वातरोग
- सोंठ के 20 से 40 मिली काढ़े में 5 से 10 ग्राम अरण्डी का तेल डालकर सोते समय लेने पर खूब लाभ होता है।
- महुएं के तेल में कूपर मिलाकर मालिश करें। लहसुन का सेवन करें।
- धतूरे के पत्तों का भुर्ता बनाकर दर्द की जगह पर बांधे।
- प्रतिदिन लहसुन की 4-5 कलियां घी में भूनकर भोजन के साथ खाएं।
- प्रतिदिन जो मालिश करते हैं उनको वात रोग नहीं होते। कम से कम सप्ताह में एक बार तेल की मालिश करें।
- सोंठ के साथ गुडुच (गिलोय) का काढ़ा 20 से 40 मिली 15 दिन पीने से संविधात दूर होता है।
0 Comments