1: पुराने बुखार के लिए गिलोय आयुर्वेद में बुखार दो कारणों से होता है- अमा (पाचन ठीक से न होने के कारण शरीर में विषैला पदार्थ रह जाता है

2: डेंगू बुखार के लिए गिलोय गिलोय एक ज्वरनाशक औषधि है। यह डेंगू बुखार में प्लेटलेट काउंट में सुधार करता है और जटिलताओं की संभावना को कम करता है।

3: परागज ज्वर के लिए गिलोय गिलोय परागज ज्वर जिसे एलर्जिक राइनाइटिस भी कहा जाता है, में बहुत उपयोगी है।

4: कोरोना वायरस संक्रमण के लिए गिलोय गिलोय प्रतिरक्षा को बढ़ा सकता है इसलिए यह विभिन्न बुखारों के लिए उपयोगी हो सकता है

5: ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है आयुर्वेद में गिलोय को 'मधुनाशिनी' के नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ है 'शुगर को नष्ट करने वाली'। यह इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है

6: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है यह जड़ी बूटी हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करती है और व्यक्ति में जीवन शक्ति बढ़ाती है।

7: पाचन में सुधार गिलोय पाचन में सुधार करता है और पाचन संबंधी समस्याओं जैसे दस्त, कोलाइटिस, उल्टी, हाइपरएसिडिटी आदि को कम करता है।

8: तनाव और चिंता को कम करता है मानसिक तनाव और चिंता को कम करने के लिए गिलोय एक बेहतरीन उपाय है ।

9: गठिया और गठिया का इलाज करता है गिलोय में सूजनरोधी और गठियारोधी गुण होते हैं जो गठिया और गठिया को कम करने में मदद करते हैं।

10: आंखों की रोशनी बढ़ाता है आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए गिलोय बहुत प्रभावी है । इसका प्रयोग आमतौर पर पंचकर्म में किया जाता है।