सेहत के लिए टॉनिक से कम नहीं है गाजर का जूस। गाजर के जूस के 7 फायदे।
सेहत के लिए टॉनिक से कम नहीं है गाजर का जूस। गाजर के जूस के 7 फायदे।
शरीर को तरोताजा रखने के लिए गाजर का जूस फायदेमंद माना जाता है, लेकिन इसके लाभ यहीं समाप्त नहीं होते। यह कई ऐसे पोषक तत्वों से समृद्ध है, जो शरीर को स्वस्थ रखने और बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकते हैं। यह विटामिन ए का अच्छा स्रोत है, जिसके कारण आंखों की रोशनी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
गाजर का जूस एंटीऑक्सीडेंट को बढ़ाकर हृदय की कार्यप्रणाली के लिए भी मददगार साबित हो सकता है। साथ ही गाजर का जूस गर्भावस्था में आवश्यक वजन बढ़ाने का काम कर सकता है। इसे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है। यही नहीं, इससे शरीर हाइड्रेट भी रहता है।
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चलिए, अब पढ़ते हैं गाजर के जूस के फायदे।
- कैंसर से बचाव
गाजर का जूस पीने के फायदे कई हैं। माना जाता है कि इसके सेवन से कैंसर से बचा जा सकता है। दरअसल, गाजर में एंटी-कार्सिनोजेनिक प्रभाव होता है, जो कैंसर के जोखिम को दूर रख सकता है। साथ ही गाजर, प्रोविटामिन ए के उच्च स्रोतों में से एक है। यह रजोनिवृत्ति के बाद ब्रेस्ट कैंसर होने के खतरे को कम कर सकता है। साथ ही इससे धूम्रपान करने वालों में फेफड़ों के कैंसर का खतरा कम हो सकता है। ध्यान दें कि यह एक गंभीर बीमारी है। इसके इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। घरेलू उपचार से इसका इलाज नहीं हो सकता है।
- प्रतिरक्षा प्रणाली की मजबूती
गाजर के जूस के फायदे में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना भी शामिल है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) द्वारा पब्लिश आर्टिकल में भी इस बात का जिक्र मिलता है। रिसर्च में बताया गया है कि मानव शरीर के लिए जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्वों में कैरोटीनॉयड ( Carotenoid) भी शामिल है, जो गाजर में पर्याप्त मात्रा में होता है। यह कैरोटीनॉयड, रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने का काम कर सकता है।
- आंखों के लिए
आंखों के स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए गाजर के जूस का सेवन किया जा सकता है। जी हां, एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार, गाजर का जूस शरीर में विटामिन ए की पूर्ति कर दृष्टि क्षमता को बढ़ाने का काम कर सकता है। एक अन्य शोध के मुताबिक,गाजर बीटा कैरोटीन का अच्छा स्रोत है, जो आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि गाजर आंखों के लिए अच्छा होता है।
- मधुमेह में राहत
गाजर के जूस का उपयोग डायबिटीज की समस्या में भी लाभकारी हो सकता है। इस संबंध में प्रकाशित एक वैज्ञानिक रिसर्च की मानें, तो गाजर के रस में एंटी डायबिटिक प्रभाव होता है। यह प्रभाव रक्त शुगर के स्तर को कम करके मधुमेह से राहत दिला सकता है। गर्भावस्था के दौरान मधुमेह से बचने के लिए भी आहार में गाजर का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि मधुमेह से राहत पाने में गाजर का रस सहायक साबित हो सकता है।
- गर्भावस्था में लाभदायक
मां बनने से पहले गर्भावस्था में खानपान का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है। इस दौर में गाजर के जूस के फायदे भी होते हैं, इसलिए इसे डाइट में शामिल किया जा सकता है। बताया जाता है कि गाजर का जूस गर्भावस्था में मधुमेह से बचाव कर सकता है। साथ ही इस दौरान महिला का वजन सही होना जरूरी है, इसलिए गर्भावस्था में जिनका वजन कम होता है डॉक्टर उन्हें गाजर का जूस पीने की सलाह दे सकते हैं। इसके लिए जूस में पाए जाने वाले विटामिन सी और बीटा कैरोटीन को फायदेमंद माना जाता है।
- मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए
मस्तिष्क स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए गाजर के जूस का सेवन किया जा सकता है। गाजर में नियासिन विटामिन होता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, सिजोफ्रेनिया रोगियों के लिए रोजाना गाजर का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। सिजोफ्रेनिया में स्पष्ट रूप से सोचने और चीजें महसूस करने की क्षमता का खत्म होने लगती है।
अन्य शोध के अनुसार, गाजर में ल्यूटोलिन (कंपाउंड) होता है, जो मस्तिष्क के ऊतकों में होने वाली सूजन को कम करता है। साथ ही यह न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों (मानसिक विकार) व न्यूरोनल सेल डेथ (मस्तिष्क की कोशिकाओं की क्षति) को नियंत्रित कर सकता है। बताया जाता है कि मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए गाजर का सेवन सलाद के रूप में, सीधे कच्चा या पालक के साथ जूस बनाकर किया जा सकता है।
- उपापचय में सहायक
उपापचय (Metabolism) को सामान्य बनाए रखने के लिए गाजर के जूस के फायदे देखे जा सकते हैं। गाजर मैंगनीज का अच्छा स्रोत है, जो शरीर में एंजाइमों के साथ मिलकर कार्बोहाइड्रेट मेटाबॉलिज्म में मदद कर सकता है। इसके अलावा, गाजर में मोलिब्डेनम नामक खास तत्व होता है, जो फैट मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने का काम कर सकता है। यही नही्ं, गाजर में मौजूद विटामिन-सी, विटामिन-के, थायमिन (बी1), राइबोफ्लेविन (बी2), पाइरिडोक्सिन (बी6) और फोलेट (बी9) भी कार्बोहाइड्रेट चयापचय में मदद कर सकते हैं।
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