इंडिया में बीमारी की दुकान, मिठाई की दुकान से शुरू होती है

Published by Aahar Chetna on

mithai

India me Bimari ki Dukaan, Mithai ki Dukaan se shuru hoti hai

मीठा शायद ही किसी को पसंद न हो। हम भारतीयों का पर्व-त्योहार मीठा के बिना अधूरा है। चाहे किसी भी रूप में हम मीठे पकवान का प्रयोग करते हैं।

“मीठा कंट्रोल नहीं होता तब बीमारियाँ डब्बे में पैक होकर घर तक पहुँचती है।“

वैसे देखा जाये तो मीठे पकवान और मिठाइयों का इतिहास हमारे देश में काफी पुराना है। पर अचानक ऐसा क्या हो गया की यही मीठा बीमारियों का कारण बनने लगा।

सवाल यह उठता है कि क्या पहले लोग मीठा नहीं खाते थे, यदि खाते थे तो उनको डायबिटीज़, हार्ट कि बीमारियाँ, कैंसर, बी.पी जैसी नहीं होती थी?

बात यहाँ यह है कि मिठाई कि दुकान से इंडिया में बीमारियों कि दुकान कैसे चल रही है।

जानते हैं ऐसे 4 प्रॉडक्ट के बारे में हैं जो इन गंभीर बीमारियों के लिए कारण माने जाते हैं: 4 Unhealthy products

चीनी (Sugar)

Sugar

चीनी अकेला ऐसा प्रॉडक्ट है जो कई बीमारियों का कारण है जिनमे मुख्य है डायबिटीज़। भारत में चीनी का इतिहास अंग्रेजों के इतिहास से शुरू होता है। चीनी गन्ने के रस बनाया जाता है पर इसमें कई तरह के हानिकारक केमिकल्स का प्रयोग किया जाता है। जिनमे सल्फर, बेंज़ोल पेरोक्साइड, मिथाइल क्लोराइड जैसे केमिकल्स शामिल हैं। यही नहीं चीनी को साफ करने के लिए बोन चारकोल यानि हड्डी के चारकोल का भी प्रयोग किया जाता है।

मिठाई कि दुकान में प्रतिदिन चीनी कि कितनी खपत होती है आप खुद भी समझ सकते हैं और इस चीनी से बने मिठाई डब्बे में भरकर हमलोगों के घर पर पहुंचता है और धीरे-धीरे इसका असर हमारे स्वास्थ्य पर दिखने लगता है।

रिफाइंड तेल (Refined Oil)

Refined Oil

मिठाई दुकानों में मिठास के लिए तो चीनी जरूरी है पर ऐसे मिठाई या नमकीन जिन्हे छनना पड़ता है उसका क्या? इसके लिए प्रयोग होता है रिफाइंड तेल जो कि सस्ता भी है और आसानी से उपलब्ध भी तो भला कोई क्यों न उपयोग करे।

रिफाइंड तेल के बारे में यही कहा जाता है कि बिना केमिकल का रिफाइंड तेल तैयार नहीं हो सकता और यह सच भी है। रिफाइंड तेल को सोलवेंट एक्स्ट्राक्सन प्रोसैस से तैयार किया जाता है।

सबसे सस्ता रिफाइंड तेल पाम ऑइल से तैयार किया जाता है और रिफाइंड तेल का बेस मटिरियल भी पाम ऑइल ही है।

रंग (Color)

Food Color

रंग जीवन में न रहे तो जीवन भी बदरंग हो जाता है। तो भला ये मिठाई इसके बिना रह सकते हैं। रंगों के प्रयोग भी खूब किया जाता है क्योंकि मिठाई को सुंदर भी तो दिखाना है। ये सभी सिंथेटिक रंग होते हैं जिनका हमारे स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। ये सभी अप्राकृतिक रंग बीमारियों के कारण में शामिल हैं।

अजीनोमोटो  (Ajinomoto)

Ajinomoto

एक चमकीला नमक जैसा दिखने वाला पदार्थ जो प्रयोग होने के बाद कहीं भी दिखाई नहीं देता पर खराब स्वाद को भी लाजवाब बना देता है। चाहे आप होटलों में या रेस्टोरेन्ट में पनीर की सब्जी खायें या चिकन/मटन। आखिर वो स्वाद आपके घर में क्यों नहीं बनता कभी आपने सोचा है।

अजीनोमोट फ़ास्ट-फूड की जान है इसके बिना रेस्टोरेन्ट का बेस्वाद आइटम की हालत ऐसी रहती है ऐसे आत्मा बिना शरीर।

क्या यह अजीनोमोट भी हानिकारक है?

जी हाँ इसकी उत्पत्ति जिस देश में हुई है वहाँ भी इसे स्लो पोइजन (Slow Poison) कहा जाता है। क्योंकि यह एक कार्सिनोजेन प्रॉडक्ट है और यह कई बीमारियों के साथ-साथ कैंसर के लिए भी जिम्मेदार है।

 

स्वास्थ्य किसी दुकान, किसी मेडिकल शॉप पर नहीं मिलती स्वस्थ भोजन से और अच्छी दिनचर्या से मिलती है।

 


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