दमा अस्थमा
जब फेफड़ों में जकड़न एवं संकुचन होने के कारण साँस लेने में तकलीफ हो तो यह दमा की स्थिति कहलाती है। ज़्यादातर यह रोग अधिक उम्र के लोगों को होता है। धूल और धुआँ भरे माहौल में रहने के कारण भी यह हो सकता है। प्रायः यह रोग अनुवांशिक होता है। अत्यधिक धूम्रपान करने वालों को भी यह रोग होता है। इसमें रोगी को साँस लेने में तकलीफ होती है यह तकलीफ कभी कम कभी ज्यादा घटती-बढ़ती रहती है। कभी-कभी खाँसी के साथ कफ निकलता है तो रोगी को आराम मिलता है। बलगम न निकले तो रोगी का हाल बेहाल हो जाता है।
इसके कुछ घरेलू उपाय निम्नलिखित है:-
- दमा/अस्थमा के लिए दालचीनी को पाउडर बनाकर शहद के साथ लेना है। एक चम्मच दालचीनी पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाकर खाली पेट सुबह उसे चाटिए और ऊपर से गुनगुना पानी पी लीजिए। ½ कप गौमूत्र रोज खाली पेट लें।
- तेजपात के पत्तों का चूर्ण अदरक के रस के साथ 3एनए से दमे में काफी लाभ होता है।
- प्रातःकाल खाली पेट 3-4 चम्मच अदरक का रस शहद के साथ लेने से काफी आराम मिलता है।
- तुलसी के पत्तों के रस साथ 2-3 काली मिर्च का पाउडर मिलाकर चाटने से रोग में आराम मिलता है।
- अदरक के साथ नींबू का रस चूसने से भी आराम मिलता है।
- जब दमे का दौरा पड़े उस समय जरा सी फिटकरी जीभ पर रखकर चुसने से तुरंत आराम मिलता है।
- रोगी की छाती को गर्म पानी के सेंक से काफी आराम मिलता है।
- श्वास फूलने के दौरान गर्म पानी पीने से आराम मिलता है।
- सेंधा नमक और देशी गाय का घी मिलाकर छाती पर मलने से काफी आराम मिलता है।
- हार सिंगार की छाल का चूर्ण पान के साथ खाने से दमा में काफी आराम मिलता है।
- तुलसी और अदरक का रस बराबर मात्रा में शहद के साथ लेने से आराम मिलता है।
- इस रोग को ठीक करने में Breathon गौ अर्क और घनवटी/टैबलेट बहुत ही कारगर है क्योंकि पूर्ण परहेज के साथ इसके सेवन से श्वास संबन्धित सभी समस्याएँ ठीक हो जाती हैं।
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