में आधा लीटर पानी मिलाकर काढ़ा बनाएं और इस काढ़े को सुबह शाम 3 सप्ताह तक लगातार प्रयोग करें. इससे मधुमेह में राहत मिलेगी.
- त्वचा के लिए त्वचा की कई समस्याओं को खत्म करने में अर्जुन वृक्ष के छाल का असर प्रभावशाली होता है. अर्जुन वृक्ष की छाल, बदाम, हल्दी और कपूर की एक समान मात्रा को पीस कर उबटन की तरह चेहरे पर लगाएं ऐसा करने से चेहरे के सारे रिंकल्स चले जाते हैं और चेहरे में निखार आता है.
- मुंह के छालों के उपचार में मुंह के छालों से परेशान व्यक्ति भी अर्जुन की छाल का उपयोग कर सकता है. इसके लिए नारियल के तेल में अर्जुन की छाल का चूर्ण मिलाकर मुंह के छालों पर लगाने से आपकी परेशानी निश्चित रूप से कम होगी. यही नहीं ऐसे थोड़े गुड़ के साथ लेने से बुखार में भी आराम मिलता है.
- पेशाब की रुकावट दूर करने में अर्जुन वृक्ष की छाल से बना हुआ काढ़ा पीने से पेशाब की रुकावट दूर होती है. इसके लिए अर्जुन वृक्ष की छाल को पीसकर दो कप पानी में उबालें जब जब पानी आधा रह जाए तो इसे ठंडा होने के बाद रोगी को पिलाएं. दिन में एक बार पिलाने से यह पेशाब की रुकावट को दूर कर देता है.
- सूजन को कम करने में भी अर्जुन वृक्ष के छाल की सकारात्मक भूमिका है. इसके लिए अर्जुन वृक्ष की छाल का महीन पिसा हुआ चूर्ण 5 से 10 ग्राम मात्रा में क्षीरपाक विधि से खिलाने से हृदय रोग के साथ-साथ इससे पैदा होने वाली सूजन में भी कमी आती है. इसके अलावा लगभग 1 से 3 ग्राम चूर्ण खिलाने से सूजन में कमी आती है. उससे संबंधित परेशानियां भी दूर होती हैं
- ह्रदय से हृदय के विकारों में ह्रदय से संबंधित तमाम विकारों जैसे की अनियमित धड़कन और सूजन आदि को दूर करने में भी अर्जुन वृक्ष का छाल सहायक होता है. यह स्ट्रोक के खतरे को भी कम करती है. इसके लिए अर्जुन वृक्ष की छाल को जंगली प्याज की समान मात्रा के साथ मिलाकर चूर्ण बनाएं इस चूर्ण को रोजाना आधा चम्मच दूध के साथ हृदय रोगी को देने से हृदय की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है. ये ब्लॉकेज में भी लाभदायक होता है. खाना खाने के बाद दो चम्मच लगभग 20 mm अर्जुनारिष्ट आधा कप पानी में मिलाकर दो 3 माह तक पीने से हृदय रोगियों को तमाम परेशानियों से मुक्ति मिलती है.
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